|
|
(GMT+08:00)
2004-08-27 14:38:45
|
|
विज्ञान व तकनीक की प्रगतियों के बारे में कुछ रिपोर्टें
cri
आज उन्नत तकनीकें चीन के तकनीक बाजारों में प्रमुख भूमिका निभाती हैं । एक रिपोर्ट के अनुसार गत वर्ष चीन के घरेलू तकनीक व्यापार का 90 प्रतिशत इलेक्ट्रनिक्स सूचना , नयी दवा , और जैव तकनीक आदि से संबंधित था । इधर चीन के उद्योगधंधों ने उन्नत तकनीकों के जरिये अपने पुनःनिर्माण पर विशेष ध्यान दिया है और उन में उन्नत तकनीक पर आधारित उत्पादन का विचार भी मजबूत हुआ है , कुछ विदेशी उद्योगधंधों के चीन में प्रविष्ट होने से भी इस रूझान को बढ़ावा मिला है । चीनी विज्ञान व तकनीक मंत्रालय के एक अधिकारी ने हाल ही में यह जानकारी दी कि चीन , इलेक्ट्रोनिक गाड़ियों के अनुसंधान व निर्माण में अठासी करोड़ युवान की पूंजी लगाएगा । उन्हों ने कहा कि इलेक्ट्रोनिक गाड़ियों से न केवल तेल बचाया जा सकेगा, प्रदूषण में कमी लायी जा सकेगी , और चीन व विकसित देशों के बीच तकनालाजी के स्तर पर फर्क को भी कम किया जा सकेगा । पूर्वी चीन के शांघाई शहर में हाल में एक चुंबकीय बल से चलने वाली रेल की पट्टी का निर्माण पूरा हो गया है , यह दुनिया में प्रथम व्यवहारिक चुंबकीय रेल मार्ग है । इस रेल मार्ग की लम्बाई 31 किलोमीटर है और इस के निर्माण में लगभग नौ सौ करोड़ युवान की पूंजी लगी है । इस रेल मार्ग का इस्तेमाल , मुख्य तौर पर यातायात व पर्यट्न के लिये किया जाएगा। चीन के राष्टीय अंतरिक्ष उड्डयन ब्यूरो के एक पदाधिकारी के अनुसार चीन ने इधर के वर्षों में अंतरिक्ष उड्डयन के क्षेत्र में रूस , फ्रांस और ब्राजील आदि दसेक देशों के साथ सरकारी सहयोग की संरचना कायम की है । चीन और रूस के बीच प्रधानमंत्री के तहत एक सहयोगी कमेटी की स्थापना हो गयी है । चीन और ब्राजील ने संयुक्त रूप से पृथ्वी संसाधन उपग्रह बनाने में भारी प्रगती प्राप्त की है । इन के अलावा चीन , ईरान , थाइलैंड , मंगोलिया , दक्षिणी कोरिया , पाकिस्तान और बंगलादेश की शामिली की एशियाई उपग्रह परियोजना वर्ष 2001 से लागू होने लगी । चीनी अंतरिक्ष उड्डयन ब्यूरो के एक पदाधिकारी के अनुसार चीन, आगामी 3 वर्षों में चांद की ओर एक सर्वेक्षण उपग्रह प्रक्षेपित करेगा । चीन की चांद सर्वेक्षण योजना के मुताबिक, चीन सर्वप्रथम अपना अंतरिक्ष स्टेशन को कक्षाओं में स्थापित करेगा , फिर इस के आधार से सर्वेक्षण उपग्रह चांद की ओर छोड़ेगा । अंत में चीन का सर्वेक्षण यंत्र चांद के ऊपर उतरेगा और वहां की मिट्टी व पत्थर ग्रहित करने के बाद पृथ्वी की ओर वापस लौटेगा । हाल ही में चीन के छींगह्वा विश्वविद्यालय द्वारा निर्मित नये किस्म वाले परीक्षात्मक न्यूक्लियर रिएक्टर में काम शुरू हो गया है । इस रिएक्टर की क्षमता 10 मेकावाट है । चीनी विज्ञान व तकनीक मंत्रालय के एक उच्च पदाधिकारी के अनुसार चीन, इस परीक्षात्मक न्यूक्लियर रिएक्टर के तकनीक के आधार पर औद्योगिक बिजली घर का निर्माण करेगा । आंकड़ों के मुताबिक अब चीन में सेलफोन की संख्या 22 करोड़ से अधिक हो चुकी है , जो आम टेलिफोन के बाराबर है । इधर के वर्षों में चीन में सेलफोन का बड़ा विकास हो पाया है । अब चीन में हर दो आदमी के प्रति एक टेलिफोन प्राप्त होता है । चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में काला गरदन वाले सारसों के जोरदार संरक्षण का फलस्वरूप , अब तिब्बत पठार पर उड़ने वाले इस पक्षी की संख्या चार हजार से अधिक हो गयी है । काला गरदन वाले सारस राष्टीय संरक्षण प्राप्त पक्षियों की नामसूची में शामिल है । अब सारी दुनिया में ऐसी पक्षी की संख्या केवल पांच हजार ही रहती है । तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की सरकार ने काला गरदन वाले सारस के संरक्षण के लिये गश्ती टुकड़ी भेजने के साथ साथ इन पक्षियों को भोजन डालने जैसे कदम भी उठाये हैं । भारत से भेजी एक रिपोर्ट के अनुसार भारत को अब तक लगभग 5 करोड़ टेलिफोन सेट तथा एक करोड़ 26 लाख सेलफोन प्राप्त हो चुके हैं । सरकार की एक योजना के अनुसार भारत कुल 1 खरब अमेरिकी डालर की पूंजी लगाकर देश के सभी 6 लाख गांवों में टेलिफोन का विस्तार करेगा । इन के अलावा भारत सरकार, देश के सभी 1 लाख 70 गांवासी डाकघरों तथा 6850 रेलस्टेशनों में भी सूचना सेवा प्रदान करेगी । भारत दुनिया में सब से पहले टेलिफोन का प्रयोग करने वाले देशों में से एक है । वर्ष 1913 में ही कलकत्ता में टेलिफोन सेवा शुरू हुई थी , जबकि टेलिफोन का आविष्कार वर्ष 1881 में किया गया था । विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हाल में ही सारी दुनिया के करोनिक(chronic) के डेडा बेस की स्थापना घोषित की , जिस में दुनिया के 170 देशों की चिकित्सा व स्वास्थ्य की सूचनाएं तथा उच्च रक्तचाप (high blood pressure) और मधुमेह (diabetes) से ग्रस्त बीमारियों के संबंधित डेडा शामिल हैं । इस डेडा बेस के अनुसार चीन के पुरूषों में आधा भाग को सीक्रेट पीने का आदत है , जो करोनिक पैदा होने का महत्वपूर्ण कारण ही है ।
|
|
|