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(GMT+08:00) 2004-08-26 16:09:09    
बिजली आपूर्ति की कमी के हल का कारगर कदम

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इस साल गर्मियों में पूर्वी चीन के चे च्यांग प्रांत के उ सी शहर का तापमान लगभग 10 दिनों तक लगातार 35 डिग्री सैल्सियस से ऊपर रहा। इतनी कड़ी गर्मी में बिजली की कटौती से परेशान थाएहू होटल के मैनेजर सुश्री फांग याओ छिंग ने कहा हम शाम ढलते ही होटल के सामने औऱ पीछे के रास्तों व होटल की इमारत को रोशन रखने वाली बत्तियों को बन्द करने पर मजबूर हो गये। कमरों के भीतर एअरकन्डीशनरों को 26 डिग्री पर चलाने व गर्म हवा को अन्दर आने से रोकने के लिए हमने खिड़कियों को बन्द रखने जैसे उपायों से भी बिजली की किफायत करने की कोशिश की।

उ सी शहर के एक अधिकारी ने बताया कि सरकार का बुनियादी रुख तीन सितारा होटलों से ऊपर के होटलों को बिजली आपूर्ति में रियायत देने के साथ, आम नागरिकों को भी प्रयोग के लिए जरूरी बिजली की सुनिश्चता देना रहा। इसलिए सप्ताह में चार दिन बिजली की आपूर्ति पाने वाले कुछ ही कारोबारों को बिजली की कमी के हल के लिए अपने यहां तीन दिन छुट्टी करने जैसे कदम उठाने पड़े। कुछ कारोबार ऐसे भी थे,जिन्होंने कड़ी गर्मी को देखते हुए मजदूरों को छुट्टियां दे कर सैर- सपाटे के लिए समय उपलब्ध कराया।

पूरे चीन में इस साल कोई 20 प्रांतों को बिजली की आपूर्ति में कटौती करने पर मजबूर होना पड़ा। चीनी राजकीय बिजली आपूर्ति कम्पनी के आंकड़ों के अनुसार इस साल चीन में तीन करोड़ किलोवाट बिजली का अभाव रहा। इस समस्या को ध्यान में रख कर शांगहाए शहर ने नदी के दोनों किनारों खड़ी इमारतों व हांगचओ शहर की म्युनिसिपल सरकार ने अपने मशहूर सुंदर तालाब को चमका रखने वाली निओन लाइटों को बन्द करने का फैसला लिया।

पिछले कुछ वर्षों से चीन में बिजली की आपूर्ति अच्छी खासी चल रही थी, लेकिन इस साल से कुछ प्रांतो में बिजली आपूर्ति में गंभीर स्थिति उभरनी शुरू हुई। इस की चर्चा में चीनी राजकीय बिजली निगरानी व प्रबंध कमेटी के मुख्य इंजीनीयर श्री य्वी सिंग यांग ने बताया 1997 से 1999 तक चीन में बिजली प्रचुर मात्रा में उपलब्ध थी लेकिन चीन के आर्थिक विकास के तेजी से आगे बढ़ने तथा देश के कुछ क्षेत्रों में बिजली की भारी खपत वाले कारोबारों के उभरने से बिजली का अभाव होना शुरू हुआ। उनके अनुसार इन कुछ सालों में चीन के आर्थिक निर्माण की गति विद्युत उत्पादन की गति से कहीं तेज रही। बिजली आपूर्ति में वर्तमान कमी का मुख्य कारण यही है। इस के साथ धातु शोधन व रासायनिक उद्योगों जैसे बिजली की ऊंची खपत वाले उद्योगों का तेज विकास भी वर्तमान विद्युत अभाव में एक प्रमुख तत्व है।

चीनी राजकीय बिजली आपूर्ति कम्पनी के महानिदेशक का कहना है, वर्तमान में हमारा बल बिजली नेटवर्क के प्रबंध पर है।इसके साथ हमें बिजलीघरों के निर्माण की गति तेज करनी है, ताकि बिजली सप्लाई में उभरे तनाव को शीघ्रातिशीघ्र शिथिल किया जा सके। श्री वांग ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आम नागरिकों द्वारा रोजमर्रा के जीवन में प्रयोग की जाने वाली व कृषि उत्पादन में प्रयुक्त होने वाली बिजली की आपूर्ति किसी भी तरह प्रभावित न हो और साथ ही साथ बिजली की उच्च खपत पर नीची उत्पादन क्षमता वाले कारोबारों के लिए बिजली सप्लाई की कड़ी नीति अपनायी जाए।

इस साल बिजली आपूर्ति की गंभीर स्थिति से निपटने के लिए, हमने कंपनी के प्रबंध और उसकी अन्दरूनी शक्ति के कारगर उपयोग पर बल देने के साथ बिजली जाल के निर्माण पर भी पूरी शक्ति लगाई और अन्य बिजली आपूर्ति कम्पनियों के साथ मिलकर भी विद्युत समस्या को हल करने का प्रयास किया।

इधर चीनी राजकीय बिजली आपूर्ति कम्पनी ने त्रिघाटी बिजलीघर व अन्य प्रांतों में बिजली जाल के निर्माण को तेज कर दिया है। कोयला व रेल आदि विभागों ने भी बिजली आपूर्ति की समस्या के हल में यथासंभव सुविधा प्रदान की है ताकि पूरे देश में ऐन समय पर बिजली की पर्याप्त आपूर्ति को सुनिश्चत कर ऊर्जा की मांग पूरी की जा सके।

देश में किफायत के जरिए बिजली आपूर्ति में उत्पन्न तनाव को दूर करने का सबसे पहले अभियान पेइचिंग ने छेड़ा। पेइचिंग सरकार ने स्थानीय निवासियों, विभिन्न विभागों व इकाइयों से एअरकंडीशनरों को 26 डिग्री सेलशियस से अधिक तापमान पर न चलाने की मांग की। शांगहाए में लोगों से ठंडी जगह की तलाश में घर से बाहर निकलने का आग्रह किया गया ताकि बिजली की किफायत की जा सके।

विशेषज्ञों का कहना है कि बिजली के अभाव से पैदा संकट का इन तरीकों से पूर्ण समाधान नहीं हो सकता। चीन सरकार इधर एक अरब, तीन करोड़ किलोवाट की उत्पादन क्षमता वाली बिजली परियोजना को साकर करने में जुटी है, जिसके आने वाले दो सालों में पूरा होने की आशा है। इस के साथ ही वह बिजली उत्पादन का पैमाना बढ़ाने, विद्युत ऊर्जा के ढांचे को समायोजित करने तथा कोयले के बिजली उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले तत्वों के समाधान पर भी बल दे रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि इन कारगर उपायों से आगामी तीन सालों के भीतर चीन में बिजली की कमी का मूल रूप से समाधान कर लिया जाएगा।