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(GMT+08:00) 2004-08-12 15:12:12    
चीनी लोगों का अवकाश में अध्ययन करना

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आधुनिक समाज में लोगों को भिन्न भिन्न दिशाओं से दबाव का सामना करना है । इसलिये लोगों को निरंतर विभिन्न जानकारियों का अध्ययन करना पड़ता है , नहीं तो वे समाज की स्पर्द्धाओं का सामना नहीं कर सकें ।

31 वर्षीया सुश्री ल्यू ह्वेइ कालेज में स्नातक होने के बाद एक कंपनी में काम करती रही हैं । कई वर्षों के लिये काम करते हुए उन्हें अपनी जानकारियों की कमी लगी । इसलिये वे आजकल पेइचिंग के एक विश्वविद्यालय में वाणिज्य प्रबंध यानी एम बी ए के कार्यक्रम सुनने लगी हैं । इस के बाद मिस ल्यू को अपने आरामदेह साप्ताहांत को छोड़कर एक हफ्ते में दो रात और शनिवार के दिन भर को विश्वविद्यालय के क्लासरूम में अध्ययन करना पड़ता है । अपने जीवन की चर्चा में सुश्री ल्यू ने कहा कि आज समाज का बहुत परिवर्तन तथा जानकारियों का अनावाकरण होता जा रहा है । अगर मैं अध्ययन करना जारी नहीं करती , तो मैं अपनी कंपनी का काम नहीं कर सकूंगी । इसलिये मैं ने एम बी ए सीखना शुरू किया । वैसा तो मैं अब बहुत व्यस्त हूं , पर मुझे बड़ी दिलचस्पी लगती है ।

सुश्री ल्यू जैसे लोगों की जरूरत को पूरा करने के लिये, चीन में एक हजार से अधिक कालेजों में प्रौढ़ों के लिये अध्ययन कक्षाएं खोली गयी हैं , जहां प्रौढ़ अवकाश में विदेशी भाषा , आर्थिक प्रबंध , प्रेस , कम्प्यूटर समेत बहुत सी उपाधियां चुन सकते हैं । और अगर उन्हें दिलचस्पी हो , वे कालेज में एई , बी एई और डाक्टर आदि डिग्री के लिये अध्ययन कर सकते हैं । आंकड़े बताते हैं कि अब देश भर में कुल 45 लाख प्रौढ़ अपने अवकाश में कालेजों में एम एई से ऊपर डिग्री पढ़ रहे हैं ।

प्रौढ़ शिक्षा का एक महत्वपूर्ण भाग है बेरोजगारों का प्रशिक्षण । चीन सरकार ने देश के विभिन्न क्षेत्रों में बेरोजगारों के लिये अनेक विशेष प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना की हैं , इन केंद्रों में विज्ञान व संस्कृति को छोड़कर घर सेवा , सौंदर्य प्रसाधन, कपड़े बनाना और रक्षा आदि की कक्षाएं भी खोली गयी है । सिर्फ उत्तरी चीन के मंगोलिया स्वायत्त प्रदेश में 140 ऐसे प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना की गयी है , जहां 5 लाख बेरोजगारों पुनः रोजगारी प्रशिक्षण लिया है । सुक्षी वांग च्वन श्या , जो मंगोलिया स्वायत्त प्रदेश की राजधानी हू-हो-हाओ-ट में पुनः रोजगारी प्रशिक्षण ले चुकी हैं , हमारे संवाददाता के सात बातचीत में कहती हैं ,कि मैं ने पुनः रोजगारी प्रशिक्षण केंद्र में अध्ययन करने के बाद शहर में अपना सौंदर्य प्रसाधन घर खोला । मेरा जीवन अच्छा बन गया है , और मेरा beauty केंद्र लोकप्रिय है ।

शहर में रहने वालों की ही तरह चीनी किसानों को भी निरंतर अध्ययन के प्रति दिलचस्पी होने लगी है । उत्तरी चीन के हपेइ प्रांत की ई-शैन कांऊटी के पशुपालक ने अपने अध्ययन की चर्चा में कहा कि मैं पशुपालन संबंधी बहुत सी किताबें खरीदकर स्वयं अध्ययन कर रहा हूं । अब मेरी वार्षिक आय एक लाख यवान तक जा पहुंची है , जो शहर में अधिकांश लोगों की आय से भी अधिक है । उपलब्धि मेरे अध्ययन का फल है , क्योंकि मैं ने अध्ययन से पशुपालन की तकनीक सीखी है , जो काम में बहुत सुयोग्य है ।

चीनी सरकार की नयी शताब्दी युवा किसान वैज्ञानिक प्रशिक्षण शीर्षक एक योजना के मुताबिक इधर 3 सालों में कुल 10 लाख से अधिक किसानों ने प्रशिक्षण ले लिया है । इस के सिवा चीन सरकार ने गांव गांव में रेडियो - टीवी प्राप्ती की योजना भी बनायी , जिस से देश की 300 कांऊटियों में 1 करोड़ से अधिक ग्रामीण परिवारों ने लाभ उठाया है ।

अब चीन विश्व व्यापार संगठन का सदस्य बन गया है , जिस का अर्थ है कि चीन को आर्थिक भूमंडलीकरण की स्पर्द्धाओं का सामना करना पड़ेगा । इसी स्थिति में आम चीनियों को आधुनिक अर्थतंत्र तथा अंतर्राष्टीय बाजार संचालन की जानकारी सीखनी है । विदेशों में सीखने जाने वालों की संख्या , हर साल 15 प्रतिशत बढ़ती जा रही है । साथ ही चीन सरकार की विदेशों में अपने कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण करवाने की योजना भी है जिस के अनुसार इधर 6 सालों में कुल 1 लाख 30 हजार चीनी कार्यकर्ता विदेशों में अध्ययन कर चुके हैं । 38 वर्षीया सुश्री छेन च्यांग ने उत्तरी चीन के चीलीन प्रांत की सरकारी संस्था में कार्यरत हैं । उन्हों ने सरकार की सहायता से ब्रिटेन में आधा साल के लिये आर्थिक प्रबंध सीखा । अपने अनुभव की चर्चा में सुश्री छेन ने कहा कि अध्ययन करने के जरिये मुझे विकसित देशों की आर्थिक प्रबंध व्यवस्था के प्रति ज्यादा जानकारी प्राप्त हो गयी है । यह मेरे भविष्य जीवन और कार्यों के लिये बहुत लाभदायक है ।

अब चीन अध्ययन समाज में प्रविष्ट है , नागरिकों के लिये अपने अवकाश में अध्ययन करना न सिर्फ मददकार है , बल्कि बहुत आवश्यक भी है । और इसी से चीनी जनता की पूर्ण कुणवत्ता की उन्नति के लिये भी अच्छा है । चीनी लोगों के अवकाश में अध्ययन के बारे में सामाजिक रूझान नजर आ रहा है ।