जर्मनी के 500 से अधिक कार व कलपुर्जा निर्माताओं के हितों का प्रतिनिधित्व करने वाली जर्मनी कार उद्योग सोसाइटी के पदाधिकारियों ने हाल ही में चीन का विशेष दौरा किया और चीनी ग्राहकों को जर्मन कारों से अवगत कराया। सोसाइटी के महानिदेशक प्रोफेसर बेरन्ड गोटशाक ने कहा कार तकनीक व तकनीकी सुधार में जर्मनी विश्व का अग्रणी निर्माता है। भविष्य में जर्मन कार उद्योग चीन में अपनी व्यापारिक गतिविधियों को और तेज करेगा औऱ चीन से सहयोग में सद्भावना बनाए रखेगा ताकि चीन के ग्राहक प्रथम श्रेणी व उच्च कोटि की कार चलाने की सुनिश्चतता प्राप्त कर सकें।
सच कहें तो चीन में सबसे पहले जर्मन कारों ने ही अपनी बढ़िया पहचान बनाई। आयातित कारों को छोड़ दें तो भी चीन द्वारा हर वर्ष निर्मित 20 लाख कारों में से सात लाख से अधिक कारें जर्मन मार्के की ही होती हैं। विलासी कार बनाने वाले बी एम डब्लू समूह ने गत वर्ष चीन में संयुक्त पूंजी से एक उद्योग की स्थापना की औऱ तब से अब तक उसकी पांच नई कारें बाजार में आ चुकी हैं । इनमें से हर नये माडल की मांग आपूर्ति से कहीं अधिक रही है। चीनी और जर्मन पूंजी से संचालित इस उद्योग के महानिदेशक प्रेसलर ने पूरे जोश से कहा
हम चीन की सबसे विलासी कार के निर्माता बन कर रहेंगे और चीन के बाजार के साथ पलेंगे-बढ़ेंगे।
जर्मनी की वोल्सवेगन कंपनी की ओडी कार कुछ साल पहले चीन की सरकारी कार चुनी जा चुकी है और हाल ही में डेमलर क्रिसलर ने भी चीन में कार बनाना शुरू कर दिया है।
अमरीका की फोर्ड कम्पनी ने भी पिछले महीने हुई पेइचिंग कार प्रदर्शनी में अपनी 51 कारों के माडलों का प्रदर्शन कर चीनी लोगों का मन मोह लिया। अब हर दूसरे हफ्ते फोर्ड कम्पनी की कारों से लदा जहाज चीनी बन्दरगाह में लंगर डालता है । चीन और अमरीकी पूंजी से संचालित कारखानों में भी कार का उत्पादन लगातार बढ़ता जा रहा है। फोर्ड कम्पनी की चीन शाखा के उप महानिदेशक छ्वी को चंग ने खुशी से भरे शब्दों में कहा
चीन में फोर्ड कारों की बिक्री का शानदार रुझान बरकरार है। इस साल के पहले चार महीनों में हमारी कारों की बिक्री में 200 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई। हम पूरे साल की बिक्री को लेकर पूरी तरह आश्वस्त हैं।
अमरीका की जनरल मोटर्ज कम्पनी की ब्युक ब्रांड की कार चीनी ग्राहकों के लिए अनजानी नहीं रह गई है। फ्रांस की प्योगयोत व सीटरोन , जापान की होन्डा, टोयाटा, कोरिया गणराज्य की य्वुन दाए जैसी मशहूर ब्रांडों की कारों ने चीन में अपनी नींव पक्की कर ली है। चीन की वाहन उद्योग संस्था की एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार, विश्व की सभी मुख्य कार कंपनियां चीन में प्रवेश कर चुकी हैं और अपनी विकास गति को लगातार तेज कर रही हैं। इन में कुछ बहुराष्ट्रीय कम्पनियां चीन के साथ संयुक्त पूंजी से कार उद्योग स्थापित करने के बाद चीन के कार बाजार के 90 प्रतिशत हिस्से पर अधिकार जमाने में सफल रही हैं।
चीन के कार बाजार ने क्यों विश्व की दृष्टि अपनी ओर खींची। इस सवाल का एक जवाब है इधर के सालों में चीन की दहाई अंकों की वार्षिक आर्थिक वृद्धि व लोगों के जीवन स्तर में उससे आई उन्नति ने कार उद्योग के विकास को प्रेरित किया। केवल गत वर्ष चीन में निजी कारों की संख्या 12 लाख तक जा पहुंची थी। देशी-विदेशी कारों के नए माडलों ने 1 अरब, 30 करोड़ की आबादी के बाजार की मांग को विस्तार ही नहीं दिया है उसके माहौल में सरगर्मी बी ला दी है। एक उदाहरण लीजिए, फ्रांस और चीन की तुंग फंग कार कम्पनी की संयुक्त पूंजी से निर्मित सीटरोन कार लगभग हर साल एक नयी कार बाजार में उतारती है, जिस से सीटरोन चीन के घर-घर में पहचाना ब्रांड बन गया है। तुंग फंग मोटर कार कंपनी को भी इस से भरपूर मुनाफा हासिल हुआ है। इस कार कम्पनी के महानिदेशक म्याओ य्वी ने सीटरोन कार पर टिप्पणी करते हुए कहा इधर के सालों में हमारी कम्पनी को भारी उपलब्द्धियां प्राप्त हुईं और हमारी तकनीक में भी भारी प्रगति हुई है। हमने न केवल कार विकास के क्षेत्र में मूल्यवान अनुभव हासिल किए, बल्कि बाजार की तीव्र स्पर्धा में भी अनुकूल स्थान पाया।
चीन की अपनी कारें भी इधर विदेशी कारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चीन की सड़कों पर बढ़िया प्रदर्शन कर रही हैं। निजी कार उद्योग गैरी कार कम्पनी तो रेस कार तक निर्मित करने लगी है। गैरी कार के नए माडल आकर्षक ही नहीं है उनकी तकनीक व रंग भी लोगों का मन मोह लेता है। वे दिनोंदिन युवाओं की पसंदीदा कार बनती जा रही हैं।
चीन के श्री क्वान वान छियांग के पास चीनी-जर्मन तकनीक से निर्मित बोरा ब्रांड की कार है। उन्होंने चीनी- विदेशी तकनीक व पूंजी से निर्मित कारों पर अपना विचार प्रकट करते हुए कहा
यदि विदेशी तकनीक व पूंजी की मदद न होती तो हम कैसे नई तकनीक अपने देश में ला सकते थे। अब चीनी उत्पादों की तकनीक अन्तरराष्ट्रीय तकनीक के बराबर आने लगी है और कार डिजाइन व कार निर्माण में प्रयुक्त सामग्री व कला में भी इस बीच संतोषजनक प्रगति हुई है। चीन में हम अब अपनी बहुत सी बढ़िया कारों को भी सड़कों पर दौड़ते देख सकते हैं।
देशी-विदेशी तकनीक व पूंजी से चीन और विदेशों का संयुक्त कार उद्योग अब एक फलते-फूलते उद्योग की ओर अग्रसर हो रहा है। विदेशी कार कंपनियों के चीन के बाजार में पांव जमाने के साथ चीन के उद्योगों को भी आर्थिक व तकनीकी लाभ पहुंचा है।
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