
चीनी संगीतकार वांग लो बिंग हालांकि कुछ समय पूर्व दुनिया से विदा ले चुके हैं तो भी चीन में उनका नाम पहले की ही तरह मशहूर हैं। उनके द्वारा रचे गए अधिकतर गीत अब भी बड़े लोकप्रिय हैं।वांग लो बिंग की अनेक रचनाएं उत्तर-पश्चिमी चीन के लोकसंगीत से प्रेरित रहीं और आज तक लोगों की जुबान पर हैं।
चीन के उत्तर-पश्चिमी भाग में वांग लो बिंग ने आधी शताब्दी गुजारी। वहां उन्होंने कोई 7 सौ से ज्यादा लोकगीतों को नया रूप दिया और उनमें से अधिकतर अब भी चीन में लोकप्रिय हैं । आप सुनेगें उन के ऐस गीतों में एक । नाम है "अर्धचंद्र की चांदनी"।
गीत का भावार्थ कुछ इस प्रकार है
अर्धचंद्र की चांदनी
नज़र आती है मेरी प्रेमिका के कमरे में
मेरी प्रेमिका बाहर क्यों नहीं आती
अर्धचंद्र की चांदनी आती है नज़र
ओ मेरी प्रेमिका तुम खोल दो जल्द अपनी खिड़की
दिखलाओ अपना खूबसूरत चेहरा
अपने कमरे के गुलाब दो मुझे
अर्धचंद्र की चांदनी आ रही है नज़र
मेरी प्रेमिका के कमरे में
यह गीत वांग लो बिन के" दूर रहती है एक लड़की" नामक गीत की तरह लगभग आधी शताब्दी से उत्तर-पश्चिमी चीन में गाया जाता रहा और वर्ष 1993 में 20वीं सदी के क्लासिक गीतों में शामिल हुआ। तब चीनी जनता को मालूम हुआ कि यह वांग लो बिन द्वारा शिंग च्यांग के लोकगीत के आधार पर रचा गया गीत है। गीत में प्रेमी और प्रेमिका की प्यार की कोमल भावना व्यक्त हुई है।
पिछले हफ़्ते के कार्यक्रम में मैं ने आप को बताया था कि वर्ष 1937 में उत्तर-पश्चिमी चीन के पहाड़ी क्षेत्र निंग शा में वांग लो बिन ने "फूल"नामक लोकगीत सुना जो उन्हें इतना पसंद आया कि उनकी संगीत की विचारघारा ही बदल गयी। इसके बाद वे उत्तर-पश्चिमी चीन के लोकसंगीत के सागर में डूब गये । चीन के उत्तर-पश्चिमी भाग में रहने के दौरान वांग लो बिंग ने कोई 700 से ज्यादा लोकगीत इकट्ठे किये। उत्तर-पश्चिमी चीन के अधिकतर लोकगीतों को उनमें सुधार कर वांग लो बिंग ने समूचे चीन में लोकप्रिय बनाया ।
"अपना हिजाब हटाओ" एक उइगुर गीत था। वांग लो बिन ने इसे चीनी में बदला और अब यह गीत देश-विदेश में लोकप्रिय है। गीत में तेज़ धुन के जरिए विवाह समारोह की खुशी तथा दुल्हन की सुन्दरता की प्रशंसा की गयी है ।
गीत के बोल इस प्रकार हैं
तुम हटाओ हिजाब,
अपनी भौंहें देखने दो मुझे,
ओह , कितनी बड़ी हैं ये ,
अर्धचंद्र की तरह लहराती हैं
तुम हिजाब हटाओ ,
आंखें देखने दो अपनी मुझे,
ये बड़ी आंखें कैसी चमकती हैं,
चांदनी छलकती हो जैसे
तुम हटाओ हिजाब
अपना मुखड़ा देखने दो मुझे ,
सेब की तरह सुर्ख है यह,
और सेब की ही तरह गोल-गोल
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