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(GMT+08:00) 2004-07-22 16:47:13    
धूम्रपान निषेध अभ्यान

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धूम्रपान ऐसी आदत जो लोगों को अक्सर अपनी तरफ आकर्षित करती है और कई लोग इस के नुकसानों को अच्छी तरह जानते हुए भी इसके खतरनाक पंजे को अपने गरदन में शौक से डाल लेते हैं । धूम्रपान से जुड़ी समस्याएं भी सर्वविदित है , हालांकि इस के कुछ फायदे भी हैं , जैसे सहन शक्ति बढ़ाना , परेशानियों को भगाना , चैन पहुंचाना और अच्छा दिखना आदि । सिगरेट पीने वाले लोग अक्सर यही दलील देते हैं , पर वास्तव में यही दलील बहुत ही क्षणिक है ।

धूम्रपान करने से कई तरह के फेफड़ा और हृदय रोग होते हैं , फिर ने हम अच्छे दिख सकते हैं और न ही सहन शक्ति बाकी रह जाएगी , बल्कि सारे चैन भाग चुके होंगे और कई तरह की परेशानियों को दावत मिल चुकी होगी । धूम्रपान की सारी अच्छाइयां बड़ी क्षणिक है , और इस के हानी अधिक हैं । हमें इस प्रकार समझना चाहिये कि थोड़े से लाभ के लिये या क्षणिक तृप्ति के लिये हम परेशानियों से हाथ क्यों मिलाएं ।

धूम्रपान का हानी केवल व्यक्तिगत नहीं है । इससे पर्यावरण को बड़ा नुकसान पहुंचता है और इस का सब से बड़ा नुकसान धूम्रपान कर रहे व्यक्ति के आसपास खड़े जैसे धूम्रपान न करने वाले व्यक्तियों को उठाना पड़ता है । इस तरह ऐसे लोग बिना कुछ गलती किये थोड़ी--बहुत नुकसान जरूर उठाते हैं । इसलिये धूम्रपान करने वालों को यही प्रयत्न करना चाहिये कि धूम्रपान सदा के लिये छोड़ दिया जाए या कम से कम जहां दूसरे लोग मौजूद हों वहां धूम्रपान न करें । इस प्रकार हम कम से कम धूम्रपान न करने वाले लोगों के अच्छी हवा में सांस लेने वाले अधिकार को हानी नहीं पहुंचाएंगे । लोगों को धूम्रपान करने का फायदा नज़र नहीं आता , बल्कि धूम्रपान न करने के बहुत सारे फायदे नजर आते हैं । धूम्रपान ही नहीं , बल्कि सभी बूरी आदतें हमेशा हमें नुकसान ही पहुंचाती हैं , यहां तक की घर-बार को तबाह बरबाद भी कर सकती हैं । इसलिये हमें हर हाल में हर तरह की बूरी आदतों से बचना ही चाहिये ।

हां , धूम्रपान काफी हानिकारक है , यह सर्वविदित भी है । पर क्यों दुनिया की जगह जगह धूम्रपान करने वाले व्यक्ति नज़र आते हैं ? इस की जरूर कुछ वजह है । मिसाल है , हर किसी को कोई न कोई लत लगती है । कुछ लोग सीगरेट पीते हैं , कुछ शराब पीते हैं , कुछ ताश करना पसंद , ये सब लत है । अगर हम किसी लत में हद से ज्यादा तक पड़ते हों , तो यह लत व्यसन बनेगी । इसलिये मेरा ख्याल है कि सीगरेट पीना भी स्वाभाविकता है , पर हद से ज्यादा नहीं पीना चाहिये ।

चीन दुनिया का सब से बड़ा सिगरेट का उत्पादन और सेवन करने वाला देश है । चीन की सरकार भी इसे एक मुद्दा मानती है और हर तरह की कोशिश की जा रही है इसे दूर करने की । पर ये काम इतना आसान नहीं है । क्योंकि चीन में सिगरेट पीने वालों की संख्या पूरे विश्व की एक तिहाई से अधिक है । इतने सारे लोगों की आदतों को बदलना इतना आसान काम नहीं है । बहुत सारे लोगों को धूम्रपान के हानि का आभास भी नहीं है । इन के अलावा सरकार को इस उद्योग द्वारा कर वसूली के रूप में एक बड़ी आमदनी भी होती है और इस उद्योग ने बहुत सारे लोगों को रोज़गार भी दे रखा है ।

और यह भी चर्चित है कि चीन में कुल 35 करोड़ लोग सिगरेट पीते हैं । हर साल दस लाख लोगों की धूम्रपान करने से मृत्यु होती रही है । और इधर के वर्षों में चीन में धूम्रपान से उत्पन्न रोगियों के इलाज में हर साल 49 अरब यवान का खर्च किया जाता है । इन समस्याओं का मुकाबला करने के लिये चीन सरकार देश भर में धूम्रपान निषेध आन्दोलन आयोजित कर रही है । पर यह काम बहुत कठिन है । लोगों की आदत बदलना इतना आसान नहीं है , दूसरी तरफ धूम्रपान की कर वसूली देश के कुछ क्षेत्रों की महत्वपूर्ण आय है । मिसाल है कि चीन के यूननान प्रांत में सरकारी आय का 70 प्रतिशत भाग सिगरेट से संबंधित है ।

चीन में धूम्रपान पर रोक लगाने के लिये कई प्रकार के कानून भी हैं , पर यदि इस पर सफलतापूर्वक रोक लगाने में चीनी सरकार कामयाब नहीं होती है तो कुछ ही सालों में ये समस्या और भी गंभीर हो कर उभर सकती है । इसलिये चीन में इस समस्या को रोकने के लिये पूरी कोशिश की जा रही है ।

धूम्रपान उद्योग को पूरी तरह खत्म करना इतना आसान काम नहीं है । थोड़ा बहुत जरूर लगेगा , पर हमें इस ओर कोशिश जरूर करनी चाहिये । क्योंकि पूरे विश्व में लगभग एक अरब दस करोड़ धूम्रपान करने वालों में से हर साल 35 लाख लोगों की मृत्यु होती है । भारत में भी धूम्रपान हजारों लोगों की जान लेता है । भारत में धूम्रपान के कई स्वरूप हैं , जैसे सिगरेट , बीड़ी , पान , खैनी , तंबाकू , गुटका आदि । कुछ लोग इससे भी खतरनाक आदतों के शिकार हैं , जैसे ड्रग्स , गांजा आदि । हमें हर हाल में इन जानलेवा आदतों को बदलना ही पड़ेगा । हम अगर दूसरों के बारे में न सोच सके , तो कम से कम अपने बारे में सोचना ही चाहिये ।