• हिन्दी सेवा• चाइना रेडियो इंटरनेशनल
China Radio International
चीन की खबरें
विश्व समाचार
  आर्थिक समाचार
  संस्कृति
  विज्ञान व तकनीक
  खेल
  समाज

कारोबार-व्यापार

खेल और खिलाडी

चीन की अल्पसंख्यक जाति

विज्ञान, शिक्षा व स्वास्थ्य

सांस्कृतिक जीवन
(GMT+08:00) 2004-07-19 15:55:41    
विश्वविख्यात सांस्कृतिक विरासत छिन राजवंश की सैन्य मृदामूर्ति

cri

छिन राजवंश चीनी इतिहास का प्रथम समंतवादी राज्य था। इस वंश के प्रथम सम्राट छिन शी ह्वां के समय में चीन में छिन को मिलाकर कुल सात राज्य थे । छिन राज्य आज के श्यान शी प्रांत में स्थित था औऱ अन्य राज्य थे छी,छ्वू,येन,हान,चाओ और वेई । इन सातों में से हरेक की चीन को एकीकृत करने की इच्छा थी । इस लिए उन के बीच कई गंभीर लड़ाइयां हुईं।

सम्राट छिन-शी-ह्वां को चीन के एकीकरण के लिए कई लड़ाइयां लड़नी पड़ीं। जाहिर है इस के लिए उन्हें एक बहुत शक्तिशाली सेना की जरूरत थी । अपने देहांत के बाद भी उन्होंने इस शक्तिशाली सेना को अपने पास रखना चाहा । इसीलिए उन के मकबरे में उनके सैनिकों की मिट्टी की मूर्तियों की समाधि बनाई गयी।।

इस की चर्चा में चीनी मृदामूर्ति संग्रहालय के उपनिदेशक श्री चांग ने कहा कि "आज हम जो मृदा मूर्ति समाधि देखते है , वह छिन-शी-ह्वां के मकबरे से कोई 1500 मीटर दूर है । यह मकबरे के बाहर की वस्तु है । मकबरे के निकट आने पर हमें और ज्यादा मूल्यवान चीज़ें मिलती हैं । अब इस बात का भी पता चल चुका है कि सम्राट छिन-शी-ह्वां के मकबरे के आसपास छोटे-बड़े 600 से ज्यादा मकबरे हैं । इन के अनुसंधान के लिए सैकड़ों वर्षों की जरूरत होगी । अब तक हमें यह भी पता नहीं कि छिन-शी-ह्वां के मकबरे में ही कितनी मूल्यवान चीज़ें रखी हैं । फिलहाल हमारे पास इस मकबरे को खोदने की तकनीक नहीं है।"

शीआन के मृदामूर्ति संग्रहालय के तीन मुख्य गर्भ हैं । उस का कुल क्षेत्रफल 20 हज़ार वर्गमीटर और उस में कुल 8 हज़ार सैनिक मूर्तियां, सैकड़ों युद्ध रथ तथा हज़ारों तलवार आदि हथियार हैं । यह चीन के प्रथम सम्राट छिन-शी-ह्वां द्वारा हमें प्रदत्त मूल्यवान संपत्ति है ।

मृदामूर्तियां हज़ारों वषों से भूमि में दबी थीं । इन के सार्वजनिक होने की कहानी भीस बड़ी दिलचस्प है । आज से लगभग 370 वर्ष पहले चीन के मिंग राजवंश के अंतिम समय में गृहयुद्ध के कारण अनेक लोग अपना जन्मस्थान छोड़कर शीआन के उपनगर लिंगथोंग के लीशान पर्वत की तलहटी में स्थित शी-योंग गांव में जा बसे , जहां भूमि विशाल होने के बावजूद सूखी थी । इन शरणार्थियों ने गांव के एक खाली मैदान में कुआं खोदना शुरू किया । बड़ी कोशिश के बाद वे एक कुआं खोद पाये जिसका पानी बहुत मीठा था । एक रात बाद जब कुंएं का पानी अचानक लापता हो गया तो इस का कारण खोजने के लिए शरणार्थियों ने एक युवा को कुएं के अंदर भेजा । उस ने कुएं में एक आदमकद मिट्टी की मूर्ति देखी। शी-योंग के लोगों ने मूर्ति को भूमि में रहने वाला देवता माना और कुआं खोदना बंद कर दिया । इस के बाद सैकड़ों वर्ष बीत गए ।

वर्ष 1974 के वसंत में शी-योंग गांव के लोगों ने फिर एक बार कुंआं खोदने का फ़ैसला किया । इस बार भी उन्होंने भूमि में मूर्तियां हासिल कीं और स्थानीय सांस्कृतिक धरोहर संरक्षण विभाग को इस की जानकारी दी । स्थानीय सांस्कृतिक धरोहर संरक्षण विभाग के कर्मचारी उन्हों देखकर आश्चर्य में पड़ गये और सोचने लगे कि ये प्राचीन छिंग राजवंश की मृदा मूर्तियां होंगी। इस घटना ने चीन की केंद्रीय सरकार का ध्यान भी आकृष्ट किया । तत्काली चीनी उप प्रधान मंत्री स्वर्गीय ली श्येन न्येन ने इस पर संबंधित विभाग को आदेश दिया कि वह छिन राजवंश की ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण के लिए शीघ्र कदम उठाए । वर्ष 1975 में चीनी राज्य परिषद ने इन मूर्तियों के संग्रहालय के निर्माण का फैसला किया। । वर्ष 1979 की पहली अक्तूबर को चीन लोक गणराज्य दिवस पर यह संग्रहालय औपचारिक तौर पर आम नागरिकों के लिए खोला गया । इस के बाद शी-योंग के गरीबी क्षेत्र को एक नया चेहरा मिला । आज यहां हर दिन देश-विदेश के पर्यटक आते हैं. प्राचीन छिन राजवंश की सेना की समाधि देखने के लिए ।

चीनी मृदामूर्ति संग्रहालय के उपनिदेशक श्री चांग चोंग ली ने हमें बताया कि आम पर्यटकों के अलावा, संग्रहालय में छिंन राजवंश की मूर्तियों की समाधि देखने के लिए आने वालों में देश-विदेश के राज्याध्यक्ष व जानेमाने व्यक्ति भी शामिल हैं । इस तरह मृदामूर्ति संग्रहालय विदेशों के लिए चीन में झांकने की एक खिड़की बन गया । उन्होंने कहा कि

"ये मृदामूर्तियां चीन में राजधानी के प्राचीन शाही-प्रासाद , कांसू प्रांत की मकाओ गुफ़ा, आंह्वे प्रांत के ह्वां शान पर्वत के साथ संयुक्त राष्ट्र यूनेस्को द्वारा निश्चित विश्व की प्रमुख सांस्कृतिक धरोहरों में से एक हैं । इस समय चीन में ऐसी सांस्कृतिक धरोहरों की संख्या 20 थी, लेकिन उनमें छिन राजवंश की मृदामुर्ति का विशेष स्थान है क्यों कि इससे हम 2000 वर्ष पहले हए छिन राजवंश की जानकारी पा सकते हें।

अगर आप की भी चीन के इतिहास की जानकारी पाने की जिज्ञासा हो तो आप भी इस संग्रहालय में आएं। इसके द्वार से आप प्राचीन छिन राजवंश में प्रवेश कर सकेंगे ।