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(GMT+08:00) 2004-07-15 15:47:02    
जनता के स्वास्थ्य की गारंटी उपलब्ध कराने के लिये

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चीन की जनसंख्या दुनिया में सब से अधिक है , इतनी बड़ी जनसंख्या को स्वास्थ्य की गारंटी उपलब्ध कराना आसान नहीं है । नये चीन की स्थापना के बाद से चीन सरकार इस लक्ष्य को पाने के लिये अथक प्रयास कर रही है ।

पेइचिंग की एक निजी कंपनी में कार्यरत मिस थू सिनयू को हाल ही में यह जानकर बहुत खुशी हुई है , क्योंकि उन की कंपनी ने अपने कर्मचारियों के लिये अस्पताल में दाखिले के बीच बीमे की व्यवस्था लागू की । मिस थू इस बात की चर्चा में कहती हैं , मैं अत्यंत प्रसन्न हूं । पहले निजी कारोबारों के कर्मचारियों को सिर्फ स्वयं चिकित्सा बीमा खरीदना पड़ता था । देश के इस नये नियम के मुताबिक निजी कंपनी को अपने कर्मचारियों के चिकित्सा बीमा खर्च का अधिकांश भाग उठाना है , और बाकी खर्च कर्मचारियों को खुद उठाना होगा । इसी से निजी कारोबारों के कर्मचारियों को अपने चिकित्सा बीमे को लेकर चिन्ता करने की जरूरत नहीं रह गयी है ।

उधर चीन के सार्वजनिक संपत्ति वाले कारोबारों में भी चिकित्सा बीमा व्यवस्था में सुधार लाया जा रहा है । कुछ समयपूर्व तक सरकारी संस्थानों व कारोबारों के कर्मचारी चिकित्सा व्यय से मुक्त रखे गये थे । इन कर्मचारियों क चिकित्सा खर्च का शतप्रतिशत सरकार चुकाती थी । देश की जनसंख्या का 10 प्रतिशत इसी व्यवस्था का लाभ उठा पा रहा है । पर इसी व्यवस्था का दुरुपयोग भी इधर स्पष्ट हुआ । चीन के आर्थिक विकास के साथ साथ निजी कारोबारों का जहां जोरदार विकास हुआ , वहीं उन के कर्मचारियों को कोई मुफत चिकित्सा सेवा उपलब्ध नहीं हुई । दूसरी तरफ मुफत चिकित्सा सुविधा प्राप्त करने वाले सरकारी कर्मचारियों में चिकित्सा स्रोत बचाने के विचार का अभाव रहा है ।

इसी स्थिति को देखते हुए चीन ने पश्चिमी देशों के अनुभवों से सबक लेकर देश के सभी कर्मचारियों के लिये एक एकीकृत चिकित्सा बीमा व्यवस्था लागू करने की कोशिश शुरू की है । वर्ष 1998 में चीन ने देश भर में चिकित्सा बीमा का प्रयोग शुरू किया । इस की चर्चा में चीनी श्रम व सामाजिक प्रतिभूति मंत्रालय के अधिकारी श्री श्यूं श्यैन च्वन ने कहा कि सुधार के बाद सभी सरकारी संस्थानों व कारोबारों के कर्मचारियों को उस चिकित्सा बीमा व्यवस्था में शामिल कराया जाएगा , जिस में कर्मचारी और उन के संस्थान साथ साथ बिमा का खर्च उठाएंगे , कर्मचारी अपने वेतन का दो प्रतिशत चिकित्सा बीमा के के रूप में खर्च करेंगे , जबकि बाकी का खर्च उन के संस्थान उठाएंगे । इसी तरह कर्मचारियों की चिकित्सा का खर्च मुफत होने के बजाये चिकित्सा बीमा से निकलेगा । यों इस में एक सीमा भी है , वह यह कि हर वर्ष किसी अस्पताल का खर्च , उन के औसत वार्षिक वेतन के चौगुने से अधिक नहीं हो सकेगा । अगर कुछ रोगियों का ईलाज खर्च उस सीमा को पार करता , तो उन्हें आर्थिक भत्ता देने की व्यवस्था भी है ।

बेशक निजी कारोबारों के कर्मचारी चिकित्सा सेवा में इस सुधार से प्रति बहुत खुश हैं , पर सरकारी संस्थानों के कर्मचारी , जिन्हें पहले मुफत चिकित्सा सेवा मिली थी , भी इस नयी व्यवस्था का स्वागत भी कर रहे हैं । दक्षिणी चीन के क्वांगतुंग प्रांत के एक सरकारी आटा मैदा कारखाने के मजदूर श्री ह्वांग इश्यैन ने कहा कि चिकित्सा सेवा व्यवस्था का सुधार अनिवार्य है । अब मुझे चिकित्सा बीमा के लिये प्रति माह कुछ पैसा देना है , पर मुझे लगता है कि हमारी चिकित्सा सेवा का सुधार, सामाजिक गारंटी के आधार पर ही संपन्न हो सकेगा । आंकड़े बताते हैं कि वर्ष दो हजार के अन्त तक चीन में चिकित्सा बीमा कराने वाले कर्मचारियों की संख्या सात करोड़ साठ लाख रही जबकि इस साल के अंत तक यह संख्या आठ करोड़ पचास लाख तक जा पहुंचेगी , चीन सरकार का लक्ष्य देश के सभी बीस करोड़ शहरी कर्मचारियों को इस व्यवस्था में दाखिला कराना है ।

लेकिन उधर चीन के विशाल ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा बीमा व्यवस्था की स्थापना खासी कठिन लग रही है । चीन सरकार ने वर्ष 1950 से कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में सहयोगी चिकित्सा व्यवस्था शुरू की , जिस के तहत किसान अपनी शुद्ध आय का डेढ़ प्रतिशत सहयोगी चिकित्सा कोष को देते हैं , सरकार भी उसे कुछ अनुदान प्रदान करती है । यही व्यवस्था आज तक चल रही है । चीन के हूपेइ प्रांत के किसान हू चिनह्वा ने अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा कि मैं दो साल से कैंसर से ग्रस्त रहता हूं । अभी तक मैं इलाज पर बीस हजार यवान खर्च कर चुका हूं , जिस से मेरे घर पर बड़ा बोझ है । मेरी टाउनशिप के सहयोगी चिकित्सा आयोग ने मुझे आठ हजार यवान की सहायता दी , सो मुझे बड़ी मदद मिली ।

पर कुछ पिछड़े ग्रामीण क्षेत्रों में सहयोगी चिकित्सा व्यवस्था पूंजी के अभाव से नहीं चला पा रही है । चीनी चिकित्सा मंत्रालय से मिली एक खबर के अनुसार इस समय चीन के सत्तासी प्रतिशत किसानों को खुद चिकित्सा खर्च उठाना पड़ता है । चिकित्सा सेवा की कीमत लगातार बढ़ने के साथ साथ किसानों की आर्थिक कठिनाइयां भी गंभीर बनी है । इस सवाल के समाधान के लिये चीन सरकार ग्रामीण क्षेत्रों के लिये विशेष उपयोगी चिकित्सा सेवा व्यवस्था लागू करने का प्रयास कर रही है । चीनी चिकित्सा मंत्री श्री चांग वन कांग ने कहा कि हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों की चिकित्सा सेवा व्यवस्था को इस समय बहुत सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है , पर अन्य क्षेत्रों में इन समस्याओं को दूर करने के अनुभव भी प्राप्त हो चुके हैं , हम नयी स्थिति में सहयोगी चिकित्सा व्यवस्था की स्थापना पर अनुसंधान कर रहे हैं , और किसानों के स्वास्थ्य की गारंटी के लिये नये रूप वाली सहयोगी चिकित्सा व्यवस्था की तलाश कर रहे हैं । इस साल के अन्त में राष्टीय ग्रामीण चिकित्सा कार्य सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा , जिस में ग्रामीण क्षेत्रों में कारगर चिकित्सा गारंटी व्यवस्था की स्थापना पर विचार किया जाएगा ।