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(GMT+08:00) 2004-07-16 14:37:03    
चीन ने बाजार अर्थतंत्र की मांग पूरी कर ली है

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चीनी उत्पादों के विभिन्न देशों में एंटी डम्पिंग मामलों के लगातार शिकार होने के चलते चीन के बाजार अर्थतंत्र होने का सवाल देश के सभी तबकों के ध्यान का केंद्र बन गया है। चीन के कुछ अर्थशास्त्रियों व सरकारी अधिकारियों का मानना है कि वर्तमान चीन में बाजार अर्थतंत्र की पूरी स्थिति मौजूद है और चीन चाहता है कि अन्तरराष्ट्रीय समुदाय उसे जल्द से जल्द बाजार अर्थतंत्र का दर्जा दे दे, ताकि चीनी कारोबारों के लिए न्यायोचित व युक्तिसंगत अन्तरराष्ट्रीय व्यापार पर्यावरण तैयार किया जा सके।

इस साल जून में अमरीकी व्यापार मंत्रालय ने चीन के लकड़ी के फर्नीचर पर डम्पिंग का मामला दर्ज कर अमरीका में आयातित चीनी फर्नीचर पर 4.9 से 198 प्रतिशत तक एंटी डम्पिंग कर वसूलने का निर्णय लिया। यह अमरीका में दर्ज किए गए डम्पिंग के 100 से अधिक मामलों में 1 अरब, 20 करोड़ जितनी बड़ी रकम वाला पहला मामला बताया गया।

चीनी फर्नीचर सोसाइटी के निदेशक च्या छिगं वन ने अमरीका के व्यापार मंत्रालय के इस फैसले पर अपनी राय प्रकट करते हुए कहा (आवाज)

मेरे विचार में अमरीका का यह फैसला न्यायोचित नहीं है। चीन का फर्नीचर उद्योग पूर्ण रूप से स्वतंत्र बाजार से संचालित होता है। इस के 70 प्रतिशत उद्यम चीनी और विदेशी पूंजी से संचालित उपक्रम हैं जो पूरी तरह बाजार के नियमों के अनुसार संचालित होते हैं। हम अमरीकी व्यापार मंत्रालय के तीसरे देश के मापदंड के आधार पर अपने उत्पादों की लागत तय करने का विरोध करते हैं।

अमरीका अब भी चीन को एक गैर बाजार अर्थतंत्र मानता है सो चीनी उत्पादों पर डम्पिंग मामलों की जांच में वह उनकी लागत की गणना के लिए आम तौर पर कोरिया गणराज्य, सिंगापुर आदि तीसरे देशों को मिसाल मानता है और उनकी उनके समान उत्पादों की लागत से तुलना करता है । इन देशों की श्रम लागत चीन से कहीं उंची है। इस तरह अमरीका के चीन पर डम्पिंग के मामले थोपने की कार्रवाई अकारण और अयुक्तियुक्त है।

सूत्रों के अनुसार, विश्व भर के निर्यात में चीन अपने उत्पादों के एंटी डम्पिंग कार्रवाइयों के शिकार होने को लेकर सबसे अधिक दुखी है। गत वर्ष के अन्त तक कोई 30 देशों व क्षेत्रों ने चीन के उत्पादों पर डम्पिंग के 500 से अधिक मामले दर्ज किये। इन से 4000 से अधिक चीनी व्यापारिक उत्पाद प्रभावित हुए और विदेश व्यापार में चीन को 16 अरब अमरीकी डालर का नुकसान उठाना पड़ा।

यूरोपीय संघ, अमरीका, कनाडा आदि देश चीन को बाजार अर्थतंत्र नहीं मानते। उनके हिसाब से किसी देश में बाजार अर्थतंत्र है या नहीं इसकी जांच के पांच पहलू हैं। एक, संसाधनों का मुख्य तौर पर बंटवारा सरकार करती है या देश के बाजार, दो, उपक्रम अपने उत्पादों के बारे में स्वयं निर्णय लेते हैं या नहीं, तीन, उत्पादों में प्रयुक्त तत्वों के दाम का फैसला बाजार करत है या नहीं, चार, देश का मुद्रा बाजार आर्थिक निर्माण के नियमों के अनुरूप काम करता है या नहीं तथा पांच, उसका व्यापारिक पर्यावरण न्यायोचित है या नहीं।

पेइचिंग नॉर्मल विश्वविद्यालय के आर्थिक व संसाधन प्रबंध अनुसंधान प्रतिष्ठान के निदेशक प्रोफेसर ली श्याओ सी का मानना है कि वर्तमान में चीन की स्थिति बाजार अर्थतंत्र के अनुरूप है। उन्होंने कहा (आवाज) इतने सालों के आर्थिक सुधार व खुलेपन के बाद हालांकि हम बहुत से पहलुओं में अमरीका व यूरोप के स्तर तक नहीं पहुंच पाए हैं, तो भी बाजार अर्थतंत्र होने के इन देशों के मापदंडों से मेल खाते ही हैं।

प्रोफेसर ली ने कहा कि यूरोप व अमरीका के मापदंडों के हिसाब से चीन सरकार की कार्यशैली उपक्रमों का सौदा पटाने, उत्पादों के दाम तय करने और वित्तीय व्यवस्था, व्यापारिक पर्यावरण तथा कानून निर्माण जैसे अन्य क्षेत्रों में बाजार अर्थतंत्र के अनुरूप है। चीन के अब तक बाजार अर्थतंत्र का दर्जा न हासिल कर पाने से व्यापक चीनी कारोबारों को विदेश व्यापार में अनेक स्तरों पर अन्याय सहना पड़ रहा है। चीनी व्यापार मंत्री बो सी लाए ने हाल ही में अमरीकी व्यापार मंत्री डोनाल्ड इवेन्स के साथ भेंट में कहा (आवाज)

हम अमरीकी आर्थिक जगत व अमरीकी उद्योगपतियों से कहेंगं कि वे चीन के बाजार अर्थतंत्र में हुए भारी विकास को समझें। हम उन्हें बताएगें कि बाजार अर्थतंत्र ने कैसे चीन की अर्थव्यवस्था की जीवनी शक्ति प्रदर्शित की है। अगर ऐसा न होता तो चीन पिछले 25 सालों में 1000 प्रतिशत की वह आर्थिक वृद्धि नहीं हासिल कर सकता था, जो विश्व में आज एक कीर्तिमान मानी जाती है।

अमरकी व्यापार मंत्री डोनाल्ड इवेन्स ने चीनी व्यापार मंत्री की टिप्पणी पर सकारात्मक प्रतिक्रिया करते हुए कहा (आवाज)

मुझे बड़ी खुशी है कि चीन और अमरीका ने एक संयुक्त कार्यदल की स्थापना की है। इससे चीन के बाजार अर्थतंत्र होने के सवाल के अध्ययन में द्विपक्षीय सहयोग घनिष्ठ हो सकेगा। चीन और अमरीका जुलाई के आरम्भ में एक बैठक बुलाएंगे, जिसमें विशेष रूप से चीन के बाजार अर्ततंत्र होने के मुद्दे पर विचार-विमर्श किया जाएगा। मुझे आशा है कि जुलाई की इस वार्ता में सार्थक प्रगति हासिल हो सकेगी।

सूत्रों के अनुसार, अब तक न्यूजीलैंड, सिंगापुर, मलेशिया और थाएलैंड ने ही चीन को बाजार अर्थतंत्र का दर्जा प्रदान किया है। यूरोपीय संघ ने हालांकि चीन के बाजार अर्थतंत्र को मान्यता नहीं दी है, लेकिन इस साल मई में हुई चीनी प्रधानमंत्री वन च्या पाओ की यूरोप यात्रा के दौरान, ब्रिटेन, बेल्जियम और जर्मनी आदि देशों ने यूरोपीय संघ के चीन को बाजार अर्थतंत्र का पूर्ण दर्जा देने पर सकारात्मक रुख अपनाने का विचार व्यक्त किया।

चीनी अर्थशास्त्री प्रोफेसर ली श्याओ सी का कहना है कि चीन के विदेश व्यापार की प्रगति, विशेषकर देश के आयात में निरंतर वृद्धि चीन को बाजार अर्थतंत्र का दर्जा दिला सकेगी और इससे विदेशों को भी लाभ प्राप्त होगा।