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(GMT+08:00) 2004-07-12 11:02:43    
सम्राट छिन-शी-ह्वां और उन के मकबरा

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छिन राजवंश चीनी इतिहास का प्रथम समंतवादी राज्य था। इस वंश के प्रथम सम्राट छिन शी ह्वुआन के समय में चीन में छिन को मिलाकर कुल सात राज्य थे । छिन राज्य आज के श्यान शी प्रांत में स्थित था औऱ अन्य राज्य थे छी,छ्वू,येन,हान,चाओ और वेई । इन सातों में से हरेक की चीन को एकीकृत करने की इच्छा थी । इस लिए उन के बीच कई गंभीर लड़ाइयां हुईं। छीन इन में सब से शक्तिशाली था, और ईसा पूर्व 221 में उस ने अन्य छै राज्यों को हराने के बाद चीन का एकीकरण कर चीन के प्रथम एकीकृत राजवंश की स्थापना की । हालांकि छीन राजवंश ने सिर्फ़ 15 वर्ष शासन किया, पर चीन में बाद के 2000 वर्षों तक चलने वाली सामंतवादी राजनीतिक व्यवस्था को आधार दिया । इस तरह छिन-शी-ह्वां चीन के प्रथम सामंतवादी सम्राट बने । चीनी शब्दों में शी-ह्वां का मतलब है प्रथम सम्राट।

चीन के एकीकरण के बाद सम्राट छिन-शी-ह्वां ने सुधार करने शुरू किए । पहले चीन छोटे-छोटे देशों में बंटा था और ये भिन्न देश भिन्न नीतियां अपनाये हुए थे । छीन-शी-ह्वां ने समूचे देश के केंद्रितय शासन की नीति बनायी । इस से समूचा देश उन के काबू में आ गया। उन्होंने देश भर के लिए माप-तौल तथा भाषाओं को भी एकीकृत किया, इस से विभाजित चीन पूर्ण रूप से एकताबद्ध हो सका । सम्राट छीन-शी-ह्वां ने अपने इन कदमों से चीनी सभ्यता की बुनियाद भी डाली। चीनी लोग आज तक उन की कामयाबियों को प्रयोग में ला रहे हैं। इस लिए छीन-शी-ह्वां का चीनी लोगों के दिल में एक विशेष स्थान है । ईसा पूर्व 210 में सम्राट बनने के 11 वर्ष बाद छीन-शी-ह्वां का तत्कालीन चीन के पूर्वी भाग के दौरे के समय आकस्मिक देहांत हुआ। उन का मकबरा आज भी श्यान शी प्रांत की राजधानी शीआन के उपनगर लिंग थोंग के ली शान पर्वत की तलहटी में सुरक्षित है ।

हाल ही में शीआन के दौरे के वक्त हमारी संवाददाता की मुलाकात छिन राजवंश की सैन्य मृदामूर्ति यानी टेराकोटा अनुसंधान केंद्र के उपाध्यक्ष श्री चांग चोंग ली से हुई । वे छिन राजवंश के मृदामूर्ति संग्रहालय के उप निदेशक भी हैं। एक अरसे से चीन के छिन राजवंश के इतिहास के अध्ययन में लगे श्री चांग चोंग ली ने सम्राट छिन-शी-ह्वां और उन के मकबरे की चर्चा में बताया कि

"छिन-शी-ह्वां का मकबरा छिन राजवंश द्वारा हमारे लिए छोड़ी गई सब से महत्वपूर्ण संपत्ति है। सम्राट छीन-शी-ह्वां का चीन के इतिहास में विशेष स्थान है । उन्होंने जीते रहते विविध कामयाबियां हासिल कीं और देहांत के बाद भी चीनी लोगों के लिए अनुपम संपत्ति छोड़ गए ।"

श्री चांग चोंग ली के अनुसार, छिन-शी-ह्वां का मकबरा विश्व में सब से बड़े व शानदार शाही मकबरों में से एक है । उस का क्षेत्रफल कोई 50 वर्गकिलोमीटर है और उस में तरह-तरह की मूल्यवान चीज़ें रखी हैं।

सामंतवादी चीन में हर सम्राट युवा रहते ही अपने लिए मकबरे का निर्माण करवा लेता था । जीवन भर वह अमीरी व खुशहाली का जीवन बिताता और देहांत के बाद भी आलीशान जीवन चाहता था । इसीलिए इन मकबरों में कई रंगबिरंगी मूल्यवान चीज़ें रखी जाती थीं । सम्राट छिन-शी-ह्वां ने भी युवराज रहते अपने मकबरे का निर्माण कराया । उन का मकबरा ईसा पूर्व 247 में बनना शुरू हुआ । चीन को एकीकृत करने के बाद छिन-शी-ह्वां ने अपने मकबरे के निर्माण पर विशेष ज़ोर दिया । इस के साथ ही उन्होंने अपने शत्रुओं के हमलों को रोकने के लिए लम्बी दीवार के निर्माण का आदेश दिया । यह आज की विश्वविख्यात लम्बी दीवार का प्रथम नमूना था। मकबरे और लम्बी दीवार जैसी भारी परियोजनाओं तथा सम्राट की कठोर नीति के कारण छिन राजवंश के अंत में लोगों का जीवन बहुत कठिन हो गया था । ईसा पूर्व 208 में देश में किसानों का विद्रोह हुआ । इस तरह गृहयुद्ध के कारण छिन-शी-ह्वां के मकबरे का निर्माण धीमा पड़ गया, और उस के निर्माण में कोई 39 वर्षों का समय लगा।

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