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(GMT+08:00) 2004-07-09 14:51:17    
चीनी स्कूलों में पाठ्यक्रमों का सुधार किया जा रहा है

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आजकल चीन में प्राइमरी व मिडिल स्कूलों के पाठ्यक्रमों में सुधार चल रहा है । वर्ष 2003 के अंत से चीन के अधिकांश स्कूलों में नयी पाठ्य पुस्तकों का इस्तेमाल किया जाने लगा है ।

सन 1950 से अब तक चीन के प्राइमरी व मिडिल स्कूलों के पाठ्य क्रमों में कुल आठ बार सुधार किया गया । पर वर्ष 2001 में शुरू हुए शिक्षा सुधार का पैमाना सब से बड़ा रहा , और इस ने सब से ज्यादा ध्यान भी आकर्षित किया । इस की चर्चा में चीनी शिक्षा मंत्रालय के पदाधिकारी श्री थांग चींग वेई ने कहा कि शिक्षा मंत्रालय की एक योजना के अनुसार पांच सालों के भीतर देश के सभी प्राइमरी व मिडिल स्कूलों में नयी पाठ्य पुस्तकों का इस्तेमाल शुरू हो जाएगा । वर्ष 2007 तक देश के हाई स्कूलों में भी नयी पाठ्य पुस्तकें लागू हो चुकी होंगी ।

स्कूलों के पाठ्यक्रमों में सुधार का लक्ष्य छात्रों की गुणवत्ता को उन्नत करना है । वर्ष 2003 के अंत तक देश भर में प्राइमरी व मिडिल स्कूलों के कुल 3 करोड़ 50 लाख से अधिक छात्र नये पाठ्यक्रम अपना चुके थे । पहले प्राइमरी स्कूल में अध्यापक आम तौर पर भाषा की पढ़ाई नये शब्द सीखने से शुरू करवाते थे । पर आज पेइचिंग के एक प्राइमरी स्कूल में पढ़ाई की शुरूआत गाने से होती है । इस गाने का अर्थ है : समुद्र मेरी जन्मभूमि है , मेरा समुद्र में जन्म हुआ , समुद्र में मैं पला-बढ़ा गया , समुद्र मेरी मां है ।

अध्यापक और विद्यार्थियों के एक साथ यह गाना गाते समय कक्षा की दीवार पर टंके टी वी पर समुद्र में लहर उठने और उस की सतह पर समुद्र चिल्ली उड़ने के सुन्दर दृश्य उभरते रहे । छात्रों ने इस से खुद के सचमुच समुद्र के भीतर उतरना महसूस किया ।

अध्यापक श्री लो शू गंग ने बताया कि नयी शिक्षा विधि छात्रों की अध्ययन की इच्छा और सक्रियता को उजागर करने पर महत्व देती है । श्री लो का मानना है कि प्राइमरी स्कूल के विद्यार्थियों को कोई पाठ पढ़ाने में सर्वप्रथम उन्हें पाठ का मर्म समझाना चाहिये । उन्हों ने कहा कि मैं अपनी कक्षा के लिये तैयारी करते हुए यही सोचता हूं कि एक लेख में बहुत सी सूचनाएं होती हैं । प्राइमरी स्कूल के छात्रों के लिये 40 मिनटों की कक्षा में ये सभी सूचना का ग्रहण करना असंभव है , इसलिये पाठ के केंद्रीय विचार को पकड़ना चाहिये ।

चीन के नये शिक्षा पाठ्यक्रम में इधर भारी परिवर्तन आया है । पहले चीनी छात्रों के पाठ्यक्रम में भातिकी , रसायनविज्ञान और जीवविज्ञान आदि अलग अलग विषय थे । पर अब दूसरे देशों की ही तरह उन्हें एक ही वर्ग विज्ञान में शामिल किया गया है । इसी तरह इतिहास और भूगोल दोनों समाजिक विज्ञान में एकीकृति हैं । इस तरह विभिन्न पाठ्यक्रमों को एक साथ मिलाना छात्रों को संश्रित जानकारी पाने में मददगार है ।

शिक्षा पाठ्यक्रमों में परिवर्तन के साथ साथ चीन में प्राइमरी व मिडिल स्कूल की परीक्षा व्यवस्थाओं में भी रुपांतरण हुआ है । चीनी शिक्षा मंत्रालय के एक पदाधिकारी ने इस की चर्चा में कहा कि पहले छमाही और वार्षिक परीक्षाओं के अंकों के अनुसार छात्रों का मूल्यांकन किया जाता था । आज हम न सिर्फ छात्र की श्रेणी , बल्कि उस के कक्षा में अध्ययन के आम प्रदर्शन को भी उस के मूल्यांकन का आधार बना रहा है । इधर चीन के मिडिल स्कूल व प्राइमरी स्कूलों में अधिक खुली परीक्षा की भी तैयारी की जा रही है , इस का मतबल है कि परीक्षा के समय छात्र किताबों और शब्दकोषों का प्रयोग कर सकेंगे ।