दूध पीने से मानव के तंदुरुस्त होने का कारण ही है । भारत में ऐसा कहना भी है कि दूध है किसी की सेहत का राज । भारतीय लोगों को दूध और दूध से बनी सारी चीज़ें बहुत पसंद है । लोगों को न सिर्फ दूध , दही , आइसक्रीम , दूध से बनी मिठाइयां बहुत पसंद है , और वे हर रोज़ बहुत से चाय पीते हैं , इस में भी दूध शामिल है ।
दूध पीने का इतिहास बहुत पुराना है । दूध का इतिहास भी लगभग उतना ही पुराना होगा , जितना मानव का इतिहास । शायद प्राचीन काल से ही जब मानव गाय का पालन करना शुरू किया था , तभी से वे दूध पीने लगते थे । लेकिन यह भी चर्चित है कि लोग न केवल गाय से , बल्कि हरिण या मृग जैसे दूसरे पशुओं से भी दूध पाते थे । आज की दुनिया में हम जिस दूध की चर्चा करते हैं , वह गाय का दूध ही है ।
वैसे सभी मानव के शिशुक्षओं को दूध की जरूरत पड़ती है , यानि मानव का सब से पहला आहार दूध ही होता है । बल्कि सही मानों में यह कहा जा सकता है कि धरती पर रह रहे सभी प्राणियों का पहला आहार दूध का होता है , चाहे मनुष्य के शिशु हों या पशु के । न सिर्फ धरती पर , समुद्र में जी रहे सभी स्तनपायी जैसे वैइल और डोल्फीन की स्थिति भी ऐसी है । क्योंकि एक शिशु प्रकृतिक रूप से दूध के अलावा कोई दूसरा भोजन शुरू के दिनों में हज़म नहीं कर सकता है । इस के अलावा दूध एक शिशु को बड़े होने में मदद देता है , उस के बदन को तंदुरूस्ती देता है और मज़बूत बनाता है और कई तरह के वीटामीन , प्रोटीन और केतसीयम के साथ साथ बच्चे को खूबसूरत दिखने में भी मदद देता है ।
इतना ही नहीं , मां का दूध बच्चे को खूबसुरत और मजबूत को बनाता ही है , उस के मानषिक उन्नती में भी भारी मददगार साबित होता है । जाहिर है कि दूध बच्चों को पीना ही चाहिये , पर बड़ों को भी इस का पूरा फायदा उठाना चाहिये । वयस्कों के शारीरिक और मानसिक उन्नति में भी दूध का बहुत बड़ा हाथ होता है । इसलिये बहुत से देशों में यह प्रोत्साहन किया जा रहा है कि जब भी मौका मिले , सुबह या रात , दूध जरूर पीना चाहिये । भारत के मशहूर क्रिकेटर विरेंद्र सहवाग का कहना है कि दूध-शूध पीया करो । उन के इतने अच्छे क्रिकेट खेलने का कारण भी दूध पीना ही कहा जाता है ।
मानवता के विकास में दूध पीने की क्रिया का बहुत बड़ा हाथ है । मिसाल के तौर पर , जापान के लोग कुछ इस प्रकार कहते हैं , रोज़ एक क्लास दूध का मतलब है हमारे देश की उन्नति । जापान के उन्नति को देखते हुए इस कहावत पर कोई संदेह भी नहीं रह गया है । आज चीन के लोग भी इस कहावत पर विश्वास करने लगे हैं । भारत की स्थिति भी एक ही है । भारत और दूध को कभी भी अलग नहीं किया जा सकता है । भारत में लोग केवल दूध पीना ही नहीं , बल्कि दूध से बने कई स्वादिष्ट व्यंजनों को खाना भी बहुत पसंद करते हैं । इसी लिए आज भारत विश्व का सब से बड़ा दूध का उत्पादन और सेवन करने वाला देश है । दूसरे नम्बर पर अमेरिका और तीसरे नम्बर पर रूस का नाम आता है । चीन में दूध का उत्पादन वर्ष 1970 के दशक में केवल दस लाख टन रहा , पर आज यह मात्रा एक करोड़ साठ लाख टन तक जा पहुंची है । इस समय चीन में कुल 560 दूध प्रोसेसिंग कारखाने हैं , जो भी बीस साल पहले की तुलना में दस गुना अधिक है । पर चीन में दूध की खपत भारत से कम है । भारत में लोगों को दूध पीने के अलावा इस से बनी कई तरह की चीज़ें , जैसे लस्सी , दही , घी , छांछ और पनीर आदि को खाना पीना पसंद है । इन में कई तरह के व्यंजन , रसगुल्ले , गुलाब जामुन , बर्फी आदि कई तरह की मिठाइयां , कई तरह के हलवा , खीर , सेवइयां , शरबत आदि भी शामिल हैं ।
चीन में लोग दूध से बने उतना ज्यादा व्यंजन नहीं खाते हैं । हान जाति के लोग आम तौर पर दूध सीधे पीते हैं , दूध से बने तरह तरह के केक व मिठाइयां जैसे भोजन भी खाते हैं । पर चीन में अल्पसंख्यक जातियों के लोग दूध ज्यादा खाते रहे हैं । मिसाल है कि चीन के भीतरी मंगोलिया और तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में लोग घी से कई भोजन बनाते हैं , और वे भी भारत की तरह दूध के साथ चाय पीते हैं ।
सचमुच ही दूध का कोई दूसरा विकल्प नहीं है । अगर दूध नहीं होता तो मानव के विकास का क्या होता । इसलिये जब भी मौका मिले दूध पीना न भूलें । रोज़ एक क्लास दूध का मतलब हमारे देश की उन्नति है ।
|