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(GMT+08:00) 2004-07-08 08:20:08    
मां और बेटी का प्यार

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प्रिय श्रोता दोस्तो पिछले 8 वर्षों में हमारे कार्यक्रम को बहुत से दोस्तों का भरपूर समर्थन मिला है।आपका शुक्रिया अदा करने के लिए हम आज एक सुन्दर तिब्बती गीत प्रस्तुत कर रहे हैं। गीत का नाम है मेरी जन्मभूमि शिकाचे। मित्रो. शिकाचे तिब्बत स्वायत प्रदेश के 7 प्रिफेकचरों में से एक है। उस का प्राकृतिक दृश्य बहुत सुन्दर है ।दोस्तो अभी आप ने जो गीत सुना वह सुश्री यान शुलान की प्रस्तुति था जो हां जाति की हैं। हाल ही में पेइचिग में हमारी संवाददाता सुश्री ल्यू हवी की मुलाकात उनसे हुई। सुश्री यान शुलान ने बताया कि वे पहले पेइचिग के फिल्म प्रकाशन गृह की प्रधान संपादिका थीं पर कुछ वर्ष पहले अवकाश प्राप्त करने के बाद वे एक संगीत कंम्पनी में काम करने लगीं। बातचीत में 67 वर्षीय सुश्री यान शुलान ने बड़े जोश के साथ चाइना रेडियो इंटरनैशनल के हिन्दी विभाग के नियमित कार्यक्रम आज का तिब्बत को उसकी आठवीं वर्षगांठ पर हार्दिक बधाई दी। सुश्री यान शुलान का कहना है कि यह कार्यक्रम बहुत ही बढ़िया कार्यक्रम है । हम इस का पूरा समर्थन करते हैं और इस के विकास की शुभकामना करते हैं । उन्होंने कहा, मैं आज का तिब्बत कार्यक्रम की बड़ी आभारी हूं कि इस कार्यक्रम के जरिये मुझे खुसांरामू जैसी अच्छी बेटी भी मिली। मित्रो सुश्री यान शुलान के ऐसा कहने के पीछे दरअसल एक कहानी है। लगभग 8 वर्ष पहले आज का तिब्बत कार्यक्रम के जरिये उनकी मुलाकात जिस तिब्बती युवती खुसांरामू से हुई वह तब पेइचिग के तिब्बती मिडिल स्कूल में पढ़ रही थी। मित्रो, लगभग 8 वर्ष पहले जब चाइना रेडियो इंटरनेशनल के हिन्दी विभाग का नियमित कार्यक्रम आज का तिब्बत शुरू हुआ तो तिब्बती छात्रा खुसारामू समेत बहुत से तिब्बती छात्रों ने इस को पूरा समर्थन दिया । हमारे रेडियो स्टेशन आ कर उन्होंने अनेक तिब्बती गीत भी रिकार्ड किये। सुश्री यान शुलान की तिब्बती संगीत में बड़ी रुचि है। तिब्बती गीतों की शौकीन सुश्री यान शुलान की आज का तिब्बत की प्रधान संपादिका सुश्री ल्यू हवी के जरिये पेइचिंग के तिब्बती मिडिल स्कूल की छात्रा खुसांरामू से भेंट हुई। खुसांरामू एक तिब्बती चरवाहे परिवार की बेटी है और उसकी गाने में बड़ी रुचि है ।सुश्री यान शुलान का कहना है कि मैं तिब्बती गीतों से हम एक साथ जुड़ गये। खुसारामू के अनुसार वर्ष 1996 से अब तक सुश्री यान शुलान मां की तरह उस से प्यार करती रही हैं और उस की मदद भी करती रही हैं।सुश्री यान शुलान की मदद से उसे प्यानो बजाना भी आ गया और उस ने गायन के बारे में नयी जानकारियां भी प्राप्त कीं। इसके लिए खुंसारामू सुश्री यान शुलान और उन के परिवार की आभारी है।

मित्रो हाल ही में सुश्री यान शुलान और खुसांरामू ने एक साथ मिल कर एक तिब्बती लोकगीत गाया ।गीत में तिब्बत के शिकाचे प्रिफेकचर की सुन्दरता का वर्णन किया गया है। सुश्री यान शुलान और उन के परिवार की मदद से तिब्बती युवती खुसांरामू को अच्छी नौकरी भी मिली है ।अगर आप यह जानना चाहते हैं कि खुसांरामू कहां औऱ क्या काम कर रही है तो हमारा नियमित कार्यक्रम आज का तिब्बत सुनना न भूलें। तिब्बती युवती खुसांरामू आज का तिब्बत में यह सब बतायेंगी।

मित्रो हाल ही में हमें आप के बहुत से पत्र मिले हैं । हमारे बहुत से श्रोता दोस्तों ने सवाल जवाब श्रृखला में भी भाग लिया और हमारे सवालों के सही जवाब दिये। इस सब के लिए आपका धन्यवाद। विजेताओं के नामों की सूची इस वर्ष के अंत में यानी दिसंबर में हम इस कार्यक्रम में प्रसारित करेंगे। आशा है कि आप का नाम भी इस सूची में होगा।