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(GMT+08:00) 2004-07-07 15:59:31    
म्यो गांव रांग ते शांग का पर्यटन विकास (क्रम-ख)

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ली की ही तरह रांग ते शांग गांव के पांच सौ वासियों को पर्यटन सेवा के विकास से आर्थिक लाभ मिला है , जब कभी बाहर से पर्यटक आए , तो गांव वासी उत्साह के साथ नाच गान में शामिल करते है , जिस से गांव को प्रायः पांच सौ य्वान की आय आती है । गांव अपनी कुल आय से एक राशि निकाल कर सड़कों का निर्माण करने तथा गांव के फटे पुराने प्राचीन मकानों का जीर्णोद्धार करने में लगा देता है , और शेष पैसा गांव वासियों में बांटा जाता है । यहां हम ने पाया कि गांव वासियों के हाथों से बनाई गई म्यो जाति की परम्परागत यादगार चीजें जैसा कि बांस पाइपों का वाद्य यंत्र , कसीदारी की थैली और अन्य शिल्प वस्तुएं पर्यटकों को बेहद पसंद आती है । इस के अलावा म्यो जाति का विशेष स्वाद का भोजन भी पर्यटकों का पसंदीदा खाना है , इस से हर गांव परिवार को औसतः हर साल तीन चार हजार य्वान की आय ज्यादा आती है ।

रांग ते शांग गांव में पर्यटन उद्योग का विकास करने का प्रस्ताव छन जङ थाओ नाम के एक बुजुर्ग गांव वासी ने पेश किया था , उन से मिलने के हम उन के घर गए ।

श्री छन जङ थाओ के घर में उन की पत्नी पुराने ढंग के बुनाई मशीन पर कपड़ा बुनने जा रही है , हमें बताया गया है कि अब भी स्थानीय म्यो जनता में जीवन निवाह की परम्परागत प्रथा चल रही है और वे खुद कपड़े बुनना , खादी के वस्त्र व सजावट की चीजें बनाना पसंद करते हैं ।

हमारी श्री छन जङ थाओ से मुलाकात एक हवादार व आधुनिक ढंग से सुसज्जित कमरे में हुई । 60 वर्षीय छन ने हमें बताया कि सन् 1986 में वे गांव के मुखिया थे , गांव की गरीब व पिछड़ी हुई स्थिति को बदलने के लिए उन्हों ने स्थानीय संसाधनों से म्यो जाति की विशेषता वाले पर्यटन उद्योग का विकास करने का सुझाव पेश किया , उन के सुझाव का स्थानीय सरकार ने भरपूर समर्थन किया , इसे मूर्त रूप देने के लिए गांव को 60 हजार य्वान की राशि प्रदान भी की ।

अब दस से ज्यादा वर्ष गुजर गए है , गांव के अन्य वासियों की भांति श्री छन जङ थाओ का जीवन भी बड़ा बदल गया है । उन के घर में टी वी सेट और फ्रीज आदि घरेलू प्रयोगी विद्युत यंत्र आए और तेलीफोन भी लगाया गया । ज्यादा से ज्यादा पर्यटकों का सत्कार करने की क्षमता बढ़ाने के लिए उन्हों ने अपने मकान को होटल के रूप में बदल दिया , लेकिन होटल म्यो जाति की परम्परागत वास्तु शैली में सुरक्षित हो गया । उन का घर अब दस से ज्यादा पर्यटकों को आवास दे सकता है । श्री छन ने कहा कि

अब पर्यटक बड़ी संख्या में हमारे गांव आते हैं । इसलिए गांव के सभी घरों ने निजी होटल खोला है , होटल में पर्यटकों का खर्च गांव द्वारा निश्चित किया गया है , वहां की सेवा बढ़िया है , पर दाम महंगा नहीं है ।

छन के होटल में एक दिन के खाने पीने तथा रहने के लिए हर पर्यटक केवल बीस य्वान का खर्च करता है , कम दाम और अच्छी सेवा के चलते छन के होटल में हर साल तीन सौ पर्यटक आकृष्ट होते हैं ।

पर्यटन उद्योग के विकास से नाम मशहूर होने के बाद रांग ते शांग गांव आने वाले पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है , हर साल कोई बीस हजार लोग आते हैं ।

रांग ते शांग का दौर करने के दौरान हमें यह महसूस भी हुआ कि अब गांव वासी गांव तक सीमित पर्यटन सेवा के विकास पर संतुष्ट नहीं हो गए हैं , वे खुद बाहरी दुनिया जा कर देखने तथा म्यो जाति की संस्कृति का प्रचार प्रसार करने के तत्पर हैं । वर्तमान गांव मुखिया छन मिन चुन के शब्दों में वे सारे चीन तथा विश्व तक म्यो जाति का पर्म्परागत रीति रिवाज दिखाने को तैयार है ।

(समाप्त)