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(GMT+08:00) 2004-07-06 15:34:08    
तिब्बती प्रोफेसर श्री औचू की अभिलाषा

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मित्रो ,हाल ही में हमारी संवाददाता सुश्री ल्यू हवी की मुलाकात पेइचिंग में तिब्बती प्रोफेसर औचू से हुई । हम अपने कार्यक्रम में इस मुलाकात पर आधारित एक रिपोर्ट प्रस्तुत कर चुके हैं। इधर के वर्षों में श्री औचू तिब्बती भाषा वाला मानक कम्यूटर तैयार करने में लगे रहे हैं । मित्रो हाल ही में राजधानी पेइचिंग के उत्तर में स्थित हिमालय नामक विश्रामगृह में सुश्री ल्यू हवी की उन से मुलाकात हुई। तिब्बती प्रोफेसर औचू तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की राजधानी ल्हासा स्थित तिब्बती विश्वविद्यालय के ईजीनियरिंग कालेज में हैं और काम के लिए ल्हासा से पेइचिंग आये। प्रोफेसर औचू ने बताया कि अब वे तिब्बती भाषा वाला मानक कम्यूटर बनाने की कोशिश कर रहे हैं । श्री औचू के अनुसार इधर के वर्षों में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में तिब्बती भाषा वाले कम्यूटर काफी लोकप्रिय हुए हैं । तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के बहुत से स्कूलों में तिब्बती भाषा वाले कम्प्यूटर का पाठ्यक्रम भी लागू है । तिब्बती भाषा वाला मानक कम्यूटर तैयार करने के लिए प्रोफेसर औचू और उन के साथियों ने बड़ी कोशिश की जो सचमुच प्रशंसनीय है।

हमारी संवाददाता सुश्री ल्यू हवी के साथ बातचीत में श्री औचू ने बताया कि वे शादीशुदा हैं। उन की पत्नी भी तिब्बती विश्वविद्यालय में पढ़ाती हैं ।इस तिब्बती दंपत्ति के एक बेटी है।उस का नाम है चौमा । तिब्बती भाषा में चौमा का अर्थ है देवी। तिब्बत में बहुत से लोगों ने अपनी बेटियों का नाम चौमा रखा है ।चौमा एक बहुत लोकप्रिय नाम है ।एक लोकप्रिय तिब्बती गायिका का नाम है छेतानचौमा । यह नाम हमारे कार्यक्रम के आप श्रोता दोस्तों के लिए जाना- पहचाना है। हम अपने कार्यक्रम में छेतानचौमा के गाये अनेक गीत प्रस्तुत कर चुके हैं । बहुत से श्रोता दोस्तों का कहना है कि उन्हें छेतानचौमा के गाये गीत बहुत पसंद हैं । मित्रो ,इधर के वर्षों में तिब्बती युवती छूशेचौमा ने भी गायन में प्रतिभा दिखा कर बहुत से लोगों का मन मोहा है ।उन के गीतों के CD भी बहुत लोकप्रिय हैं ।प्रोफेसर औचू की 13 वर्षीय बेटी चौमा चीन के सब से बड़े शहर शांहाई के खुंखान जूनियर स्कूल में बड़ी लगन से पढ़ रही है । एक वर्ष बाद चौमा हाई स्कूल की अपनी पढ़ाई शुरू करेगी ।प्रोफेसर औचू का कहना है कि इधर के वर्षों में वे काम के सिलसिले में अकसर ल्हासा से पेइचिंग आते रहे हैं।अगर उन की बेटी चौमा को राजधानी पेइचिंग के तिब्बती मिडिल स्कूल में पढ़ने का मौका मिला तो उन के लिए यह बहुत खुशी की बात होगी । हमारी कामना है कि प्रोफेसर औचू की अभिलाषा पूरी हो ।मित्रो अब हम आप से पूछना चाहते हैं कि पेइचिंग के तिब्बती मिडिल स्कूल की स्थापना कब हुई और अब इस स्कूल में कितने तिब्बती छात्र- छात्राएं पढ़ रहे हैं । मित्रो हम आप को एक बार फिर बता दें कि पेइचिंग के मिडिल स्कूल की स्थापना वर्ष 1987 में हुई और अब 8 सौ तिब्बती छात्र-छात्राएं वहां पढ़ रहे हैं । इस स्कूल के छात्रों का एक स्वर में कहना है, हमें पेइचिग का मिडिल स्कूल बहुत पसंद है । इस स्कूल के अध्यापक हमें अपने बच्चों की ही तरह प्यार करते हैं और हमारी अच्छी देखभाल करते हैं। मित्रो सुना है कि अब तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के बहुत से लोग अपने बच्चों के पेइचिंग के तिब्बती मिडिल जैसे स्कूल में दाखिले की कामना से पूजा-पाठ भी करते हैं। इस से जाहिर होता है कि तिब्बती छात्रों में चीन के भीतरी इलाकों में कायम पेइचिंग के तिब्बती मिडिल स्कूल जैसे स्कूल कितने लोकप्रिय हैं ।आंकड़े बताते हैं कि अब हर वर्ष ऐसे स्कूलों में दस हजार से अधिक तिब्बती छात्र-छात्राएं पढ़ रहे हैं ।जैसा कि एक कहावत है, आज का बच्चा कल का देश निर्माता है । हमें विश्वास है कि तिब्बत स्वायत्त प्रदेश का भविष्य और उज्ज्वल होगा। तिब्बती प्रोफेसर औचू का कहना है कि उन की बेटी बड़ी होने पर चाहे वकील बने या इंजीनियर देश की सेवा करना उसके लिए सब से महत्वपूर्ण बात होगी । मित्रो ,इधर तिब्बत स्वायत्त प्रदेश साल दर साल विकसित होता जा रहा है और तिब्बती जनता के जीवन में भी बड़ा सुधार आया है ।प्रोफेसर औचू का कहना है कि वे तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के विकास में अपनी पूरी शक्ति अर्पित करने की हर संभव कोशिश करेंगे।