चीन में निरंतर आर्थिक वृद्धि होने के साथ लॉजिस्टिक्स उद्योग का भी तेजी से विकास हो रहा है। अंग्रेजी शब्द लॉजिस्टिक्स 1970 के दशक के अन्त में चीन में धीरे-धीरे लोकप्रिय होना शुरू हुआ। पिछले कोई 20 सालों में इस उद्योग का भारी विकास हुआ है। ताजा आंकड़ों के अनुसार चीन के लॉजिस्टिक्स उद्योग की वार्षिक आय अब 300 खरब य्वेन तक जा पहुंची है और विकास की गति देश के घरेलू उत्पादन मूल्य की गति से कहीं ऊंची है।
देश-विदेश में मशहूर छिंगताओ बीयर का उत्पादन करने वाला पूर्वी चीन के सानतुंग प्रांत का छिंगताओ बीयर कारखाना आज सौ वर्ष का हो चला है। वर्ष 1993 में इस बीयर कारखाने में शेयर व्यवस्था लागू हुई औऱ इसके बाद वह विदेशी स्टॉक बाजार में अपने शेयर दर्ज कराने वाला चीन का प्रथम उद्योग बना। कारखाने ने अपना दायरा बढ़ने के साथ अपनी लॉजिस्टिक्स कम्पनी भी स्थापित की और घरेलू बाजार में सीधे उत्पाद बेचना शुरू किया। छिंगताओ बीयर शेयर लिमिटेड के उप निदेशक चांग सुए च्वी ने अपनी याद ताजा करते हुए कहा
हमने लॉजिस्टिक्स में भारी पूंजी डाली पर एक साल बाद हमें एक करोड़ य्वेन का घाटा उठाना पड़ा। तब से हमने अलग से एक ऐसी लॉजिस्टिक्स कम्पनी को ढूंढना शुरू किया जो इस काम में खासी ताकतवर हो और हमारे साथ अच्छा सहयोग भी कर सके। आखिरकार हमने हांगकांग मर्चेन्ट लॉजिस्टिक्स कम्पनी को चुना।
संयुक्त पूंजी वाली नयी लॉजिस्टिक्स कम्पनी की स्थापना के बाद तीन सालों के भीतर ही छिंगताओ बीयर शेयर लिमिटेड का ल़जिस्टिक्स व्यवसाय जल्द ही घाटे से छुटकारा पाकर मुनाफे में चलने लगा। प्रोफेसर वांग ते रूंग चीन की यातायात परिवहन सोसाइटी की स्थायी कमेटी के उपनिदेशक हैं। लॉजिस्टिक्स व्यवसाय के अपने कई सालों के अनुभवों के आधार पर उन्होंने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा लॉजिस्टिक्स तंत्र पर आधारित आर्थिक गतिविधि है जैसे परिवहन एक तंत्र आधारित आर्थिक गतिविधि है और विद्युत भी। एक विकसित तंत्र के बिना, ऐसी आर्थिक गतिविधि का संगठन बड़ा मुश्किल है। इसलिए लॉजिस्टिक्स में स्पर्धा और सहयोग का आवश्यक संबंध होता है। यह व्यवसाय स्पर्धा में आपका साथी होने के साथ बड़ा सहयोगी भी हो सकता है।
प्रोफेसर वांग ने इस की व्याख्या करते हुए कहा कि चीन में सैकड़ों शहर हैं। एक लॉजिस्टिक्स कम्पनी की इन सभी जगहों में शाखाएं होना असंभव है। इसलिए किसी लॉजिस्टिक्स कम्पनी को अगर अपना व्यवसाय अच्छी तरह चलाना हो तो जरूर ऐसी अन्य कम्पनियों के साथ गठबन्धन करना होगा। ऐसे गठबंधन से वह एक समूह की शक्ति हासिल कर सकेगी और तभी अपनी क्षमता का पूरा इस्तेमाल करने में सक्षम हो सकेगी।
चाइना कन्टेनर लाइन्स कम्पनी चीन के सबसे बड़े लॉजिस्टिक्स उपक्रमों में से एक है।यह कम्पनी विश्व में 20 से अधिक परिवहन लाइनों की स्थापना कर चुकी है और 100 से अधिक देशों के बन्दरगाहों के साथ संपर्क बनाये हुए है। इस तरह यह एक बेहद व्यस्त उपक्रम है। इस कम्पनी के नौपरिवहन के कप्तान हू तुंग छु ने हमसे बातचीत में कहा कि लॉजिस्टिक्स उद्योग में मौजूद तीव्र स्पर्धा के मद्देनजर हर सौदे को ठीक वक्त पर गंतव्य पर पहुंचाना बहुत ही आवश्यक हो गया है। हमारे जहाज एक सौदे को ठिकाने पर पहुंचाने के बाद वापस आने में 50 से 60 दिन लेते हैं। इसमें देर होने पर हम कैसे दूसरे सौदे अपने हाथ में ले सकते हैं। इसलिए कब किस दिन पहुंचना है यह पहले से पक्का कर लिया जाता है। अपनी बेहतर छवि बनाये रखने के लिए हम भारी से भारी प्रयास करने के लिए भी कोई कसर नहीं छोड़ते। बन्दरगाह में रुकने के समय को, जहां तक हो सके हम कम से कम करने की कोशिश करते हैं।
कन्टेनर लाइन्स कम्पनी की इस समय दुनिया में कुल 1000 शाखाएं हैं। इन में से तीन सौ चीन में हैं। ग्राहक उनकी वेब साइट पर जाकर फौरन कन्टेनर बुक कर सकते हैं और वेब साइट पर ही अपने कन्टेनर का नम्बर क्लिक कर किसी भी पल अपने माल की हालत की जानकारी पा सकते हैं।
विश्व की सबसे बड़ी जहाजरानी कंपनी डेनमार्क की मारेस्क शिपिंग कम्पनी के चीन क्षेत्र के प्रभारी ने हमें बताया कि यह शिपिंग कम्पनी चीन के उद्योगों के बीच लॉजिस्टिक्स के मार्ग को प्रशस्त करना चाहती है। वह चीन में एक साझेदार कम्पनी की तलाश में है। कुछ चीनी उपक्रम भी इस अन्तरराष्ट्रीय कम्पनी को चीन में डेरा डालने में मदद देने को उत्सुक हैं। वर्ष 2020 तक चीन लॉजिस्टिक्स के अपने पूरे खर्च को देश के वर्तमान सकल राष्ट्रीय उत्पाद के 20 प्रतिशत से 10 प्रतिशत तक घटा लेने की कोशिश कर विश्व के औद्योगिक देशों के स्तर के नजदीक पहुंचने का प्रयास करना चाहता है।
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