• हिन्दी सेवा• चाइना रेडियो इंटरनेशनल
China Radio International Thursday   may 15th   2025  
चीन की खबरें
विश्व समाचार
  आर्थिक समाचार
  संस्कृति
  विज्ञान व तकनीक
  खेल
  समाज

कारोबार-व्यापार

खेल और खिलाडी

चीन की अल्पसंख्यक जाति

विज्ञान, शिक्षा व स्वास्थ्य

सांस्कृतिक जीवन
(GMT+08:00) 2004-06-30 09:55:22    
म्यो गांव रांग ते शांग का तब और अब (क्रम-क )

cri

दक्षिण पश्चिमी चीन के क्वो चो प्रांत की रेशान काउंटी में फैली पहाड़ी वादी में रांग ते शांग नाम का एक छोटा गांव है , जहां मेहनती और नाच गान के शौकिन म्यो जाति के लोग सदियों से रह रहे हैं । अतीत में दुर्गम यातायात होने के कारण यह गांव बाहरी दुनिया से अलग थलग रहा और यहां का जन जीवन बहुत दूभर रहा था । लेकिन हाल ही में जब हम वहां गए , तो पाया कि रांग ते शांग गांव का एकदम कायापलट हो गया और गांव वासियों में स्थानीय विशेषता वाली पर्यटन सेवा चलायी जाने से लोगों का जीवन दिनोंदिन सुधरता जा रहा है ।

चीन की म्यो जाति के लुसान नामक बांस पाइपों से बने विशेष वाद्य यंत्र पर बजाई मधूर धुन में हम पहाड़ी वादी में बसे रांग ते शांग गांव आए , पहाड़ों की तलहटी में कतारों में दो मंजिला मकान खड़े नजर आए , स्वच्छ जल का चश्मा धान के खेतों से हो कर कलकल बहता है , हर जगह शांत और सुहाना वातावरण छाया रहा । म्यो जाति के लोग मेहमाननवाज है , उन्हों ने अपने सब से सम्मानजनक रस्म के साथ दूस से आए मेहमानों का स्वागत किया ।

सुन्दर जातीय पोशाक में म्यो युवतियां मधुर गीत गाते हुए सुगंधित स्वनिर्मित मदिरा का जाम पेश कर मेहमानों का स्वागत कर रही है । महकता मदिरा का स्वाद लेने के बाद हम पत्थरों से बने पथ पर गांव के केन्द्र स्थित एक विशाल मैदान पहुंचे , जहां मेहमानों के सम्मान में म्यो जाति के विशेष शैली का नाच गान प्रस्तुत हो रहा है ।

आंखों के सामने उमंग और हर्षोल्लाह से परिपूर्ण नाच गान का यह खुशगवार दृश्य देख कर हम इस की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं कि बीस साल पहले यह एक अत्यन्त गरीब गांव था और गांव वासी खेतीबारी में कड़ी मेहनत करके मुश्किल से पेट भर देते थे ।

तो किस तरह रांग ते शांग गांव में इतना भारी बदलाव आया , इस कौतुहट लिए हम ने नाचगान के अन्तरराल में गांव वासी श्री छन मिन चुन से पूछताछ की , जिस से यह पहेली सुलझ भी हो गई । छन मिन चुन ने अपने गांव के भारी परिवर्तन की जानकारी दी।

वर्ष 1987 से हमारे गांव ने पर्यटन सेवा का आरंभ किया , जो लगातार विकसित होता रहा , पर्यटन उद्योग के विकास से गांव वासियों की आमदनी अभूतपूर्व बढ़ गई । अतीत में मात्र खेतीबारी करने से केवल भर पेट खाना मिलता था , लोकिन पैसा का अभाव था । अब पर्यटन के विकास से गांव वासियों से पहले से तीस प्रतिशत से ज्यादा आय मिलती है ।

श्री छन ने हमें बताया कि रांग ते शांग गांव के पर्यटन उद्योग का इसलिए जोरों से विकास हो पाया है , क्यों कि यह गांव म्यो जाति की परम्परागत वास्तु शैली में अच्छी तरह सुरक्षित रहा है तथा यहां म्यो जाति की प्राचीन परम्परागत रितिरिवाज पर प्रोग्राम का आयोजन देखने को मिलता है । गांव के दोमंजिला मकान सदियों पुराना है , गांव के मशहूर एतिसाहिक विभूतियों की कहानियों के आधार पर संग्रहालय खोला गया तथा म्यो जाति की विशेष पहचान वाले नृत्य गान भी गांव वासियों द्वारा प्रस्तुत होता है । यह सब बाहर के पर्यटकों को बलबस आकर्षित करता है ।गांव वासियों में हमारी मुलाकात ली युई चङ नाम की एक महिला से हुई । उन्हों ने हमें बताया कि उन के परिवार के तीनों सदस्य म्यो जाति के परम्परागत नृत्य गान दल के सदस्य हैं , पर्यटकों को मनोरंजन का कार्यक्रम पेश करने से उन के परिवार को पहले से गुनों ज्यादा आय मिलती है और उन का जीवन भी काफी सुधर गया । अपनी धन राशि के खर्च पर बातचीत का सिलसिला जब चला , तो ली युई चङ ने खुल कर कहा कि

हम अपने पैसे से घर का नया मकान बनाते है , बच्चे की आगे शिक्षा के लिए पैसा जमा करते है और जीवन को बेहतर बनाने के लिए खर्च भी करते हैं

(क्रमशः)

Post Your Comments

Your Name:

E-mail:

Comments:

© China Radio International.CRI. All Rights Reserved.
16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040