मित्रो, हम बड़ी खुशी के साथ आप को बताना चाहते हैं कि चीन की तिब्बती संस्कृति की सुरक्षा व विकास पर प्रदर्शनी हाल में राजधानी पेइचिग में सफलतापूर्वक आयोजित रही। हमारी संवाददाता सुश्री ल्यू हवी को यह प्रदर्शनी देखने का मौका मिला। प्रदर्शनी कक्ष में उन की मुलाकात सुश्री वूई से हुई । सुश्री वूई का नाम हमारे श्रोता दोस्तों के लिये जाना पहचाना है। गत वर्ष हम ने अपने कार्यक्रम में आप को उन से मिलवाया था। तब सुश्री वूई ने आप को तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में खींचे गये एक सुन्दर फोटो की कहानी सुनायी थी। सुश्री वूई चीन का तिब्बत पत्रिका की उप प्रधान संपादिका हैं । उन्हें इस पद पर काम करते हुए अनेक वर्ष हो चुके हैं । इस प्रदर्शनी में सुश्री वूई एक अच्छे सेवक की हेसियत से काम करने आयीं । उन के अनुसार इस में प्रदर्शित पांच सौ चित्रों व वस्तुओं से तिब्बत की सांस्कृतिक परंपरा, विविध जातीय संस्कृति और तिब्बत की शांतिपूर्ण मुक्ति के बाद वहां हुए सामाजिक विकास में इस के संरक्षण की स्थिति प्रतिबिंबित हुई है ।
मित्रो इस प्रदर्शनी में प्रदर्शित एक थानखा चित्र इतना बड़ा व सुन्दर था कि उस ने हमारी संवाददाता का मन मोह लिया । हमारी संवाददाता सुश्री ल्यू हवी के अनुरोध पर सुश्री वूई ने इस थानखा चित्र का परिचय देते हुए कहा कि इस में तिब्बत का सुंदर पोताला महल अंकित है । मित्रो जैसा कि आप जानते हैं पोताला महल का इतिहास बहुत पुराना है ।वह तिब्बत का प्रतीक माना जाता है ।इधर के वर्षों में चीन सरकार ने पोताला महल के जीर्णोद्धार की सफल कोशिश की।कुछ वर्ष पहले यूनेस्को ने चीन सरकार की इस कोशिश की प्रशंसा करते हुए पोताला महल को अपनी विश्व की विरासत की सूची में शामिल किया। इधर कुछ वर्षों में देश-विदेश के बहुत से लोगों ने पोताला महल की यात्रा की और इस सुन्दर महल की प्रशंसा की । दुनिया भर के न जाने कितने लोग विश्व की छत पर स्थित पोताला महल के दर्शन के लिए तैयार बैठे हैं ।गत वर्ष चीन सरकार ने पोताला महल की सुरक्षा का निर्णय लिया। इस के अनुसार पोताला महल की यात्रा करने वालों की संख्या सीमित की जा रही है।इधर पोताला की मरम्मत का दूसरा चरण भी जोर-शोर से चल रहा है।
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