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(GMT+08:00) 2004-06-21 15:31:17    
  चीन की जन प्रतिनिधि सभा प्रणाली—भाग एक

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आज के इस कार्यक्रम में हम भागलपुर, बिहार की नाजनीं हसन और तमन्ना हसन तथा मऊ उतर प्रदेश के राजेन्द्र यादव भारती, उषा देवी भारती, और दीपाजंली, और उतर प्रदेश के ही आजमगढ़ के शहीद आजमी इजराइल कस्तूरी, मिकाइल अंसारी, इसराइल अंसारी तथा स्माइल नरेश के पत्र शामिल कर रहे हैं।

आप सब की चीन की संसद में बड़ी जिज्ञासा है, आप चीन की संसद का नाम जानना चाहते हैं, और जानना चाहते हैं कि उसके वर्तमान अध्यक्ष कौन हैं, तथा उसकी कार्यावधि कितने दिन की होती है। आप सब ने यह भी पूछा है कि चीनी संसद में कितनी महिला सदस्य हैं, एक चीनी सांसद का वेतन कितना है और क्या चीन की संसद में चीनी भाषा के अतिरिक्त किसी और भाषा को भी मान्यता प्राप्त है। प्रश्न बहुतेरे हैं, चलिए आपको चीनी संसद व्यवस्था की विस्तार से जानकारी देने की कोशिश।

विश्व के अनेक देशों में संसद व्यवस्था कायम है, भारतीय संसद व्यवस्था में जहां राज्यसभा व लोक सभा काम करती हैं, वहीं चीन की संसद व्यवस्था के तहत जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन और जन प्रतिनिधि सभा का प्रावधान है। चीनी जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन की स्थापना सितंबर 1949 में हुई। इसने राष्ट्र की सर्वोच्च सत्ताधारी संस्था का कार्यभार संभालते हुए अपने प्रथम पूर्णाधिवेशन में चीन लोक गणराज्य की स्थापना की घोषणा की, इस अधिवेशन में संविधान का अस्थाई स्वरूप या 《चीनी जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन का समान कार्यक्रम》भी पारित हुआ।

चीन की प्रथम केन्द्र सरकार व जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन की पहली राष्ट्रीय कमेटी भी इस दौरान चुनी गई, और चीन लोक गणराज्य की राजधानी, राष्ट्रध्वज और राष्ट्रगीत भी इसमें निश्चित किए गए। वर्ष 1954 में चीन की सर्वोच्च सत्ताधारी संस्था चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा अस्तित्व में आई, और चीनी जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन ने चीन के व्यापक देशभक्त मोर्चे का रूप धारण किया, जो उसने अब तक बरकरार रखा है। सम्मेलन चीन के राजनीतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, सामाजिक व वैदेशिक मामलों में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। चीनी जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन उस राजनीतिक व्यवस्था का प्रतीक है, जो चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व में बहुदलीय सहयोग पर आधारित है। इस में राजनीतिक परामर्श के जरिए समाजवादी लोकतंत्र का विस्तार किया जाता है।

केन्द्र सरकार या स्थानीय सरकारों द्वारा राजनीतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक व सामाजिक क्षेत्रों के महत्वपूर्ण मुद्दों पर फैसला लेने से पूर्व जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन में उस पर सलाह-मशविरा होता है। चीनी जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन चीनी कम्युनिस्ट पार्टी, चीनी कोमिंतांग पार्टी की क्रांतिकारी कमेटी, चीनी डेमोक्रेटिक लीग, चीनी लोकतांत्रिक राष्ट्रीय निर्माण संघ, चीनी लोकतंत्र संवर्धन सभा, चीनी किसान एवं मजदूर डेमोक्रेटिक पार्टी, चीनी जीकूंग पार्टी, ज्युसान सोसाइटी, और थाइवान डेमोक्रेटिक स्वायत लीग जैसे राजनीतिक दलों के सदस्यों के अतिरिक्त निर्दलीय व्यक्तियों, विभिन्न सामाजिक दलों के सदस्यों, सभी जातियों व जगतों के प्रतिनिधियों, हांगकांग व मकाओ के निवासियों और विदेशों से स्वदेश लौटे प्रवासी चीनियों के प्रतिनिधियों तथा विशिष्ट रूप से आमंत्रित व्यक्तियों से गठित है।

चीनी जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन के कार्यक्षेत्र में राजनीतिक परामर्श, लोकतांत्रिक निरीक्षण और प्रशासन में भागीदारी शामिल है। चीनी जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन में एक राष्ट्रीय कमेटी और कई स्थानीय कमेटियां हैं। जन राजनीतिक सम्मेलन की कार्यावधि पांच साल होती है। वर्ष 1949 से अब तक जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन के दस अधिवेशन हो चुके हैं। माउ त्से-तुंग,चओ एन-लाई,तंग श्याओ-फिंग,तंग ईंगझाउ,ली श्येन-न्येन और ली रूई-ह्वान इस की राष्ट्रीय कमेटी के अध्यक्ष रहे, और वर्तमान यानी दसवीं राष्ट्रीय कमेटी अध्यक्ष का पद श्री जा छिंग-लीन संभाले हुए हैं। चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा चीन लोक गणराज्य की सर्वोच्च आधिकारिक सत्ताधारी संस्था है। चीन के संविधान में चीन लोक गणराज्य के सभी अधिकार जनता के पास हैं। चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा और स्थानीय जन प्रतिनिधि सभाएं जनता की ओर से इस अधिकार का प्रयोग करती हैं।

जन प्रतिनिधि सभा व्यवस्था चीन की मूल राजनीतिक व्यवस्था है, और चीन की राज्यव्यवस्था भी। इस में कुल 3000 सीटें हैं, और इस की कार्यावधि है पांच साल। जन प्रतिनिधि सभा के सभी सदस्य निर्वाचित जन प्रतिनिधि होते हैं। वर्ष 1953 में विभिन्न स्तरों पर जन प्रतिनिधि सभाओं का आयोजन किया गया। इस आधार पर वर्ष 1954 में प्रथम चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा आयोजित हुई। तब से चीन में चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा व्यवस्था कायम है। चीन में कुल 56 जातियां रहती हैं, हान जाति के अतिरिक्त बाकी 55 अल्पसंख्यक जातियां हैं। उन में ज्वांग जाति की जनसंख्या हान जाति के बाद सब से ज्यादा है जो कोई दो करोड़ के पास है।

चीन की सब से छोटी अल्पसंख्यक जाति की जनसंख्या 4000 मात्र है, पर चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा में सभी 56 जातियों को सीटें हासिल हैं।

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