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(GMT+08:00) 2004-06-21 20:16:41    
चीन की परम्परागत संस्कृति का संरक्षण

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हाकाव्य राजा कसेर विश्व की एक सब से लम्बी एतिपासिक कविता है । वह प्राचीन काल से तिब्बतियों में श्रुत होता आया है । नए चीन की स्थापना के बाद खास कर इधर के दस से अधिक सालों में चीन सरकार ने भारी धन राशि और श्रम शक्ति का खर्च कर इस महा काव्य का संकलन किया । अब चीन में तिब्बती संस्करण में महा राजा कसेर के 75 ग्रंथ प्रकाशित हो चुके हैं और विभिन्न कलाकारों की आवाज में छै हजार घंटों के टेप बनाए गए हैं । अपने आधुनिक निर्माम को दौरान चीन श्रेष्ठ राष्ट्रीय एतिहासिक संस्कृति की रक्षा व विकास को बड़ा महत्व देता है और उल्लेखनीय सफलताएं भी प्राप्त की हैं ।

परमपरागत संस्कृति के संरक्षण में यह काम उल्लेखनीय है कि देश के लोक कला साहित्य का दस विशेष ग्रंथों के रूप में संकलन किया गया । चीनी संस्कृति मंत्रालय द्वारा चलायी गई लोक कला साहित्य के एतिहासिक धरोहरों की रक्षा करने की यह परियोजना देश के सामाजिक विज्ञान विकास का प्रमुख भाग है । 1978से देश के विभिन्न स्थानों के पचास हजार से अधिक विशेषज्ञों , विद्वानों तथा कला साहित्य के प्रेमियों ने इस में हाथ बटाया । इन दस ग्रंथों में चीनी लोक गीत संग्रह , चीनी ओपेरा धुन संग्रह , विभन्न जातियों के वाद्य धुन संग्रह , चीनी ओपेरा इतिहास , चीनी लोक कला संग्रह , चीनी लोक कथा संग्रह ,चीनी कहावत संग्रह , लोक नृत्य संग्रह , लोक कला इतिहास और चीनी संगीत संग्रह शामिल हैं , जिन के कुल तीन सौ भाग हैं । चीनी उप संस्कृति मंत्री फान चङ यु ने चीनी संस्कृति के संरक्षण कार्य की चर्चा करते हुए कहा,

चीन का लम्बा पुराना इतिहास है और 56 जातियां हैं। नए चीन की स्थापना के बाद चीनी कम्युनिस्ट पार्टी और चीन सरकार ने जातीय संस्कृति के संकलन , अनुसंधान , संरक्षण तथा विकास के लिए भारी श्रम शक्ति और धन राशि का खर्च किया । सुधार और खुलेपन की नीति के लागू होने के बाद देश में व्यापक तौर पर जातीय कला साहित्य का संकलन करने का अभियान चलाया गया , विभिन्न प्रांतों , स्वायत्त प्रदेशों तथा विभिन्न जगतों ने जातीय सांस्कृतिक धरोहरों की रक्षा के लिए ढेर सारे काम किए ।

90 साल पुराना चीनी पुस्तक प्रकाशन गृह एतिहासिक पुस्तकों का संकलन और प्रकाशन करने वाली एक विशेष संस्था है , उस के द्वारा संकलित व प्रकाशित पुरातन चीनी लिपि संग्रह , चीनी महा बौध सूत्र , चीनी महा शब्दसागर और प्राचीन पुस्तकों का संग्रह विश्व में भी प्रभावकारी है । इस प्रकाशन गृह के हान भाषी संपादक विभाग के प्रभारी प्रोफेसर छए च्येन हुङ ने चीन की परमपरागत संस्कृति की रक्षा व विकास में बड़ी भूमिका अदा की है , उन का कहना है,

इधर के दशकों में चीनी पुस्तक प्रकाशन गृह ने जो कुछ प्राचीन ग्रंथावलियों का संकलन और संशोधन करने की परियोजनाएं की है , वे विश्व में भी मशहूर हैं । इन कामों में कार्यरत सभी प्रोफेसर और विशेषज्ञ देश के विभिन्न उच्चशिक्षालयों और अनुसंधान संस्थाओं के धुरंधर तथा अनुभवी विद्वान हैं । ये एतिहासिक ग्रंथ चीनी राष्ट्र के सभ्यता व संस्कृति के धरोहर और प्राचीन चीन का सूचना खजाना है । अच्छी तरह चीन का इतिहास जानने से ही आज के चीन को समझ सकता है ।

चीनी राष्ट्रीय पुस्तकालय देश के एतिहासिक सांसकृतिक धरोहरों को सुरक्षित करने वाली अहम संस्था है ।यहां दो करोड़ पुस्तकें सुरक्षित हैं जिन में बीस लाख प्राचीन ग्रंथ हैं । पुस्तकालय में आज से तीन हजार वर्ष पहले हड्डियों पर खुदे प्राचीन चीनी लिपि के आलेख , एक हजार वर्ष पहले के तुनहुआन गुफा के कला साहित्य की कृतियों के अलावा विभिन्न राज्यवंशों के राजमहलों में सुरक्षित मूल्यावान कृतियां देखने को मिलती हैं । महा यङ ल्ये ग्रंथावली सब से बड़ा आकर्षक है।

महा यङ ल्ये ग्रंथावली चीन के मिन राजवंश के सम्राट के आदेश पर संपादित और संकलित विश्व कोष है, जो इस किस्म का विश्व का प्रमत ग्रंथावली है । इस का संकलन का काम सन् 1403 से शुरू हुआ और इस में उस वक्त तक चलने वाले सभी एतिहासिक कालों के आठ हजार किस्मों की पुस्तकें गृहित हैं । इस महा ग्रंथावली का अकादमिक मूल्य अकूत है । राष्ट्रीय पुस्तकालय के प्रभारी श्री रन ची यु ने कहा, महा यङ ल्ये ग्रंथावली चीन के प्राचीन काल में बनाया गया सर्वाधिक उत्कृष्ट विश्वकोष है और मानव जाति के इतिहास का एक बेजोड़ शानदार साहित्यिक काम है । लेकिन बड़े खेद की बात यह है कि एतिहासिक कारण , खास कर सौ साल से पहले चीन पर आठ विदेशों के आक्रमण और लूट खसोट व आगजनी से इस महाविश्व कोष को भारी नुकसान पहुंचा । अब चीन में इस की 163 और विदेशों में दो सौ पुस्तकें सुरक्षित है । चीनी राष्ट्रीय पुस्तकालय की योजना है कि वह तीन साल के भीतर इन तीन सौ से ज्यादा पुस्तकों का आधुनिक तकनीक से पुनः संकलन और प्रकाशन करेगा ताकि चीन और विश्व के अकादमिक क्षेत्र के लिए एक हितकारी काम किया जाए और विश्व के इस असाधारण सांस्कृतिक धरोहर को अच्छी तरह सुरक्षित करने में योग हो ।

चीन अपनी अलप संख्यक जातियों के एतिहासिक पुस्तकों के संकलन और संरक्षण को भी बड़ा महत्व देता है । चीन सरकार ने दस से अधिक अल्पसंख्यक जातियों को उन की अपनी भाषा और लिपि के विकास में मदद की , क्रमशः 13 किस्मों की लिति का सृजन किया गया और बड़ी मात्रा में जातीय एतिहासिक कृतियों का संकलन किया । देश की जातीय पुस्तकों की विशेष संरक्षण संस्था स्थापित हुई ,जिस ने जातीय शिल्प कला , स्थानीय आपेरा , लोक गीत संगीत व नृत्य तथा श्रुत प्राचीन काव्यों का संकलन किया और उन्हें अच्छी तरह सुरक्षित किया । इस क्षेत्र में तिब्बती महा काव्य राजा कसेर , मंगोल जाति के महा काव्य चांगकेर और कर्कजी जाति के महा काव्य मानिस तथा वेवूर जाति के शास्त्रीय संगीत बारह मुकम का बचाव व संकलन काम उल्लेखनीय है । चीनी राष्ट्रीय जातीय मामला आयोग के उप मंत्री श्री ली च्येन का कहना है, चीनी राष्ट्र की संस्कृति प्रचूर और प्रगाढ़ है , देश की 55 अल्पसंख्यक जातियों का अपना अपना पुराना सांस्कृतिक इतिहास है । उन के सांस्कृतिक धरोहरों को संरक्षित करने का बड़ा महत्व है । अब देश के 25 प्रांतों और स्वायत्त प्रदेशों ने अल्पसंख्यक जातियों के एतिहासिक पुस्तकों के संकलन और प्रकाशन के नेतृत्वकारी दल गठित किये । चीन के तिब्बत विज्ञान अकादमी के प्रभारी , तिब्बती विद्वान श्री छीवांचङमै ने इस काम की चर्चा करते हुए कहा कि अब देश में कुल पचास से अधिक तिब्बतविद्य अनुसंधान संस्थाएं खोली गई है । तिब्बती संस्कृति के संरक्षण और अनुसंधान में विश्वध्यानार्कषक कामयाबियां हासिल की गई । वे कहते हैं, चीन सरकार ने एतिहासिक जातीय कला साहित्य के संरक्षण में खासा बड़ा काम किया । अल्पसंख्यक जातियों की संस्कृति की रक्षा के लिए देश ने विशेष नीति लागू की और इस काम को भारी वित्तीय सहायता प्रदान की और संतोषजनक परिणाम भी प्राप किया ।

चीन सरकार ने एतिहासिक सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण के लिए कई कानून कायदे भी बनाए , जिन में जातीय क्षेत्रीय स्वशासन कानून , एतिहासिक सांस्कृतिक अवशेष संरक्षण कानून , कापी राइट कानून और परम्परागत शिल्पकला संरक्षण नियमावली आदि शामिल हैं । इस के अलावा कुछ स्थानीय सरकारों ने भी विशेष संरक्षण नियमावली बनाई । 1985 में चीन ने विश्व संस्कृति व प्राकृतिक अवशेष संरक्षण संधि में भी भाग लिया ।