इधर कुछ सालों से चीनी कालेजों से निकलने वाले स्नातकों का सालाना औसत दस लाख से अधिक रहा है , और अनुमान है कि इस साल यह संख्या 28 लाख पचास हजार तक जा पहुंचेगी । ऐसी स्थिति में चीनी कालेज छात्रों के लिये बेहतर रोजगार एक सवाल बन गया है ।
चीनी लोग बच्चों की शिक्षा पर बहुत महत्व देते हैं । जीवन स्तर के उन्नत होने के साथ उन की पहली प्राथमिकता अपने बच्चों को कालेज में भेजने का प्रयास बन गयी है । आम लोगों की इस जरूरत को पूरा करने के लिये चीन सरकार उच्च शिक्षा के विस्तार के अथक प्रयासों में लगी है । गत वर्ष चीनी युवाओं के दस प्रतिशत को कालेज में पढ़ने का अवसर प्राप्त हुआ ।
लेकिन कालेज छात्रों की संख्या बढ़ने के साथ साथ , इन छात्रों के लिये काम ढ़ूढ़ना भी मुश्किल हो गया है । गत वर्ष चीनी स्नातकों के केवल 80 प्रतिशत को ही काम मिल पाया , यानी अन्य 20 प्रतिशत बेरोजगार रहे । लेकिन यहां यह बता दें कि चीनी छात्रों में उच्च स्तरीय डिग्री जैसे मास्तर , एम-फील और पी एच डी की डिग्री पाने वालों की रोजगार पाने की स्थिति बेहतर है , और उन में से 95 प्रतिशत काम पाने में सफल रहते हैं ।
चीनी शिक्षा मंत्रालय ने इस समस्या के समाधान के लिये दो कदम उठाये हैं , पहला यह कि कालेज में चार वर्षों के लिये पढ़ने के बाद बैचलर डिग्री पाने वाले अधिक से अधिक छात्रों को कालेज में रहकर , निरंतर मास्तर , एम-फील और पी एच डी की उपाधियां पढ़ने के लिये प्रोत्साहित किया जाये । और दूसरा यह है कि, समाज की मांग के अनुरूप कालेजों में उपाधियों का पुनःप्रबंध किया जाये और उन विषयों को , जिन की उपाधि पाने वाले छात्रों की समाज को जरूरत है , को प्रोत्साहित किया जाये ।
चीनी शिक्षा मंत्रालय के एक उच्च स्तरीय अधिकारी श्री हो ने हमारे संवाददाता से कहा कि चीन में कालेज छात्रों की संख्या देश की तमामू जनसंख्या के अनुपात में खासी कम है । कालेज स्नातकों की बेरोजगारी की समस्या का एक बड़ा कारण यही है कि वे केवल बड़े शहरों में काम करना चाहते हैं । कुछ स्नातकों ने न केवल छोटे व मझौले शहरों में काम करने के मौके छोड़ दिये हैं , बल्कि कम वेतन वाली नौकरियां भी ठुकरा दी हैं । इन स्नातकों को अपना विचार बदलना चाहिये । उन्हें सिर्फ सरकारी संस्थाओं में ही नहीं , गैर सरकारी इकाइयों और छोटी कंपनियों में भी काम करने से नहीं कतराना चाहिये । कालेज शिक्षा समाज के विशाल वर्ग के लिये है , और कालेज स्नातकों को भी समाज की आधारिक श्रेणी में काम करने जाना चाहिये ।
यों श्री हो ने यह भी माना है कि स्नातकों को जो काम मिलता है , वह उन की सामाजिक स्थिति , आर्थिक आय तथा व्यक्तिगत भविष्य सब कुछ तय करता है । इसलिये उन का विचार बदलना कोई आसान काम नहीं है ।
चीन के कालेज भी अपने स्नातकों के रोजगार के सवाल को लेकर बहुत चिंतित हैं । पेइजिंग विदेशी भाषा विश्ववित्यालय के एक अधिकारी ने हमारे संवाददाता से कहा कि हमारा विश्ववित्यालय छात्रों की भरती के समय से ही उन के भावी रोजगार की तैयारी शुरू कर देता है । हमारे यहां छात्र छोटी छोटी कक्षाओं में बैठे हैं , जिस से अध्यापक छात्रों की व्यक्तिगत विशेषता के अनुसार उन्हें निर्देशित कर सकते हैं । जब ये छात्र कालेज से निकलने को होते हैं , तब हम उन्हें रोजगार के निर्देशन के लिये विशेष गोष्ठियां आयोजित करते हैं । ऐसी गोष्ठियों के विशेषज्ञों में न केवल भिन्न भिन्न व्यवसायों के अनुसंधानकर्ता शामिल होते हैं , बल्कि विभिन्न इकाइयों के कार्मिक विभाग के अधिकारी भी उपस्थित हैं ।
इस के अतिरिक्त , पेइजिंग विदेशी भाषा विश्ववित्यालय अपने स्नातकों की मदद के लिये , विभिन्न स्रोतों से रोजगार संबंधी सूचनाएं तलाशता है । और विश्ववित्यालय प्रति वर्ष उन कारोबारों , जो उस के स्नातकों की नियुक्ति दे सकते हैं , के साथ साथ संपर्क रखता है , उन्हें अपने छात्रों की जानकारी देता है , और उन की नियुक्ति का सिफारिश भी करता है । इस साल पेइजिंग विदेशी भाषा विश्ववित्यालय के 600 स्नातकों के सामने इस तरह रोजगार के छै हजार मौके होंगे । अनेक स्नातक इन इकाइयों के साथ नियुक्ति समझौते पर हस्ताक्षर भी कर चुके हैं ।
पेइजिंग विदेशी भाषा विश्ववित्यालय के स्नातकों का स्तर चीन के दूसरे कालेजों के छात्रों से अपेक्षाकृत अच्छा है , जो उन के रोजगार के सवाल के समाधान में मददगार भी है । विश्ववित्यालय के अंग्रेजी भाषा के स्नातक श्री च्यांग च्वन को, चीन के मशहूर सिंह्वा समाचार एजेंसी में नियुक्ति मिली । उन्हों ने अपनी इस सफलता पर कहा कि मेरी पत्रकारिता में बड़ी दिल्चस्पी है । इसलिये मैं अंग्रेजी सीखने के अलावा अन्य विश्ववित्यालयों में पत्रकारिता से संबंधित कक्षाएं सुनने भी जाता था । ये सब मेरे लिये रोजगार पाने में बहुत लाभदायक थे ।
बेशक श्री च्यांग जैसे स्नातकों , जिन्हें न सिर्फ विदेशी भाषा का ज्ञान , बल्कि एक व्यवसाय का हुनर भी प्राप्त है , के लिये काम ढ़ूढ़ना आसान है । इसलिये अब चीन के अधिक कालेज, अपने छात्रों के लिये विविध विषयों वाली कक्षाएं खोलने का प्रयास कर रहे हैं ।
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