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(GMT+08:00) 2004-06-12 20:20:25    
"आशमा" और "ता बान शहर की लड़कियां" गीतों का मज़ा

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"आशमा" नामक गीत चीन के दक्षिण-पश्चिमी प्रांत युननान की अल्पसंख्यक सानी जाति का लोकगीत है । गीत में आशमा नामक लड़की और अहे नामके लड़के के सच्चे प्रेम का वर्णन किया गया है । यह गीत चीन में कोई 40 वर्षों तक लोगों की जुबान पर रहा और अब भी अक्सर सुनाई पड़ जाता है।

गीत कहता है

घोड़े की पीठ पर सवार

घंटियों की आवाज़ सुनते हैं हम 

लौट रहा हूं मैं आशमा के साथ घर

और मैं वापस आ रही हूं भाई अहे के साथ

रबुब्ला के घर से

मां के पास लौट रहे हैं हम

भौंरे उड़ते हैं फूल की ओर

और मैं नाचती हूँ

तुम्हारी बांसुरी की लय पर

बुनती हूं मैं कपड़े

और तुम चराते हो भेड़

सदा पास रहकर तुम्हारे

सुखमय जीवन बिताते हैं

हम दोनों

"ता बान शहर की लड़कियां" नामक गीत में चीन के शिंगच्यांग स्वायत्त प्रदेश के एक उइगुर लड़के की प्रेम भावना व्यक्त हुई है। पुराने जमाने में वहां शादी की विशेष रीति प्रचलित थी। इस में दुल्हन विवाह के समय दहेज के साथ पति के घर आती थी। इस रीति के अनुसार वर और वधू दोनों पक्षो की सहमति पर एक ही परिवार की बड़ी और छोटी बहनें एक ही पुरूष के साथ शादी कर सकती थीं।

गीत कहता है

बहुत समतल है

ता बान शहर का रास्ता

फल हैं मीठे रसीले

ता बान की लड़कियां है अति सुन्दर

आंखें हैं कितनी बड़ी

ऐ लड़कियो

जब तुम्हारा मन हो शादी करने का

तो किसी दूसरे से नहीं

मेरे साथ शादी करना

दहेज के साथ अपनी बहन को लेकर आना

गाती हुई मेरे पास