ऊर्जा किसी देश के आर्थिक विकास की कुंजी है । चीन एक बड़ी जनसंख्या वाला देश है और इधर वर्षों में चीन का विकास बहुत तेज़ है । इस में ऊर्जा के प्रति जरूरत भी बहुत बढ़ी है । रिपोर्ट है कि चीन का तेल अपने उत्पादन घरेलू खपत को पूरा नहीं हो पाया , चीन को मध्य पूर्व से बड़ी मात्रा के तेल का आयात करना है । इसलिये चीन के शहरों में विज्ञान व तकनीक के जरिये ऊर्जा की बचत को बहुत जोर दिया गया है ।मिसाल है कि चीन की राजधानी पेइचिंग शहर में गर्मी मौसम में आयर कंडिशन और सर्दियों में हीटर व्यवस्था से बिजली की बहुत आपूर्ति चाहिये । लेकिन आम सीमेंट से निर्मित वास्तुओं में तापमान का कारगर संरक्षण नहीं किया जा सकता । इसलिये सरकार ने यह निर्धारित किया कि वर्ष 1998 से पेइचिंग में नव निर्मित सभी वास्तुओं को ऊर्जा की बचत मापदंड तक पहुंचना चाहिये । एक मात्रा है कि पिछली शताब्दी में पेइचिंग शहर के वास्तुओं में प्रति वर्ग मीटर पर हीटर गरमाने के लिये 25 किलो कोयला जलाया जाता था , अगर सभी नयी वास्तुओं में नयी तकनीक से पचाल प्रतिशत ऊर्जा की बचत की जाए , तो पेइचिंग में एक साल पांच लाख टन कोयले की बचत हो सकेगी ।
इधर सालों के प्रयासों से पेइचिंग में नये नये वास्तुओं के ऊर्जा खपत मापदंड पर जा पहुंचा है । पर वास्तुओं के सिवा घरेलू उपयोगी इलेक्ट्रोनिक उपकरण ऊर्जा की बचत में दूसरा महत्वपूर्ण पात्र है । चीन सरकार कम ऊर्जा का प्रयोग करने वाले इलेक्ट्रोनिक उपकरणों का विस्तार करने की कोशिश कर रही है । मिसाल के लिये पेइचिंग के सभी बाजारों पर भिन्न भिन्न किस्म वाले कम ऊर्जा उपयोगी लाइट नज़र आ सकते हैं , कम बिजली का खपत करने वाले ऐसे लाइट , परंपरागत लाइट की तुलना में ज्यादा समय तक भी प्रयुक्त हो सकेगा । इस के अलावा चीन सरकार ने फ्रीज , रंगीन टीवी , वाशिंग मशीन समेत घरेलू उपयोगी इलेक्ट्रोनिक उपकरणों के लिये बिजली का खपत करने का मापदंड तय किया । जो मापदंड के ऊपर रहो , तो इस का उत्पादन मना किया जाएगा । चीनी राष्टीय मापदंड अनुसंधानशाला के एक पदाधिकारी के मुताबिक घरेलू इलेक्ट्रोनिक उपकरणों के लिये कम बिजली का प्रयोग करने का मापदंड तय होने से वर्ष दो हजार दस तक , चीन में 20 करोड़ टन कोयले की जैसी ऊर्जा की बचत की जा सकेगी । घरेलू उपकरणों के अतिरिक्त चीन के संबंधित संस्थाओं ने पंख , नल कूप और ट्रास्फोमर समेत बिजली मशीनों को भी बिजली का कम प्रयोग मापदंड तय करने की तैयारी की है । इस से देश में और अधिक बिजली की बचत की जा सकेगी ।
ऊर्जा की बचत आज चीन की विभिन्न जगतों में सहमति प्राप्त हो गयी है । बहुत से कारोबारों ने ऊर्जा की बचत के लिये पूंजीनिवेश लगाया , और नयी तकनीकों का प्रयोग करना शुरू किया । उदाहरण के लिये चीन के बहुत से बिजली उत्पादन घरों में बिजली और गर्मी का संश्रित उत्पादन किया , यानी बिजली पैदा करने के दौरान बाकी गर्म पानी से आसपास बसतियों को गर्मी की आपूर्ति की जाएगी । इस से उन बसतियों को गर्म पानी का निर्माण करने के लिये स्वयं boiler खोलने की जरूरत नहीं रह गयी है ।
अमेरिकी ऊर्जा कोष ने चीन में ऊर्जा की बचत में भारी मदद प्रदान की । इस कोष के कार्यवाहक उप प्रधान श्री ओगडन ने कहा कि चीन में ऊर्जा की बचत की तकनीकों का तेज़ी से विस्तार किया जा रहा है , और ऐसी तकनीकों का भी बहुत सुधार मिला है । इस कोष के पेइचिंग कार्यलय के एक कार्यकर्ता के अनुसार ऊर्चा की बचत में नयी प्रबंध व्यवस्था लागू करने की आवश्यकता है । यानी सरकार को उद्योगधंधों का ऊर्जा बचने वाले लक्ष्य बनाने का मार्गदर्शन करना चाहिये । अमेरिकी ऊर्जा कोष ने उत्तरी चीन के शानतुंग प्रांत में एक परियोजना लागू की है , जिस के तहत एक स्थानीय लोहा-इस्पात कारोबार ने सरकार के साथ तीन सालों के भीतर अपनी कार्बन डाइओक्सैड निगाह में 10 लाख टन की कमी पर समझौता संपन्न किया । और सरकार ने इस कारोबार को कर वसुली की कटौती समेत कुछ इनाम देने का वचन दिया । उस के बाद बहुत से अन्य कारोबारों ने भी सरकार के साथ ऐसा समझौता संपन्न करने की इच्छा व्यक्त की ।
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