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(GMT+08:00) 2004-06-03 14:49:22    
चीन में न्यूक्लिया ऊर्जा के शांतिपूर्ण प्रयोग की कुछ जानकारी

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द्वितीय महायुद्ध के बाद न्यूक्लिया ऊर्जा की शांतिपूर्ण प्रयोग शुरू किया गया । मानव ने यूरेनियम (uranium ) और प्लूटोनियम(plutonium) आदि न्यूक्लियर ईंधनों से बिजली का उत्पादन शुरू किया , और कोबाल्ट(cobalt) के रेडिएशन से एलिमेंट की अन्दरूनी संरचनाओं का परिवर्तन किया । आज न्यूक्लियर बिजली घर से उत्पादित बिजली, विश्व के कुल बिजली उत्पादन का एक छठवां भाग बन गया है ।

वर्ष 1978 में आर्थिक रुपांतर शुरु होने के बाद चीन में न्यूक्लियर तकनीक का तेजी से विकास हो पाया है । आज चीन न्यूक्लियर सुरक्षा संधि तथा न्यूक्लियर दुर्घटना की पूर्व सूचना संबंधी संधि समेत 12 अंतर्राष्टीय संधियों का सदस्य देश बना है , और चीन इन संधियों में निर्धारित कर्तव्यों का कड़ाई से पालन करता है । चीनी राजकीय एटम ऊर्जा संस्था , जो देश में न्यूक्लियर ऊर्जा की शांतिपूर्ण प्रयोग को बढ़ाने के जिम्मेदार है , के प्रधान श्री च्या ह्वा जू ने कहा कि न्यूक्लियर ऊर्जा व तकनीक का उद्योग , कृषि , चिकित्सा और वातावरण संरक्षण आदि क्षेत्रों में व्यापक प्रयोग होता जा रहा है । देश के आर्थिक व सामाजिक विकास में न्यूक्लियर तकनीक महत्वपूर्ण व अपरिहार्य पात्र निभाती है ।

चीन ने वर्ष 1980 से न्यूक्लियर बिजली घर का निर्माण शुरू किया । अब तक पूर्वी चीन के समुद्रतटीय क्षेत्रों में कुल 7 न्यूक्लियर बिजली घर काम में अमल हो चुके हैं , जिन की कुल उत्पादन क्षमता 54 लाख किलोवाट तक रहती है , न्यूक्लियर बिजली घरों का उत्पादन देश के कुल बिजली उत्पादन का 2 प्रतिशत रहता है । और यह मात्रा वर्ष 2005 तक 3 प्रतिशत तक बढ़ेगी । चीन की राजकीय न्यूक्लियर ऊर्जा संस्था के एक पदाधिकारी श्री शू यूमींग ने संवाददाता से कहा कि न्यूक्लियर बिजली घर चीन के समुद्रतटीय क्षेत्रों में ऊर्जा के अभाव को दूर करने के लिये बहुत महत्वपूर्ण हैं । अब चीन के सभी न्यूक्लियर बिजली घर अच्छी तरह चलते रहे हैं , जिन का आसपास क्षेत्रों पर कोई कुप्रभाव नहीं है ।

न्यूक्लियर तकनीक का प्रयोग में केवल उद्योग में ही सीमित नहीं है । इस का कृषि में भी ईस्तेमाल सिद्ध है । चीनी विशेषज्ञों ने रेडिएशन से उपजों के बीज़ों को सुधरने में सफल किया और उत्पादन मात्रा को भी उन्नत किया । चीनी विशेषज्ञ श्री चेन त्येह्वा ने कहा कि बीज़ों का सुधार करने के बाद उपजों का उत्पादन उन्नत होने के साथ साथ इन की सर्दी , सूखा व कीड़ों के विरूद्ध क्षमता भी बढ़ी है । हम इसी तकनीक से बेहतरीन बीज़ चुनते हैं । पता चला है कि चीन ने अब तक चीनी विशेषज्ञों ने न्यूक्लियर तकनीकों के जरिये कुल 600 से अधिक नये बीज़ों का विकास किया है , जो अनाज , कपास और तेल के उत्पादन बढ़ने में बहुत उपयोगी सिद्ध हुई हैं । न्यूक्लियर तकनीक का दूसरे क्षेत्रों में भी व्यापक प्रयोग किया जा रहा है । मिसाल के लिये चीन के छींगह्वा विश्वविद्यालय द्वारा विकसित न्यूक्लियर तकनीक से लैस एक यंत्र , कैंटेनर के अन्दर की दवा , बम और शरब आदि का पता कर सकता है । अब यह यंत्र चीन के कुछ कस्टमों में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है ।