• हिन्दी सेवा• चाइना रेडियो इंटरनेशनल
China Radio International
चीन की खबरें
विश्व समाचार
  आर्थिक समाचार
  संस्कृति
  विज्ञान व तकनीक
  खेल
  समाज

कारोबार-व्यापार

खेल और खिलाडी

चीन की अल्पसंख्यक जाति

विज्ञान, शिक्षा व स्वास्थ्य

सांस्कृतिक जीवन
(GMT+08:00) 2004-06-02 15:23:00    
म्यो जाति के बारे में संक्षिप्त जानकारी

cri

     

म्यो जाति के लोग संगीत के प्रेमी हैं , उन के बीच जब गए , तो लोक गीतों का आनंद आप को समय समय पर मिलता रहता है । अपनी इस विशेष कला शौक के कारण म्यो जाति चीन में एक बहुत मशहूर अल्प संख्यक जाति के रूप में सुप्रसिद्ध है ।

चीन की म्यो जाति एक अत्यन्य प्राचीन जाती रही है , उस का उत्पति देश के आदिम काल में हुए थी । आज से पांच हजार साल पहले जब चीनी राष्ट्र के पूर्वज हुंग ती और याओ व श्वुन राजा शासन करते थे , तो उस समय म्यो जाति च्यु ली और सान म्यो के नाम से मशहूर थी , वे चीनी राष्ट्र का हिंडोला कहने वाली पीली नदी के मध्य और निचले भाग में रहते थे और चीन की एक शक्तिशाली कबीला माना जाता था । हुंग -ती आदि राजाओं के साथ छिड़े युद्ध में हार होने के कारण म्यो जाति के पूर्वज देश की यांगत्सी नदी के मध्य व निचले भाग में जा बसे , कालांतर में वहां भी अनेक युद्ध छिड़े , जिस से बचने के लिए म्यो जाति के लोग आज के क्वो चाओ , हु नान , सछवान और हु पै और क्वांग सी आदि जगहों में स्थानांतरित हो गये , जहां आज तक वे रहते आए है । जन संख्या की दृष्टि से म्यो जाति अब देश की बड़ी अल्प संख्यक जातियों में से एक माना जाता है , उस की कुल जन संख्या करीब 74 लाख है , जिस का आधा भाग यानी 37 लाख से ज्यादा लोग देश के क्वो चाओ प्रांत में रहते हैं , क्वो चाओ प्रांत की श्यांग च्यांग काऊंटी एक ऐसी काऊंटी है . जहां म्यो जाति की जन संख्या का अनुपात काऊंटी की कुल जन संख्या का 95 प्रतिशत है , यह चीन की सब से अधिक म्यो आबादी वाली काऊंटी है । क्वो चाओ में म्यो जाति के लोग आम तौर पर प्रांत के दक्षिण पूर्व भाग के पहाड़ी क्षेत्रों में रहते हैं । चीन के अलावा विश्व के अन्य अनेक स्थानों में भी म्यो जाति के लोग रहते हैं , जैसा कि थाईलैंड , लाओस , वियतनाम , फ्रांस , जर्मनी , कनाडा और अमरीका में भी म्यो जाति के लोग रह रहे हैं ।

चीन की प्राचीनतम जातियों में से एक होने के चलते म्यो जाति में अब तक भी बहुत सी प्राचीन परम्पराएं सुरक्षिक रही है , उस के विविध रिति रिवाज औप प्रथा अब भी प्रचलित है , उस की विवाह प्रथा , उस का धार्मिक विश्वास , उन के विशेष आभूषण और रंगबिरंगे पर्व त्यौहार अपनी अलग पहचान लिए हुए बहुत अनोखे होते हैं । 

म्यो जाति में पूर्वजों की पूजा प्रथा है , पूर्वजों के पूजा अनुष्ठान में पूजारी पूजा पाठ करता है और प्रार्थना करता है कि म्यो पूर्वज अपनी संतानों की रक्षा करें और उन के जीवन को खुशहाल बनाने का वरदान दें । अगर कोई समझ में नहीं आ सकने वाली घटना हुई , तो इस के गूढ़ को हल करने का काम तांत्रिक करता है । म्यो के लोग पूर्वजों के अलावा पर्वत देवता व ड्रैगन की भी पूजा करते हैं ।