कलेर बिहार के मोहम्मद असिफ खान ने अपने पत्र में सवाल जवाब कार्यक्रम की चर्चा करते हुए कहा कि सवाल जवाब कार्यक्रम सुना , जिस में चीन में शादी के बारे में बताया गया थे , जानकर खुशी हुई कि शादी के लिए कोई खास समय , दिन , महीना निश्चित नहीं है । लेकिन ये नहीं बताया गया कि क्या चीन में भी प्रेम विवाह का प्रचलन है या नहीं , कृपया हमें आंशिक जानकारी दें । कार्यक्रम विज्ञान शिक्षा व स्वास्थ्य के अन्तर्गत बर्ड फ्लु के बारे में जानकारी दी गई । उस प्रोग्राम से उस के कारण एवं इस की हानी के बारे में सुन कर जान में जान आई । बर्ड फ्लु का भय तो पूरे भारत में फैल चुका है , लोग मुर्गी का अंडा और उस का मांस खाने से दूर भाग रहे हैं ।
चीन में शादी के बारे में जानकारी पाने के बाद आप ने यह जानना चाहा कि चीन में क्या प्रेम विवाह है , इस के जवाब में जरूर जी हां आता है । चीन में शादी के लिए हर जगह प्रेम विवाह होता है , विवाह का संबंध खुद लड़के और लड़की द्वारा तय किया जाता है , मांबाप से आम तौर पर रायें ली जाती है । यो चीन की प्रमुख जाति हान जाति में यह प्रथा आधुनिक युग से शुरू हुई है , पर देश की अनेक अल्पसंख्यक जातियों में प्राचीन काल से ही प्रेम विवाह की प्रथा चलती आई है ।
तालाब तिल्लो जम्मू के रवि राजदान ने अपने पत्र में यह राय दी है कि मैं यहां यह कहने से नहीं हिचकिचूंगा कि आप के यहां से कुछ गिने चुने नाम ज्यादातर सुनने को मिलते है । रही बात तीन सभाओं की , जो कि साढे छै , साढ़े आठ तथा साढ़े नौ को होती है , और तीनों सभाएं रिपित होती है , जबकि जहां तक मैं समझता हूं कि प्रथम आधा घंटा बदला हुआ होना चाहिए , क्यों कि बाद का आधा घंटा तो समझ में आता है कि दुबारा चल रहा है , क्यों कि इस में ज्यादातर आप से मिले , आज का तिब्बत , चीनी बोलना सीखे , खेल जगत , विज्ञान शिक्षा व स्वास्थ्य , आप का पत्र मिला ,आप की पसंद और चीनी गीत संगीत इत्यादि यो तो ठीक है , लेकिन समाचार सामायिक वार्ता का दोबारा रिपित होना नहीं चाहिए , संसार में पल पल के बाद बदलाव आता रहता है ,इसलिए मेरे विचार में सामायिक वार्ता और समाचार नए नए होने चाहिए ।
श्रोता वाटिका का अंक तीन मेरे सामने खुला पढ़ा है , जिस के प्रभारी संपादक श्याओ थांग साहिबा का प्रयास काफी सुन्दर है , और श्याओ थांग की दिल्ली की याद काफी अच्छा लगा और उन्हों ने जो कहा कि दिल में हमेशा भारत बसा हुआ है , इस प्यारे के लिए श्याओ थांग के लिए हर भारत वासी ने उन को दिलसे स्थान प्रधान कर दिया होगा ।
सामबालपुर उड़ीसा के अनिल कुमार पटेल ने हमें लिख कर कहा कि 28 मार्च को हमारे क्लब की 14 वीं वर्षगांठ है । हमारे क्लब के बीते 14 साल से आप के कार्यक्रम सुन रहे है तथा मैं 1987 से यानी 17 साल से आप के कार्यक्रम सुनता आ रहा हूं । 2003 और 2004 में आप ने जितने साप्ताहिक कार्यक्रम तथा विशेष कार्यक्रम प्रस्तुत किये , इतना अच्छा कार्यक्रम हम पहले 2002 तक नहीं सुन पाया था । आप के प्रस्तुति हमारे श्रोताओं को इतना रोचक , ज्ञानपूर्वक व मैत्रीपूर्ण लगा कि सभी प्रसारण आप के रंक एक पोजिशन पर है । आप के समाचार से लेकर चीनी भाषा के पाठ तक अच्छे है ।
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