औरेया उत्तर प्रदेश के काल्क प्रसाद कीर्ति प्रिय ने हमें पत्र लिख कर सी .आर .आई हिन्दी प्रसारण पर अपनी प्रतिक्रियाएं बताने के साथ चीनी भाषा में लघु लेख भी लिख कर भेजा , पढ़ कर हम बहुत प्रभावित हो गए हैं कि आप ने इतनी अच्छी चीनी भाषा सीखी है , लेख के विषय से तो जाना जा सकता है कि वह चीन की यात्रा कर चुके किसी विदेशी मित्र द्वारा लिखा गया है , पर आप इतनी अच्छी चीनी लिपि में उसे लिख सका , यह अपने आप में एक करिश्मा है और प्रशंसा के लायक है । वैसे आप ने इस से पहले भी दो एक चीनी में लिखे छोटे लेख भेजे थे , उन की तूलना करते हुए ऐसा मालूम हो सका है कि आप की तरक्की काफी तेजी से बढ़ी है , इस के लिए आप को हार्दिक बधाई है और आशा भी करते हैं कि आप चीनी भाषा सीखने में और नई प्रगति पाएंगे ।
काल्क प्रसाद भाई ने सी .आर .आई के हिन्दी प्रसारण पर जो रायें लिख कर भेजी हैं , उन में से कुछ यहां प्रस्तुत हैः
दिनांक 18 फरवरी को सवाल जवाब में बहुत ही अच्छी जानकारी मिली थी । सब से अच्छी जानकारी रेड क्रास सोसाइटी के बारे में पूरा परिचय , हैनरी जी ने जेनेवा से सिर्फ चार लोगों की सहमति से यह शुरू की थी ,अन्त में उसे नोबल पुरस्कार मिला था ।
चीन के संविधान पर जवाब बहुत अच्छा लगा , संविधान के कई परिवर्तित होने के बाद मार्च में फिर परिवर्तित होने जा रहा है । सवाल जवाब कार्यक्रम में अब उच्चता आ रही है । प्रसारण के लिए धन्यावाद ।
आजमगढ़ उत्तर प्रदेश के मुहम्मद अरकस अंसारी ने रेडियो प्रसारण सुनने के बारे में आयोजित क्लब की बैठक की जानकारी दी , जो हैः 29 फरवरा 2004 को क्लब की 12वीं सालगिरह बड़े धुमधाम से मनाई गई , बैठक में अरकस अंसारी ने कहा कि सी .आर .आई एक ऐसा स्टेशन केन्द्र है , जो अपने श्रोताओं से बड़ी मोहब्बत करता है , जैसे मां अपने बच्चे से । बैठक में सी .आर .आई से अनुरोध किया गया कि मिडियम वेज पर कार्यक्रम को सरल बनाए । क्लब मीटिंग के अन्त से पहले श्रोताओं से अपील की गई कि आप सब लोग सी.आर .आई के कार्यक्रम सुनें तथा दूसरों को भी इस की जानकारी व न्योता दें और सी .आर .आई के कार्यक्रमों के बारे में अपने किमती सुझावों से अवश्य अवगत करते रहें ।
नारनौल हरियाणा के उमेश कुमार ने हमें लिख कर कहा कि आप ने सभी पत्रों का उत्तर बड़ी कुशलता से दिया , आप की पहली तथा दूसरी सभा तो स्पष्ट सुनाई देती है , किन्तु तीसरी सभा काफी अस्पष्ट सुनाई देती है ।
सांस्कृतिक जीवन के अन्तर्गत मंगोल गायिका सुश्री दातावा का जीवन परिचय सुना , उन का पक्षाघात से पीड़ित होने के उपरान्त भी लगन से जीवनयापन सचमुच अनुकरणीय है ।
चीन भारत मैत्रीपुल के निर्माता में चीनी जनता के घनिष्ट दोस्त डाक्टर कोटनीस के बारे में जाना , उन्हें भारत चीन दोस्ती के प्रतीक कहा जाए , तो गलत नहीं होगा , उन के कार्य सदा हमारे दिलों में जीवित रहेंगे ।
बालांगिर उड़ीसा की बहन इच्छावती महापात्र तो हमारी पुरानी और नियमित श्रोता है , आप का नया पत्र पा कर हमें बड़ी खुशी हुई है । आप ने पत्र में लिखा है कि जीवन और समाज कार्यक्रम में सुश्री सुं आई सुन की आत्म कथा बड़ी प्रेरणापूर्ण चमत्कार है , एक महिला अपने उद्योग में रेशम कीड़े का पालपोष इतनी बड़ी रोजगार की ओर अग्रसर हुई , उसे मेरी बधाई । सुं आई सुन ने चालीस य्वान को चार लाख तक बढ़ायी , इस से उन की परिवार और मजदूरों के प्रति आत्मीयता और विश्वस्तता प्रशंसनीय है । मुझे सब से अच्छी लगा रेशम कपड़े में पुस्तक प्रिंट कर विदेशी राज नेता को भेजना है , इतना कठिन काम कर सुं आई सुन ने देश विदेश के संपर्क बढ़ाया ।सुं आई सुन का काम चीनी राष्ट्र के लिए एक दृष्टान्त है , उसे विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया गया , इस से और महत्व की बात और कुछ नहीं है ।
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