कांगड़ा हिमाचल प्रदेश के पवन कुमार ने सी .आर .आई हिन्दी प्रसारण पर विस्तार से अपना मत और सुझाव भेजे है , उन के पत्र का कुछ अंश प्रस्तुत हैः आप की नई दिल्ली से रिपोर्ट बहुत बढ़िया लगती है । क्योंकि इन रिपोर्टों में अन्य स्टेशनों से अलग व नई जानकारी होती है । समाचार भी अच्छे व नये होते हैं , परन्तु कई बार मैं ने जिस चीनी समाचार को अन्य स्टेश पर सुना , जब आप का प्रसारण लगाया , तो आप के प्रसारण में उस का जिक्र नहीं आया ,तब बहुत अच्छा नहीं लगा ।
आप के कार्यक्रमों में राजनीति कम , विकास , सुधार , आम जीवन से जुड़ी बातें विशेष आकर्षण है । श्रोताओं का पत्रोतर ,गीत संगीत , मुलाकातें और भ्रमण बहुत अच्छे कार्यक्रम है ।
पवन कुमार ने आगे यह भी कहा कि आप को शायद विश्वास न हो , परन्तु जितने आप के कार्यक्रमों को सुन कर मैं मुख्य बातों को कापी में लिखता हूं , उतने अन्य किसी प्रसारण की नहीं , आप चाहे तो आकर देख सकते हैं । जब प्रसारण शुरू है , तब ही कापी पैन ले कर बैठ जाता हूं , और कार्यक्रम में जो बात बताते हैं , जितने जल्दी लिख सकूं , बातें नोट कर लेता हूं ।
आजमगढ़ उत्तर प्रदेश के मोहम्मद शाहिद आजमी ने लिख कर विशेष कर भारत चीन मैत्री के पुल के निर्माता कार्यक्रम की चर्चा की , जो इस प्रकार हैः
आज मैं इस विशेष पत्र में कार्यक्रम भारत चीन मैत्री पुल के निर्माता पर कुछ कहना चाहता हूं । कार्यक्रम भारत चीन मैत्री पुल के निर्माता एक ऐसा कार्यक्रम सिद्ध हो रहा है , जिस के माध्यम से भारत चीन के एतिहासिक संबंधों के बारे में अन्जान बातें जानने को मिल रही है ।
कल ही इस कार्यक्रम में मानसिक पत्रिका चीन सचित्र के हिन्दी संसकरण के पूर्व संपादक श्री लिन फु ची के साक्षात्कार पर आधारित बढ़िया रिपोर्ट सुना । भारत चीन संबंध सदियों पुराने है ,ह्वान्सान ने पैदल से भारत की यात्रा कर जो मैत्री की नींव डाली थी , उसे ही हमें आगे बढ़ाते रहना है । अतीत की बढ़िया यादों को दिल में ले कर हमें भारत चीन के संबंधों में जो हिन्दी चीनी भाई भाई का नारा दिया गया है , उस को संपूर्ण रूप से साकार करना चाहिए , आइए , हम भी वचन दें कि भारत चीन संबंध में कोई कटुता नहीं आने देंगे और भारत चीन मैत्री को आकाश की बुलंदियों पर ले जाएंगे ।यह सब विचार मेरे मन में सी .आर .आई के प्रसारण ने दिया है , सी .आर .आई का कार्यक्रम भारत चीन मैत्री पुल के निर्माता को और अधिक ऊंचा करने की आवश्यकता है , इस कार्यक्रम का नाम जितना प्यारा है , उतनी ही प्यारी रिपोर्ट निरंतर प्रसारित करने की आवश्यकता है । भारत और चीन दोनों के विद्वानों के साक्षात्कार से सजा कर कार्यक्रम बेहद खुबसूरत होगा ।
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