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(GMT+08:00) 2004-05-18 15:53:58    
श्रोता की कविताएं

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कलेर बिहार के मोहम्मद आसिफ खान की कविता , शीर्षक है दिल बहलाए ।

प्रेम बदरीया छाई है हर सू ,

फैली हुई है प्रेम की खुशबू ।

ऐसे समय में दिन भर कू ,

प्रेम के गीत सुनाएं ,

आओ दिल बहलाएं ।

प्रेम नगर में खोना अच्छा ,

प्रेम की नींद सोना अच्छा ,

ठंढी हवाएं आने लगी है ,

हम तुम भी खो जाएं ।

आओ दिल बहलाएं ।

गम का कोई जिक्र न छोड़ो ,

गम को हटाओ , गम को छोड़ो ।

रोना कब तक , नाले कब तक ,

हंस कर सब को हसाएं ।

आओ , दिल बहलाएं ।

आरा बिहार के ब्रजेश कुमार पांडेय की कविता , शीर्षक है मेरा मन ।

मैं रोज सी .आर .आई सुनता हूं ,

चीन के बारे में गुनता हूं ।

मधु सी मधुर आवाज में ,

हृदय नहाने लगता है ।

प्रस्तुति शैली सुन्दर मनहर ,

मन सुनते नहीं भरता है ।

जन से जन को जोड़ कर ,

भारत चीन को जोड़ता है ।

नित नवीन कार्यक्रम प्रकाश से ,

हर भ्रांति को तोड़ता है ।

भारत चीन में प्रेम बढ़े ,

यह उद्देश्य है उत्तम ।

नहीं तोड़ पाएगा कोई ,

दोनों में है इतना दम ।

मेरी अभिलाषा है यह ,

सी .आर .आई को सुनने हर जन ।

जिए हजारों साल सी .आर .आई ,

कहता है यह मेरा मन ।