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कलेर बिहार के मोहम्मद आसिफ खान की कविता , शीर्षक है दिल बहलाए ।
प्रेम बदरीया छाई है हर सू ,
फैली हुई है प्रेम की खुशबू ।
ऐसे समय में दिन भर कू ,
प्रेम के गीत सुनाएं ,
आओ दिल बहलाएं ।
प्रेम नगर में खोना अच्छा ,
प्रेम की नींद सोना अच्छा ,
ठंढी हवाएं आने लगी है ,
हम तुम भी खो जाएं ।
आओ दिल बहलाएं ।
गम का कोई जिक्र न छोड़ो ,
गम को हटाओ , गम को छोड़ो ।
रोना कब तक , नाले कब तक ,
हंस कर सब को हसाएं ।
आओ , दिल बहलाएं ।
आरा बिहार के ब्रजेश कुमार पांडेय की कविता , शीर्षक है मेरा मन ।
मैं रोज सी .आर .आई सुनता हूं ,
चीन के बारे में गुनता हूं ।
मधु सी मधुर आवाज में ,
हृदय नहाने लगता है ।
प्रस्तुति शैली सुन्दर मनहर ,
मन सुनते नहीं भरता है ।
जन से जन को जोड़ कर ,
भारत चीन को जोड़ता है ।
नित नवीन कार्यक्रम प्रकाश से ,
हर भ्रांति को तोड़ता है ।
भारत चीन में प्रेम बढ़े ,
यह उद्देश्य है उत्तम ।
नहीं तोड़ पाएगा कोई ,
दोनों में है इतना दम ।
मेरी अभिलाषा है यह ,
सी .आर .आई को सुनने हर जन ।
जिए हजारों साल सी .आर .आई ,
कहता है यह मेरा मन ।
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