
अब भागलपुर बिहार के नाज़नीं हसन, और तमन्ना हसन का पत्र देखें। उन्होंने ने पूछा है कि चीन में सब से पुरानी और बड़ी मसजिदें कहां है। चीन की सब से पुरानी मसजिद दक्षिणी चीन के 广州 शहर में है। इस मसजिद की स्थापना वर्ष 691 में थांग राजवंश की एकमात्र सम्राज्ञी ऊजेथ्येन के शासनकाल में हुई थी। नाम है ह्वेईशंग मसजिद। पिछले 1300 वर्षों में मसजिद का परिसर ध्वस्त भी हुआ, और उसका पुनर्निर्माण भी किया गया। आज वहां जो मीनार स्थित है, वह थांग राजवंश का एकमात्र अवशेष है। मीनार की ऊंचाई 36.3 मीटर है, और सीढ़ियों से इस पर चढ़ा भी जा सकता है। मौलवी अज़ान देने के लिए इस मीनार का प्रयोग करते हैं। काशगर चीन के उइगुर स्वायत प्रदेश के दक्षिण-पश्चिमी भाग में स्थित है। कहा जाता है कि चीन में इसलाम ने यही सब से पहले प्रवेश पाया। काशगर के केन्द्र में ईदगाह मसजिद स्थित है। जो कोई 500 साल पुरानी है। वर्ष 1442 में काशगर के तत्कालीन शासक ने इसका करवाया और बाद में मसजिद परिसर का विस्तार किया गया। आज यह चीन की मसजिदों में यह सब से बड़ी है। इस के परिसर का क्षेत्रफल16800 वर्गमीटर है, चौड़ाई है 120 मीटर और लम्बाई 140 मीटर। मसजिद का फाटक पीली ईंटों से बना है, फाटक के किनारें दो मीनार खड़ी हैं। हरेक मीनार की ऊंचाई 18 मीटर है, इस पर चढ़ कर इबादत के लिए आज़ान दी जाती है। मसजिद परिसर की मुख्य इमारत इबादत-गाह है। जिसकी लम्बाई 160 मीटर से ज्यादा है, चौड़ाई 16 मीटर, और क्षेत्रफल 2600 वग्रमीटर। इबादत-गाह की छत 158 उत्कीर्ण स्तम्भों पर खड़ी है। स्तम्भों का रंग हल्का नीला है। ईदगाह मसजिद का परिसर इतना विशाल है कि यहां एक लाख मुसलमान नामज पढ़ सकते हैं। हर ईद पर यहां मेला होता है। लोग यहां त्यौहार की खुशियां मनाते हैं, मंपसंद चीजें खरीदते हैं, गाते, नाचते, हंसते हंसते चाय-पान करते हैं। यह मसजिद अब सिंच्यांग उइगुर स्वायत प्रदेश का एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक अवशेष है।
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