आजमगढ उत्तर प्रदेश के मासूद अहमद आजमी को चीन के ज्वालामुख पहाड़ के बारे में बड़ी जिज्ञासा है, हमारा जवाब हां बताते हैं, और विस्तार से जानकारी देने में कोशिश कर रहे हैं। पाए गए ग्रंथों या भौगोलिक सर्वेक्षण के अनुसार चीन में कई सक्रिय ज्वालामुखी पहाड़ हैं। 15 हजार वर्ष पूर्व चीन में कई सक्रिय ज्वालामुखी पहाड़ पाए गए। अभी चीन में ज्वालामुखियों के विस्फोट की रिपोर्ट तो नहीं है, पर ऐतिहासिक ग्रंथों के अनुसार, पिछले 300 वर्षों में ऊताल्येनछी,छांगबाई पर्वत, थंगछूंग और हैनान जैसे ज्वालामुखी पर्वतों में विस्फोट का रिकार्ड पाया गया है, सौभाग्यवश उस वक्त वहां सुनसान जगह थी, इस लिए विस्फोटों से जान-मालों को क्षति पहुंचने की रिपोर्ट नहीं है। आज तो शहर या पर्यटन उद्योग के लिए रमणीक स्थल बने, साथ ही ज्वालामुखी निष्क्रिय है, इस पर लोगों को आशंका है, जान-माल को ज्वालामुखी के विस्फोट से उत्पन्न क्षति सो बचाने के लिए इन ज्वालामुखियों की स्थिति की निगरानी रखती है। उत्तर-पूर्वी चीन के हैलूंगच्यांग प्रांत में ऊताल्येनछी ज्वालामुखी पर्वत है। माना जाता है कि इस ज्वालामुखी पर्वत में 15 ज्वालामुखी पहाड़ शामिल हैं। ज्वालामुखी पत्थर 800 वर्गकिलोमीटर के जमीन पर फैले हैं। इन में से लाउहैशान पहाड़ और ह्वोशाओशान पहाड़ में विस्फोट वर्ष 1719 और 1721 के बीच हुआ था। चीन के ऐतिहासिक ग्रंथों में इस विस्फोट का रिकार्ड है। आज यहां पर्यटन के लिए रमणीक स्थल है, और ज्वालामुखीय मिट्टी का प्रयोग किसी रोग के उपचार में भी किया जाता है। हैलूंगच्यांग प्रांत का एक अन्य ज्वालामुखी पर्वत चिंगबोहू झील ज्वालामुकी पर्वत है। इस पर्वत में कुल 13 ज्वालामुखी हैं, और सब युगल हैं। कहा जाता है कि 1000 वर्ष पूर्व यहां अंतिम विस्फोट हुआ था। उत्तर-पूर्वी चीन के जीलिन प्रांत के छांगबाई पर्वत में थ्येनछी ज्वालामुखी पहाड़। वर्ष 1668 और 1702 में इस ज्वालामुखी का दो विस्फोट हुआ था। इस के पहले वर्ष 1199 में या 5000 हजार वर्ष पूर्व भी दो विस्फोट हुआ था। वर्ष 1199 से 1201 के बीच का विस्फोट पिछले 2000 वर्षों में दुनिया में सब से भीषण ज्वालामुखीय विस्फोट माना जाता है। उस वक्त उड़ता ज्वालामुखीय राख जापानी समुद्र या उत्तरी जापान में भी उतरा था। जीलिन प्रांत का दूसरा ज्वालामुखी पर्वत लूंगकांग। लूंगकांग पहाड़ में अभी भी 160 से अधिक ज्वालामुखीय शंकु खड़े हैं, अब यहां पर्यटन के लिए रमणीक स्थल है।
दक्षिण-पश्चिमी चीन के युनान प्रांत का थंगझूंग ज्वालामिखीय पर्वत। इस क्षेत्र में सक्रिय ज्वालामुखी पर्वत के कारण भूमिगत जल का तापमान सौ डिग्री सेलसियस के बराबर है। इधर के वर्षों में भूमिगत जल का तापमान बढ़ जाता है, और हल्का विस्पोट का रिकार्ड भी रखा है, भविष्य में इस ज्वालामुखी पर्वत का विस्फोट होने की संभावना है। सिंच्यांग वेइगुर स्वायत प्रदेश में कुर्ला ज्वालामुखी पर्वत। यह ज्वालामुखी पर्वत छिंगहै-तिब्बत पठार के उत्तर-पश्चिमी छोर के पश्चिमी खुनलुन पर्वतमाला में स्थित है। इस ज्वालामुखी पर्वत में 10 ज्वालामुखी पहाड़ और दसियों शाखाएं शामिल हैं। निकटतम विस्फोट 27 मई 1957 को आशी ज्वालामीखी से हुआ बताया जाता है। रिपोर्ट के अनुसार, इसी दिन सुबह 9 बज कर 50 मिनट पर, ज्वालामुखी का पहला विस्फोट हुआ, और कई मिनटों बाद लगातार ती विस्फोट पड़ा था। विस्फोट से सिर्फ राख निकल पड़ा। चीन के थाइवान द्वीप में ताथुन ज्वालामुखी पर्वत और क्वेइशान द्वीप ज्वालामुखी पहाड़ हैं। ताथुन ज्वालामुखी पर्वत 20 से अधिक ज्वालामुखियों से गठित है, इस ज्वालामुखी पर्वत को सक्रिय ज्वालामुखी बताया जाता है, इस क्षेत्र के गर्म चश्मों से गर्म जल या हवा का धमाका निकालने को लेकर लोगों को ज्वालामुखी के विस्फोट पर चिंतित है। थाइवान द्वीप से 20 किलोमीटर दूर समुद्री जल क्षेत्र में स्थित क्वेेइशान द्वीप पर ज्वालामुखी भी है। यह भी सक्रिय ज्वालामुखी है। दक्षिणी चीन के लेइचओ प्रायद्वीप और हैनानताउ के उत्तर में ज्वालामुखी पर्वत हैं। ज्वालामुखी की संख्या 177 है, और ज्वालामुखी पत्थर 7300 वर्गकिलोमीटर में फैला है।

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