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(GMT+08:00) 2004-05-04 16:19:43    
चीन और अन्य देशों के बीच अंतरिक्ष सहयोग

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चीन और यूरोगीय अंतरिक्ष ब्यूरो के बीच सहयोग डबल स्टार योजना के अनुसार प्रक्षेपित प्रथम उपग्रह का औपचारिक तौर पर काम शुरू हो गया है । चीनी राजकीय अंतरिक्ष ब्यूरो के उप प्रधान श्री सुन यैन लाई ने हाल में हमारे संवाददाता से बातचीत में कहा कि चीन और दसेक देशों और अंतर्राष्टीय अंतरिक्ष संस्थापनों के बीच तकनीकी सहयोग किये जा रहे हैं ।

अंतरिक्ष तकनीक मानव के विकास पर भारी प्रभाव डालने वाली तकनीक है । बहुत से देशों ने इसी संदर्भ में अंतर्राष्टीय सहयोग करना शुरू किया है । चीन ने भी अब तक ब्राजील , पाकिस्तान , कोरिया गणराज्य , थाइलैंड , रूस और फ्रांस समेत दसेक देशों तथा यूरोपीय अंतरिक्ष ब्यूरो के साथ सहयोगी संबंध कायम किये हैं और उल्लेखनीय प्रगतियां प्राप्त की हैं । चीनी राजकीय अंतरिक्ष ब्यूरो के उप प्रधान श्री सुन यैन लाई ने कहा कि हमारा मिशन है अंतरिक्ष का शांतिपूर्ण विकास करना । चीन दुनिया के सभी देशों , चाहे वह विकसित देश है या विकासशील देश है , पूर्ण तौर पर अंतरिक्ष सहयोग करने को तैयार है ।

इधर के समय चीन और विदेशों के बीच अंतरिक्ष सहयोग परियोजनाओं में डबल स्टार योजना खासा आकर्षित है । इस योजना के लागू होने में चीन ने दो उपग्रहों का डिजाइन और प्रक्षेपण तैयार किया , जबकि यूरोपीय अंतरिक्ष ब्यूरो ने इन के समर्थन में कुछ सर्वेक्षक यंत्र प्रस्तुत किये । इन दो उपग्रहों को यूरोपीय अंतरिक्ष ब्यूरो के साथ जोड़कर एक विशेष सर्वेक्षण जाल पैदा हो जाएगा , जिस से प्राप्त सर्वेक्षण डेडे का इस्तेमाल चीन और यूरोप के अंतरिक्ष वैज्ञानिक संयुक्त रूप से कर सकेंगे । चीन ने गत दिसंबर को योजनानुसार डबल स्तार योजना का प्रथम उपग्रह अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया है और आगामी जुलाई में इस का दूसरा उपग्रह छोड़ेगा ।

चीन और ब्राजील ने सन 1990 दशक से भू-संसाधन उपग्रह के संविधान में सहयोग शुरू किया । दोनों पक्षों ने अब तक ऐसे दो उपग्रह छोड़ने में सफल किया , जिन द्वारा वापस भेजे गये डेडे का , चीन और ब्राजील के कृषि , जंगलात , जल-संरक्षण और शहरीय निर्माण आदि क्षेत्रों में व्यापक इस्तेमाल किया जा रहा है ।

इस के अलावा तीन सालों से पहले चीन ने ईरान , थाइलैंड , मंगोलिया , कोरिया गणराज्य , पाकिस्तान और बंगलादेश आदि सात देशों के साथ लघु उपग्रह योजना शुरू की , जो इन देशों में प्राकृतिक विपत्तियों की निगरानी में उपयोगी है । योजना के तहत प्रथम उपग्रह को एक दो सालों के बाद छोड़ा जाएगा । इस में यह भी चर्चित है कि चीन ने वर्ष 1985 में अंतर्राष्टीय बाजार में अपने लांग मार्च श्रंखृत राकेट डाले और अपने राकेटों की निश्चितता से विश्व का समादर जीत लिया । अब तक चीनी राकेटों से कुल 27 विदेशी उपग्रहों को अंतरिक्ष कक्षा में प्रक्षेपित किया गया है ।

चीन भविष्य में अंतर्राष्टीय अंतरिक्ष सहयोग का विकास जारी रखेगा , इसी संदर्भ में चीनी राजकीय अंतरिक्ष ब्यूरो के उप प्रधान श्री सुन यैन लाई ने कहा कि चीन और विदेशों के बीच अंतरिक्ष सहयोग का बेहतर नींव डाला गया है । इस का भविष्य भी उज्जवल है । इस साल चीन यूरोपीय अंतरिक्ष ब्यूरो के साथ व्यापक सहयोग के क्षेत्र में सरकारी समझौता संपन्न करेगा , जिस के अनुसार चीन और यूरोपीय देश अंतरिक्ष तकनीक व प्रयोग तथा अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्रों में व्यापक सहयोग करेंगे । साथ ही चीन अपने राकेटों के जरिये विदेशों को उपग्रह प्रक्षेपण सेवा करने को तैयार है ।

पता चला है कि एशिया व प्रशांत क्षेत्र में अंतरिक्ष सहयोग को बढ़ाने के लिये चीन , थाइलैंड और पाकिस्तान आदि समेत 15 देशों की भागीदारी से एशिया व प्रशांत अंतरिक्ष सहयोग संगठन की स्थापना की तैयारी हो रही है , इस संगठन का हेडक्वार्टर भी पेइचिंग में रखा जाएगा ।