बिलासपुर छत्तीसगढ के चुननीलाल मासूम ने अपने पत्र में उरूमूची शहर की जानकारी देने की मांग की। आधुनिक उरूमूची की उत्पति 18वीं सदी के पांचवां दशक में शुरू हुई थी। मंगोलियाई में उरूमूची का अर्थ "श्रेष्ठ चरागाह"है। उरूमूची शहर सिंच्यांग उइगूर स्वायत प्रदेश की राजधानी है।
उरूमूची मध्यम शीतोष्ण कटिबंध में अवस्थित है, और उरूमूची का मौसम अर्द्ध-सूखा महाद्वीप का है। प्रति वर्ष का औसत तापमान 6.2 डिग्री सेन्टीग्रेड है। इस की ऊंचाई समुद्री सतह से कोई 900 मीटर है, सर्व नजदीक समुद्र जाने के लिए 2000 किलोमीटर का रास्ता तय करना पड़ता है। उरूमूची शहर का क्षेत्रफल कोई 62 वर्ग किलोमिटर है, और जनसंख्या करीब 14 लाख 80 हजार है, जिन में उइगूर, हान,खजाक, ह्वेई,मंगोल, तातार, करकज, ताजीक, शीबो,उज्बेक, रूस, मान,और तावर जैसी 13 जातियां शामिल हैं। उरूमूची का इतिहास बहुत पुराना है। 2000 वर्षों पहले, यानी चीन के हान राजवंश काल के शुरू में केन्द्र सरकार ने रेश्म रास्ते के संरक्षण में यहां गढ़ बना कर बड़ी संख्या में सेना की तैनात शुरू की थी। उरूमूची में चीनी सांस्कृतिक व्यवस्था, भारतीय सांस्कृतिक व्यवस्था, इस्लामी सांस्कृतिक व्यवस्था और यूरोपीय सांस्कृतिक व्यवस्था को केन्द्रित है। वह सिंच्यांग उइगूर स्वायत प्रदेश का राजनीतिक, सांस्कृतिक और आर्थिक केन्द्र भी है। उरूमूची का भौगोलिक स्थान बहुत अच्छा है, इस के दक्षिण में थ्येनशान पर्वतमाला है, और उरूमूचीत्तर में जुनगेर बेसीन। पूर्व में बोगदा चोटी है, जिस की ऊंचाई समुद्री सतह से 5400 मीटर है। पश्चिम में भी पहाड़ है। उरूमूची नदी दक्षिण से उत्तर तक शहर गुजरती है। उरूमूची सभ्य जगह है। इसकी संस्कृति शानदार है। उइगूर जातीय संगीत का मूल 12 मकाम, मंगोल जाति का महाकाव्य जानगेर,खरकज जाति का महाकाव्य मनास बहुत लोकप्रिय है।
उरूमूची का शानदार प्राकृतिक संसाधन-स्रोत होता है। दक्षिण-पूर्व में बड़ा प्राकृकित नमक-झील है, और उरूमूचीत्तर में लोह, मैगनीज और फ़ासफ़रस खनिजों और तेल का बड़ा भण्डार है। उरूमूची रेल्वे के क्षेत्र में रेल्वे लाइनों की कुल लम्बाई 2038 किलोमीटर है। उरूमूची से भीतरी इलाके के पेइचिंग,शंघाई,चंगचओ,शीआन,चंगतू,लानचओ,और य्वीमन आदि शहर जाने के लिए प्रति दिन रेड़ गाड़ियां भिजवाती है। खजाकीस्तान के अलमता जाने के लिए अंतरराष्ट्रीय एक्सप्रेस पेशंचर रेल गाड़ी भी चलती है। सितंबर 1992 में यूरोप व एशिया जुड़ने वाले दूसरे लैंडब्रीज खोलने से उरूमूची को कजाखस्तान, रूस, पोपैंड, जर्मनी, हालैंड आदि देशों से जुड़ा है। इस लैंडब्रीज से सिंच्यांग उइगूर स्वायत प्रदेश व मध्य पूर्व, मध्यम एशियाई देशों और योरूपीय देशों के साथ आर्थिक आदान-प्रदान को बढ़ावा दिया गया। सिंच्यांग उइगूर स्वायत प्रदेश में उरूमूची को केन्द्रित कर थल यातायात व परिवहन का जाल बनाया गया। सिंच्यांग छिंगहै राज मार्ग, सिंच्यांग लानचओ राज मार्ग और सिंच्यांग तिब्बत राजमार्ग से उरूमूची को पड़ोस छिंगहै प्रांत,कानसू प्रांत और तिब्बत स्वायत प्रदेश से जुड़ा है। प्रति दिन उरूमूची से मुसाफिर बस और माल गाड़ियां भिजवाते हैं।
1994 के अंत से उरूमूची से पाकिस्तान, कजाखस्तान,किरगिजस्तान और मंगोलिया आदि देश जाने के लिए 25 अंतरराष्ट्रीय मुसाफिर या माल परिवहन लाइनें तैयार की गईं। उरूमूची में लोहे-इस्पात, चमड़े, कोयला, मशीन, सीमेंट, तेल शोधन, टेक्सटाइल और कालीन आदि उरूमूचीद्योगधंधे हैं। उरूमूची में पुलाव, नान और तंदूरी बकरा आदि खाना बहुत लोकप्रिय है। आम दिनों में लोगों को दूधचाय पीने का आदत है। दूधचाय में चीनी नहीं, बल्कि नमक डालता है।
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