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(GMT+08:00) 2004-04-24 15:24:10    
तिब्बत-छींगहाई रेल मार्ग का निर्माण

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चीन के तिब्बत-छींगहाई पठार में रेल मार्ग का निर्माण किया जा रहा है । इसी रेल मार्ग के दोनों तटों पर स्थित अनेक प्राकृतिक संरक्षण क्षेत्रों , जंगली पशुओं के रहने वाले क्षेत्रों तथा सतत बर्फीले जमीनों की रक्षा के लिये निर्माणदाताओं ने बहुत से ठोस कदम उठाये हैं । चीनी पर्यावरण विभागों के एक संयुक्त जांच दल ने हाल ही में तिब्बत-छींगहाई रेल मार्ग के निर्माण के दौरान प्राकृतिक वहां के प्राकृतिक संरक्षण की स्थितियों की जांच की और सकारात्मक निष्कर्ष निकाला । सुनिये विस्तार से ।

तिब्बत-छींगहाई रेल मार्ग का निर्माण चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश तथा छींगहाई प्रांत के आर्थिक व सामाजिक विकास के लिये महत्वपूर्ण है । विश्व की छत नामक तिब्बत-छींगहाई पठार चीन की अनेक प्रमुख नदियों का स्रोत भी है । पर पठार की अति ऊंच्चाई , कम ओक्सिजेन , सर्दी और सूखापन आदि की वजह से , पठार पर की पारिस्थितिकी बहुत कमजोर है । इसलिये रेल मार्ग के निर्माणदाता बर्फीली जमीनों , नदियों के स्रोत के जल तथा जंगली पशुओं के रहने वाले क्षेत्रों की रक्षा को हमेशा महत्व देते हैं ।

चीनी राष्टीय पर्यावरण ब्यूरो के निरीक्षण विभाग के प्रधान श्री जू शींग श्यांग ने संवाददाता से बातचीत के दौरान अपने जांच कार्य की जानकारी देते हुए इस बात को निश्चित किया कि रेल मार्ग के निर्माणदाताओं का पर्यावरण संरक्षण कार्य सुव्यवहारित है । मिसाल के लिये निर्माणदाताओं ने पठार पर के जंगली पशुओं की रहने की विशेषता के मुताबिक निर्माण के क्षेत्रों में विशेष पारने वाले रास्ते तैयार किये हैं । इस तरह तिब्बती कुरंग समेत स्थानीय जंगली पशुओं के जीवन पर रेल मार्ग के निर्माण से कुप्रभाव नहीं पड़ा है । वे कहते हैं , तिब्बती कुरंग की ऐसी विशेषता है कि वह हर जून में मार्गों को पार कर एक निश्चित क्षेत्र में ब्याने जाता है , और सितंबर में पुराने क्षेत्र वापस जाता है । हम ने अपने सर्वेक्षण के जरिये तिब्बती कुरंग के आने जाने की स्थितियों को साफ किया है , और विशेष रास्ता खोलकर इस पशु के पारने की गारंटी की है ।

अब तक तिब्बत-छींगहाई रेल मार्ग के निर्माण स्थलों पर जंगली पशुओं के लिये कुल तीसेक रास्ते खोले गये हैं , जो निर्माण के लिये उपयोगी साजसामानों के स्थलों तथा मजदूरों के निवासों से बहुत दूर हैं । साथ ही निर्माणदाताओं ने तिब्बती कुरंग समेत जंगली पशुओं के जीवन स्थिति के अनुसार अपने काम समय को बदलने, जंगली पशु गश्ती दल भेजने , तथा जंगली पशुओं के पारते समय निर्माण स्थल को बन्द करने आदि कदम उठाये हैं । इन कदमों से तिब्बती कुरंग समेत जंगली पशुओं के स्वतंत्रता से निर्माण स्थलों से पारने दिया जाता है ।

इसी के साथ साथ पठार पर बर्फीली जमीनों के स्थायीत्व की रक्षा करने तथा रेल मार्ग के दोनों तटों के प्राकृतिक दृश्यों को भंग न करने के लिये निर्माण स्थलों के क्षेत्रफल तथा व्यक्तियों व गाड़ियों के जाने वाले क्षेत्र को भी सीमित किया गया है । निर्माण स्थलों पर की वनस्पतियों का भी दूसरे स्थलों पर स्थानांतरण किया गया है , जिन्हें निर्माण की समाप्ति के बाद वापस पहुंचाया जाएगा ।

निर्माण स्थल पर मजदूरों के निवासों के कूड़ों व गंदा पानी का भी निपटारा जाता है , जिस से पर्यावरण को प्रदूषण से मुक्त कराया गया है ।

पता चला है किकारगरके निर्माण में पर्यावरण के संरक्षण में ही 2 अरब यवान की पूंजी लगायी जाएगी । चीनी राष्टीय पर्यावरण ब्यूरो के निरीक्षण विभाग के प्रधान श्री जू शींग श्यांग का मानना है कि निर्माण में किये गये संरक्षण कदमों तथी लगाये गये पूंजी निवेश से तिब्बत-छींगहाई रेल मार्ग के निर्माण में प्राकृतिक पर्यावरण का कारगर संरक्षण हो पाया है । उन्हों ने कहा कि मान , जाल और पूंजी की भारी शक्ति डालने के जरिये तिब्बत-छींगहाई रेल मार्ग प्रदूषण-रहित रेल मार्ग बनेगा ।

हमारी आशा है कि तिब्बत-छींगहाई रेल मार्ग एक ऐसा ग्रीन रेल मार्ग बनेगा , जिस पर चलने वाली रेल गाड़ी विमान की ही तरह पूरी बन्द हो जाएगी । रेल गाड़ी में से बाहर तक कोई भी कूड़े या अन्य चीज़ें नहीं छोड़ी जाएंगी । और रेल मार्ग के दोनों तटों पर नंगे जमीन या रेत की दिखाई भी नहीं होगी ।

पता चला है कि पर्यावरण संरक्षण विभागों ने भी निर्माण ईकाइयों को पठार पर पारिस्थितिकी के संरक्षण के बारे में बहुत से सुझाव पेश किये हैं , रेल मार्ग के निर्माण में जंगली पशुओं तथा प्राकृतिक पर्यावरण के संरक्षण को और जोरशोर किया जाएगा ।