अब हम लेते हैं कोआथ बिहार के सीताराम केशरी, सोनू कु केशरी, राज कु केशरी, किशोर कु केशरी, राजीव कु केशरी एस. के. जिंदादिल, सुनील केशरी, डी.डी. साहिबा, संजय केशरी, प्रियंका केशरी, बाबू संजय केशरी, शिव कुमार केशरी, किशोर कुमार जिलवाले का पत्र। इन दोस्तों ने पूछा है कि चीन के प्रथम प्रधान मंत्री कौन थे। और हम उनके सवाल का जवाब विस्तार से देने का प्रयास कर रहे हैं।
चीन के प्रथम प्रधान मंत्री थे चओ एनलाई। उनका जन्म 5 मार्च 1898 को हुआ था।
अक्टूबर, 1949 में नये चीन की स्थापना के बाद श्री चओ एनलाई ने चीनी प्रधान मंत्री का पद तो संभाला ही, साथ ही वे विदेश मंत्री भी नियुक्त किए गए। वे चीनी जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन की प्रथम राष्ट्रीय कमेटी के उपाध्यक्ष भी चुने गए।
वर्ष 1952 में चीनी प्रधान मंत्री के रूप में श्री चओ एनलाई ने दुनिया को सब से पहले पंचशील या शांतिपूर्ण सहअस्तित्व के पांच सिद्धांत दिए।
जून, 1954 में श्री चओ एनलाई ने भारत और म्येनमार का दौरा किया और दोनों देशों के प्रधान मंत्रियों के साथ अलग अलग जारी संयुक्त वक्तव्य। वक्तव्य में दो देशों के संबंधों में पंचशील या शांतिपूर्ण सहअस्तित्व के पांच सिद्धांतों को अपनाने का विचार पेश किया गया। इसी वर्ष प्रथम चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा के अधिवेशन में उन्हे दोबारा प्रधान मंत्री और विदेश मंत्री नियुक्त चुना किया गया। दिसंबर में वे चीनी जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन की दूसरी राष्ट्रीय कमेटी के अध्यक्ष निर्वाचित हुए।
वर्ष 1956 के नवंबर व दिसंबर माहों में चीनी प्रधान मंत्री की हैसियत से श्री चओ एनलाई ने वियतनाम, कंबोडिया, भारत, म्येनमार, और पाकिस्तान की यात्रा की। वर्ष 1957 की जनवरी व फरवरी में उन्होंने तत्कालीन सोवियत संघ, पोलैंड, हंगरी, अफगानिस्तान, भारत, नेपाल और श्रीलंका का दौराकिया।
वर्ष 1959 की दूसरी चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा के अधिवेशन में वे फिर से प्रधान मंत्री निर्वाचित हुए और तीसरे चीनी जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन की राष्ट्रीय कमेटी के अधिवेशन में फिर से अध्यक्ष चुने गए।
अप्रैल, 1960 में उन्होंने म्येनमार, भारत, तथा नेपाल की यात्रा की।
अक्टूबर, 1964 में चीन ने पहली बार सफल नाभिकीय परीक्षण किया। इस के तुरंत बाद श्री चओ एनलाई ने चीन द्वारा कहीं भी और कभी भी सब से पहले नाभिकीय शस्त्र का प्रयोग न करने का सिद्धांत घोषित किया, और नाभिकीय शस्त्रों के पूर्ण विनाश का सुझाव रखा।
वर्ष 1965 की तीसरी चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा के अधिवेशन में उन्हें फिर से प्रधान मंत्री नियुक्त किया गया, और वे चौथी चीनी जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन की राष्ट्रीय कमेटी के अध्यक्ष भी चुने गए। इस वर्ष मार्च में उन्होंने रूमानिया और अलजीरिया की यात्रा की। अप्रैल में वे मिस्र, पाकिस्तान, म्येनमार, और इंडोनेशिया के दौरे पर रहे और जून में पाकिस्तान, तंजानिया, और मिस्र की यात्रा पर।
अप्रैल, 1970 में उन्होंने जनवादी कोरिया की यात्रा की।
1971 के मार्च माह में उन्होंने वियतनाम की यात्रा की और जुलाई में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति के सुरक्षा सलाहकार हेनरी किसिंजर के साथ 北京 में वार्ता की।
1972 के फरवरी माह में उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति श्री निक्सन के साथ वार्ता की। इस के परिणामस्वरूप दोनों पक्षों ने 上海 में एक संयुक्त विज्ञप्ति जारी की। सितंबर में उन्होंने जापानी प्रधान मंत्री तानाका काकुए के साथ वार्ता की, और संयुक्त वक्तव्य जारी किया। इस तरह चीन जापान संबंध सामान्य हो गये।
जनवरी, 1975 में चौथी चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा के अधिवेशन में उन्हें लगातार पांचवीं बार प्रधान मंत्री का पद सौंपा गया।
8 जनवरी, 1976 को, उनका कैंसर से 北京 में निधन हो गया।
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