20 वर्षीय ल्यू को फांग पूर्वी चीन के चेच्यांग प्रांत की छांग सान काउंटी के एक मामूली किसान हैं, लेकिन वर्तमान में कम्प्यूटर का काम करते हैं। 9 वीं क्लास पास श्री ल्यू को फांग ने शहर में पूरे चार साल नौकरी की। इन चार सालों में उन्होंने मिस्त्री व कुली का काम किया और रोजाना बुरी तरह थकने की हद तक काम करने पर भी वे हर महीने केवल चार- पांच सौ य्वेन ही कमा पाये। हाल ही में उन्होंने अपने जन्मस्थान से 200 किलोमीटर दूर लिंगबो शहर के एक कारखाने में कम्पयूटर की मरम्मत करने का काम ढूंढ निकाला और उनका वेतन अब 1300 य्वेन है । हमारे संवाददाता को उन्होंने बताया कि स्थानीय सरकार से उन्हें कम्प्यूटर के मुफ्त प्रशिक्षण का मौका मिला इसी से वे यह अच्छा काम पा सके।
पिछली गर्मियों में उनके गांव की स्वायत्त प्रबंध कमेटी के प्रबंधक ने उन्हें काउंटी सरकार की ओर से 200 य्वेन मूल्य का एक प्रशिक्षण पत्र दिया और कहा कि वे काउंटी जाकर इस पत्र के जरिए मनचाही प्रशिक्षण कक्षा में दाखिला ले सकते हैं। श्री ल्यू की वर्षों से कम्प्यूटर सीखने की ख्वाहिश थी , सो उन्होंने झटपट कम्प्यूटर प्रशिक्षण की कक्षा में अपना नाम दर्ज करा लिया। श्री ल्यू ने प्रशिक्षण के लिए कम्प्यूटर का प्रयोग व मरम्मत करने का पाठ्यक्रम चुना और आज वे कम्प्यूटर से संबंधित काम करने में सक्षम हैं यही नहीं उनकी तनख्वाह भी पहले की तीन गुनी हो गई है। इधर उनकी तरह उनके गांव के और बहुत से नौजवान भी ऐसी प्रशिक्षण कक्षाओं में भाग लेकर अपनी पसंदीदा तकनीक में महारत हासिल कर संतोषजनक नौकरी पाने में सफल रहे हैं। किसानों को अमीरी की दिशा में ले जाने का यह सुझाव काउंटी के मेयर श्री चओ ल्यू चिन की देन रहा। श्री चओ ल्यू चिन कद के तो बहुत ऊंचे नहीं है पर उनके मुख पर उनकी बुद्धिमता साफ झलकती है। काउंटी मेयर का पद सभांलने के दो साल 2 लाख, 80 हजार किसानों की आमदनी बढ़ाने का सवाल हमेशा उनके दिमाग में रहा। उन्होंने पाया कि केवल खेती के जरिए किसानों की आय में वृद्धि ला पाना बहुत मुश्किल है और आखिरकार वे उनके लिए मुफ्त प्रशिक्षण पत्र जुटाने का सुझाव लेकर आये। यह प्रशिक्षण पत्र पाने वाले किसान पांच साल के भीतर कोई फीस दिये बिना तकनीकी प्रशिक्षण की किसी भी कक्षा में भाग ले सकते हैं । श्री चओ ल्यो चिन ने अपने इस सुझाव के बारे में कहा, किसानों को मुफ्त तकनीकी प्रशिक्षण देने की बात मेरे दिमाग में इस लिए आयी क्योंकि मुझे मालूम है कि किसानों की सबसे बड़ी समस्या उनके पास गुणवत्ता व तकनीक की कमी है। मेरे इस सुझाव पर वे अपनी पसंद व योग्यता से अपना पाठ्यक्रम चुन सकते हैं और प्रशिक्षण का खर्च हमारी काउंटी सरकार उठाती है। इस तरह उनकी वास्तविक उत्पादन क्षमता की सुरक्षा के साथ उत्पादन विशेषज्ञता भी उन्नत की जा सकती है।
काउंटी सरकार द्वारा यह नीति अमल में लाए जाने के पहले साल में वर्ष 2003 में काउंटी के 6400 से अधिक किसानों में से 3700 ने प्रशिक्षण के जरिए एक न एक विशेषज्ञता हासिल करने में सफलता प्राप्त की। कुछ ने तो राष्ट्रीय स्तर पर मान्य माध्यमिक प्रमाणपत्र भी हासिल कर लिया है।इससे उनका औसत मासिक वेतन 1300 य्वेन से ऊपर जा पहुंचा है। पता चला है कि 2003 में काउंटी के किसानों की आमदनी में 12.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई , जो पूरे देश के किसानों की 4.3 प्रतिशत की औसत आयवृद्धि से कहीं ऊंची रही।
40 वर्षीय किसान श्री ली काफी अर्से से सुअर पालते आ रहे हैं। इस प्रशिक्षण व्यवस्था के तहत कम्प्यूटर सीखना शुरू कर उन्होंने पशुपालन का नया अन्दाज हासिल किया। 20 दिनों के प्रशिक्षण के बाद उन्हें इन्टरनेट के प्रयोग की तकनीक भी हासिल हुई और इस तरह उस के जरिए उन्होंने देश भर की जगहों से सुअर पालन के नए-नए अनुभव प्राप्त किए। सुअरों की खरीद-विक्री की सूचना भी कम्प्यूटर से पाने के बाद उन्होंने कम्प्यूटर की ही मदद से कई जगहों से सुअर बेचने के सौदे कर पहले से कई गुना मुनाफा कमाया। अब वे बहुत खुश हैं। उन्होंने बताया, पहले मैं सोचता था कि सुअर पालने का कम्प्यूटर से क्या संबंध हो सकता है। कम्प्यूटर सीखना मेरे लिए सुअर पालने से कहीं कठिन था। पर कम्प्यूटर सीखना शुरू करते ही मेरा दिमाग भी बदल गया। इससे इतनी जल्दी सूचना हासिल की जा सकती है, बाजारों का दाम घर बैठे पता लगाया ज सकता है, यह पहले कभी सोचा भी नहीं था। अब कोई मुझे ठग नहीं पाएगा और मैं हर किसी से खुद अपने दाम पर सौदा कर सकूंगा।
अपने पड़ोसियों को अमीर होते देख काउंटी के बाकी किसानों का हौसला भी बढ़ा । काउंटी के अन्य गावों के किसानों के बीच भी कम्प्यूटर व गृह विज्ञान विषयों के अलावा सुरक्षाकर्मी , आया, दर्जी जैसे पेशों के प्रशिक्षण में भाग लेने की होड़ सी मच गई। ऐसी गैरसरकारी प्रशिक्षण कक्षा की महिला प्रभारी ने कहा, किसान भाई-बहन बड़ी मेहनत से प्रशिक्षण ले रहे हैं। कम्प्यूटर तो किसान इतनी लगन से सीख रहे हैं कि दोपहर का भोजन तक भूल जाते हैं ।वे लगातार पांच-छै घन्टे कम्प्यूटर से चिपके रहते हैं। आम किसानों के पास इतना पैसा नहीं होता कि वे ऐसे प्रशिक्षण की फीस खुद भर सकें इसलिए काउंटी सरकार उन्हें खुल कर समर्थन दे रही है और वे इससे बड़े खुश हैं।
काउंटी सरकार के किसानों को 200 य्वेन मूल्य का प्रशिक्षण मुफ्त प्रदान करने की रणनीति ने सचमुच ग्रामीणों को अमीरी की राह दिखाई है और काउंटी के अनेक किसानों के तकनीक में महारत हासिल करने की बदौलत काउंटी की आर्थिक गति को भारी बढ़ावा मिला है। परिणामस्वरूप सरकार और किसान दोनों आर्थिक लाभ प्राप्त कर रहे हैं । चे च्यांग प्रांत में पिछले पांच साल से लागू इस नीति के चलते आज किसानों की गुणवत्ता भी उन्नत हुई है औऱ चीन के सुधार व खुलेपन के ताजा दौर में वे अमीर होने की दिशा में चल निकले हैं।
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