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मुबारकपुर उत्तर प्रदेश के सुश्री रजीना अंसारी ने शाओ थांग दीदी के नाम यह लिखा है कि दी दी शाओ थांग जी , मैं आशा करती हूं कि आप ठीक से होंगी , मैं सी .आर .आई का हिन्दी कार्यक्रम रोजाना सुनती हूं और बराबर पत्र लिखती रहती हूं । मुझे खुशी हो रही है कि आप मेरे पत्र को कार्यक्रम में पढ़ती हैं । आप के सभी कार्यक्रम रोचक और मालूमाती होते हैं , जिस को सुन कर लाभ मिलता है , हमारे गांव में आप का कार्यक्रम अधिक संख्या में लोग सुनते हैं , वे कहते हैं कि सी .आर .आई हिन्दी सेवा से सही समाचार और अच्छी रिपोर्ट सुनने को मिलते हैं ।
खारियार उड़ीसा के हेम सागर नाएक का पत्र उद्धरण , उन्हों ने लिखा है कि दिनांक 26 दिसम्बर को हमारे क्लब की ओर से माओ त्से तुगं की 110 वीं जयंती को बड़े धुमधाम से मनाया गया था , हमारे क्लब के सभी सदस्यों ने जोरशोर से इस में भाग लिया । हमारे खारियार के अन्य कुछ लोग भी शामिल हुऐ थे ।
इस अवसर पर हम एक प्रदर्शनी का आयोजन भी किया था , जिस में चीन से प्राप्त हुआ फोटो , पत्रिका , पुस्तकें , मेसेन्जर और श्रोता वाटिका के साथ कुछ चीनी डाक टिकट दिखाये गए । इन सारी चीजों को देख कर लोग बहुत पसंद करते हैं । आज के दिन प्रसारित कार्यक्रम के अन्तगर्त चीनी गीत संगीत में माओ त्से तुग की जानकारी भी हमारे सभी श्रोताओं को काफी पसंद आया ।
आजमगढ़ उत्तर प्रदेश के मोहम्मद शाहिद आजमी ने हमें लिख कर कहा कि आजकल हमारे चाहेते उदघोषक श्री रिजवान आफताब जी का सी .आर .आई परिवार में पुनः आगमन हुआ है , हम पुनः एक बार उन का गर्मजोश से स्वागत करते हैं । रिजवान जी की आवाज एवं बोलने की शैली दोनों हमें पसंद है ।
शाहिद आजमी ने आगे यह भी लिखा कि नई दिल्ली से बहन हुंग शान काफी मेहनत कर रही है , प्रतिदिन उन की तेलीफोन रिपोर्ट सुनने को मिल रही है । उन की मेहनत और लगन से सी .आर .आई के समाचार और समीक्षा की कोटि में जबरदस्त सुधार आ रहा है ।
श्री शाहिद ने अपने एक दूसरे पत्र में लिखा है कि आप के कार्यक्रम आप का पत्र मिला में श्रोताओं द्वारा चीन के समानव अंतरिक्ष यान के सफल प्रक्षेपण पर लिखी बधाई एवं चर्चाओं का विशेष कार्यक्रम सुना , बहुत से श्रोताओं ने अपने अपने ढंग से शन चो पांच के सफल प्रक्षेपण पर चर्चा की थी , जो सुन कर अच्छा लगा , आप ने इस प्रकार के एक विषय में पत्रों को एकत्रित कर विशेष कार्यक्रम बना दिया है , जो सभी श्रोताओं को पसंद आया है ।
औरेया उत्तर प्रदेश के काल्क प्रसाद कीर्ति प्रिय ने सी .आर .आई हिन्दी कार्यक्रमों की यो रिसेप्शन रिपोर्ट दी हैः पहली जनवरी 2004 को शाओ थांग और हु मीन साहब का परिचय सुना , हुमिन साहब का नाम 14 अप्रैल 2003 से दिल्ली में पुरस्कार वितरण के समय से जानता हूं । शाओ थांग का बहुत विवरण श्रोता वाटिका के अक्तूबर अंक में पढ़ चुका है , दोनों ने मिल कर नव वर्ष की शुभकामनाएं श्रोताओं को दी थी । भारतीय मित्र नवीन मिश्रा , इंदु व अन्य से बात करायी , हिमपात का अनुभव सुनाया , हिन्दी गीत गाया और बहुत बहुत नव वर्ष का मुबारकबाद दिया ।
दिनांक सात जनवरी का प्रसारण बहुत ही अच्छा लगा , जिस में सवाल जवाब में अनेक देशों में नया वर्ष मनाने का ढंग बताया गया , आज का कार्यक्रम बहुत अच्छा लगा , बहुत से देशों का नजारा सुनने को मिला और ऐसा लग रहा था , जैसे वहां का नजारा देख रहा हो ।
आजमगढ़ उत्तर प्रदेश के शमसुद्दीन साकी अदीबी ने हमें लिख कर कहा कि हम आप को पहले भी कह चुके हैं कि चीन की गीत संगीत व इतिहास में हमारी गहरी रूचि है , इसलिए चीन का संक्षिप्त इतिहास व साप्ताहिक कार्यक्रम चीनी गीत संगीत को हम नियमित रूप से सुनते हैं , इस कार्यक्रम में च्वांग जाति के जो मधुर गीत प्रसारित किए गए , हमें एवं क्लब के अन्य सदस्यों को भी बहुत पसंद आए । चीनी गीत संगीत कार्यक्रम से हमें दो लाभ मिलता है , एक तो गीत संगीत से हमारा मनोरंजन होता है , दूसरा इस कार्यक्रम के माध्यम से भिन्न भिन्न जातियों की रिति रिवाजों से भी परिचित होने का अवसर मिलता है ।
साकी अदीबी ने यह भी लिखा है कि चीन का भ्रमण कार्यक्रम सी .आर .आई हिन्दी विभाग एवं हमारे श्रोताओं का सब से मधुर व लोकप्रिय कार्यक्रम है ,इसे हम अन्य कार्यक्रमों की तुलना में सब से अधिक महत्व देते हैं । इस कार्यक्रम के अन्तर्गत मंगोल जाति के संबंध में जो तीन सिलसिलेवार कार्यक्रम प्रसारित किये गए , वह हें अत्याधिक पसंद आए ।हमारी जानकारी के अनुसार चीन की कुल 56 जातियां हैं , अगर इन के संबंध में सिलसिलेवार जानकारी दी जाए , तो बेहद बढ़िया होगा ।
सुलतानपुर उत्तर प्रदेश के देव नारायण द्वीवेदी ने हमें लिखे पत्र में यह शिकायत की है कि फरवरी में एक पत्र मैं ने लिखा था , परन्तु उस का जवाब न तो रेडियो पर और ना ही कार्यक्रम में सुनने को मिला । इस से उत्साह में कमी आयी , कृपया मेरा तथा मेरे क्लब की उत्साह बढ़ाए ।
नारनौल हरियाणा के उमेश कुमार ने सी .आर .आई के विभिन्न हिन्दी कार्यक्रमों की समीक्षा करते हुए यो कहा कि सांस्कृतिक कार्यक्रम मेरा प्रिय कार्यक्रम है , जिस से चीन में हिन्दी सीखने वाले छात्रों से उन के विचार सुना और श्री ली से उन के भारत में अनुभवों के विषय में जाना ।
चीन भारत मैत्री पुल के निर्माता में पेइचिंग विश्वविद्यालय के प्रोफेसर चिंग तिंग हान से भेंटवार्ता सुनी , उन के जीवन के संस्मरण जानने का अवसर मिला , कार्यक्रम अच्छा लगा ।
आप ने वाटिका में हम से सी .आर .आई के विषय में हमारी राय जाननी चाही , तो वर्तमान में सी .आर .आई को मैं विश्व के सर्वश्रेष्ठ प्रसारण के रूप में मानता हूं । सचमुच आप का प्रसारण निरंतर लोकप्रियता प्राप्त कर रहा है । आप की हिन्दी शैली , गुणवत्ता की दृष्टि से सर्वश्रेष्ठ है , क्यों कि आप अपने द्वारा दी जाने वाली जानकारी में शुद्ध हिन्दी का उच्चारण करते हैं , शब्दों का चयन बड़ी कुशलता के साथ करते हैं , आप की टिप्पणियां निष्पक्ष होती है , चीन के बारे में विभिन्न साप्ताहिक कार्यक्रमों के माध्यम से काफी विस्तार से विविधतापूर्ण , रोचक एवं ज्ञानवर्धक जानकारी आप हमें प्रदान करते है . सचमुच सी .आर .आई का जवाब नहीं है ।
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