 अब, हम फरीदपुर उत्तर प्रदेश के शकील अहमद अंसारी, बस्ती, उत्तर प्रदेश के ही कृष्ण कुमार जायसवाल के पत्र देखें। उन्होंने अपने पत्र में यह पूछा है कि चीन में सब से पुराना डाक टिकट कब से जारी किया गया। तथा चीन में डाक टिकटों का क्या इतिहास है। और चीन का डाक विभाग प्रतिवर्ष कितनी संख्या में डाक टिकट जारी करता है?
श्रोता दोस्तो, सन् 1878 में, चीन में छिंग राजवंश सरकार ने पेइचिंग,थ्येनचिन,शंघाई,यानथाई और न्यूज्वांग इन पांच शहरों में डाक आफिस कायम किए। डाक आफिस कस्टम आफिस के मातहत था। शंघाई कस्टम आफिस ने इसी वर्ष ही महा ड्रगन के विषय से तीन डाक टिकटों का एक सेट जारी किया था। यही चीन में सब से पुराना डाक टिकट है। टिकटों की डिजाइन एक चीनी ने बनाई थी। महा ड्रगन टिकट की मैट्रिक्स कलाकार ने तांबे की चादर पर नक्काशी कर बनाई थी। विदेश से कागज के आयात के कारण, टिकटों का छपना तीन बारों में पड़ा था। पहला छपना 1878 में हुआ था, दूसरा छपना 1882 में हुआ था, और तीसरा छपना 1883 में हुआ था। बाद में मैट्रिक्स टूट पड़ने के कारण और छपना नहीं हुआ था। चीन में डाक टिकट छपने के इतिहास में इस का भारी महत्व है।
1949 में चीन लोक गणराज्य की सथापना के बाद से चीन ने 850 सेटों के 8200 से ज्यादा डाक टिकट जारी किये। डाक टिकटों से चीन के आर्थिक निर्माण, कृषि, संस्कृति, शिक्षा और खेलकूद आदि के क्षेत्रों में हुई प्रगति प्रतिबिंबित हुई है।
नए चीन की स्थापना के शुरू में जारी हुए डाक टिकटों में चीन में भारी कायापलट प्रतिबिंबित हुई। 8 अक्टुबर 1949 को, यानी नए चीन की स्थापना के आठवें दिन, चीनी जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन के आयोजक के विषय में डाक टिकट जारी किया था। इस के बाद, चीनी राष्ट्र-ध्वज, चीनी जनता के नेता दिवंगत माउ त्से-तुंग, विश्व शांति आंदोलन और समाजवादी मोर्चे के विषयों में डाक टिकट निरंतर जारी किए गये। सन् 1950 से 1954 के बीच मैल भेजने, एयर मैल और सैनिकों के लिए विशेषकर डाक टिकट जारी किये गये।
1955 के मार्च माह से, चीन में मुद्रा व्यवस्था में तबदीली आई थी। जून ही माह में नई मुद्रा के मूल्य से चीनी रेड क्रॉस सोसाइटी की स्थापना की 50वीं जयंती विषय में डाक टिकट जारी किया गया। चीन में समाजवादी निर्माण चलाते संस्कृति, कला, विचार और शास्त्र क्षेत्रों को भी प्रगति मिलने और प्रथम डाक टिकट छाप कारखाना कायम होने के कारण चीनी डाक टिकटों का स्तर और छपाई की क्वालिटी, अभूतपूर्व मंजिल पर पहुंच गयी। डाक टिकटों के विषय में चीनी इतिहास में जाने-माने विभूति और उनकी कहानियां शामिल थी। खेलकूद व व्यायाम भी शामिल होना शुरू हुआ। डाक टिकटों में विश्व टेबिल टेनिस प्रतियोगिताओं में चीन पर चार चांद लगाने वाले चीनी खिलाड़ियो की तसवीरें, बारंबार दिखाई दी । इस के साथ साथ चीन के रमणीक स्थल, फूल, पक्षियां, मछली, दुर्लभ जानवर, राजधानी पेइचिंग की दस नव निर्मित इमारतें आदि डाक टिकट के विषयों में शामिल थे।
1966 से 1976 के बीच सांस्कृतिक क्रांति के दौरान, डाक टिकटों का जारी होना लगभग बन्द होना पड़ा। सांस्कृतिक क्रांति समाप्त होने के बाद, डाक टिकट के प्रकाशन के कार्य का पुनरुत्थान होने लगा। डाक टिकट के विषय में एतिहासिक घटनाएं, निर्माण में उपलब्ध कामयाबियां, वर्तमान काल और प्राचीन काल के जाने-माने विभीति, पुराने सांस्कृतिक अवशेष, रमणीक पर्यटक स्थल, संसाधन, नारी, बच्चे और किशोर, खेलकूद व व्यायाम, संस्कृति और कला, अंतरराष्ट्रीय आवा-जाही सब शामिल है।
चीन का इतिहास बहुत पुराना है, लिखित इतिहास कोई 5000 साल पुराना है। इस सिलसिले में डाक टिकट की डिजाइन में विषय काफी ज्यादा है। मिसाल के लिए आज से 3700 साल पहले के यन राजवंश काल और 3100 साल पहले के चओ राजवंश काल में बने कांस्य वस्तुओं के डाक टिकटों से चीन के पूर्वजों की बुद्धि प्रतिबिंबित हुई है। 30 वर्ष पहले पश्चिमी चीन के शानशी प्रांत में स्थित छिन राजवंश के प्रथम सम्राट छिनशीह्वांग के मकबरे से मिट्टी से बनी असंख्य मुर्तियों का पता लगाया गया। जो विश्व का आठवां आश्चर्य कहलाता है। इस विषय के डाक टिकटों में विस्तार से मुर्तियों के रूप में सम्राट छिनशीह्वांग की सेना की भव्यता दिखाई गई है।
प्राचीन काल में चीन में बने चीनी मिट्टी वाले बरतन काफी मशहूर है, तो डाक टिकटों में आदिम काल से आधुनिक काल तक चीन के विविध सुन्दर सुन्दर चीनी मिट्टी बरतनों का पता भी लगाया गया है। चित्र-कला के क्षेत्र में तीसरी सदी से 13वीं सदी के बीच 1000 वर्षों में फैले तुनह्वांग भिति-चित्र, हान राजवंश के मावांगत्वेई मकबरे की खुदाई से प्राप्त रेशमी चित्र, प्राचीन काल के मशहूर चित्रकारों के चित्र और आधुनिक चित्राकारों के चित्र सब डाक टिकटों के विषय है।
पश्चिम की तीर्थ-यात्रा चीन का एक बहुत मशहूर उपन्यास है। उपन्यास में चीनी धर्माचार्य व्यानसान और उसके तीन शिष्यों की भारत-यात्रा की कहानी दर्शाई गई। तो डाक टिकटों में इस विषय से सुन्दर सुन्दर कहनी दिखाई गई है।
प्राचीन चीन में विज्ञा और तकनीक काफी उन्नतिशील था। चीनी लोगों ने बहुत से वैज्ञानिक व तकनीकी संयंत्रों का आविषकार किया था। चीनी डाक टिकटों में इन आविष्कृत वस्तुएं भी दिखाई देती है।
चीन में सुधार और खुलेपन कार्य शुरू होने से पिछले बीसेक साल में शानदार कामयाबियां उपलब्ध हैं। डाक टिकटों से इस सिलसिले में भी ब्रतिबिंबित हुई है।
चीन का डाक विभाग प्रति वर्ष बहुत सी डाक टाक टिकट जारी करता है। मिसाल के लिए, गत वर्ष चीन में कुल 78 सेटों के 235 डाक टिकट जारी किए गए थे। उन में से हांगकांग के 21 सेटों के 62 डाक टिकट, मकाओ के 12 सेटों के 12 डाक टिकट और थाइवान के 20 सेटों के 70 डाक टिकट भी शामिल थे।
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