सी. आर .आई के हिन्दी प्रसारण पर श्रोताओं की प्रतिक्रियाएं
1,बंगलादेश के मोहम्मद आब्दुल बातेन ने अपने पत्र में मैं सी .आर .आई के हिन्दी प्रसारण का एक नया श्रोता हूं , मुझे आप लोगों के कार्यक्रम बहुत पसंद है , आप लोगों का कार्यक्रम मेरे क्लब के बाकी सदस्य भी बड़े उत्साह एवं लगन से सुनते हैं । मैं बंगाली हूं , फिर भी मुझे आप लोगों के कार्यक्रम सुनने में बहुत अच्छा लगता है । मुझे हिन्दी लिखना नहीं आता है , यह पत्र मैं ने अपने एक दोस्त के द्वारा लिखवा कर आप तक भेजा है , आशा करता हूं कि आप लोग मुझे भी एक श्रोता के रूप में स्वीकार करेंगे ।
2,आजमगढ़ उत्तर प्रदेश के फौजान तारिक ने अपने एक पत्र में यह लिखा है कि चीन का भ्रमण कार्यक्रम के अन्तर्गत चीनी मंगोल जाति के बारे में काफी विस्तार से जानकारी सुनने को मिली , वास्तव में सी .आर .आई से जितनी ज्ञान आज रेडिय़ो के माध्यम से प्राप्त कर चुके हैं , वैसे पहले कभी नहीं हो पाती । आज चीन जैसे मुल्क के बारे में हमें जितनी जानकारी हासिल हुई है , अपने देश भारत के बारे में नहीं हुई , जैसा कि पश्चिमी चीन के गैस निर्माण के बारे में हमें श्री हु मिन जी से एक रिपोर्ट सुनवाई , जिस से हमें चीन के शहरों के बारे में बहुत कुछ जानने को मिला । आशा है कि भविष्य में भी इसी तरह की जानकारियां हमें बराबर सुनने को मिलती रहेगी ।
3,केसिंग उड़ीसा के सुरेश अग्रवाल ने अपने एक पत्र में यह शिकायत की है कि मैं चाइना रेडियो को कितने समय से सुन रहा हूं , शायद यह कहने की आवश्यकता नहीं है . वर्तमान कार्यक्रमों के ढांचे में समय के अनुरूप परिर्तन अत्यावश्यक है । आप का पत्र मिला में महज प्रशंसा वाले पत्रों को उठाने के बजाए कार्यक्रमों पर की गई टिप्पणी को आधार बनाए ,तो अधिक उपयुक्त होगा।
4,वैशाली बिहार के रंजी कुमार सिंह ने सी .आर .आई के हिन्दी कार्यक्रमों पर यो टिप्पणी की कि चीन का संक्षिप्त इतिहास के अन्तर्गत चीन के तीन राज्यों की जानकारी दी गई , जो काफी रूचिकर एवं ज्ञानप्रद लगा । इस कार्यक्रम के दरम्यान इस बात की जानकारी मिली कि भ्रष्टाचार पुराने समय में भी था । शु राज्य के शासक ने कृषि उत्पादन पर ध्यान दिया ,जो विकास के लिए आवश्यक था । अंत में तीन राज्यों का एकीकरण हुआ था , जो भ्रष्टाचार के कारण एक भी नहीं रह पाया । आप से मिले कार्यक्रम के अन्तर्गत विनय जी द्वारा मेहमान के रूप में दी गई जल के बारे में जानकारी काफी अच्छी लगी , यह जान कर कि संयुक्त राष्ट्र के द्वारा जल के सर्वेक्षण में 122 देशों में कराया गया , जिन में भारत का 120 सथान है , इस प्रकार की जानकारी आज के जागरूक श्रोताओं के लिए काफी फायदामंद है ।
5,आजमगढ़ उत्तर प्रदेश के मोहम्मद शाहनवाज लतीफी ने अपने पत्र में हमें यह बताया कि मैं यहां आप को बताना जरूरी समझता हूं कि मासिक बैठक में क्लब के पदाधिकारियों के अतिरिक्त अन्य स्थानीय श्रोताओं ने भी सहर्ष भाग लिया । बैठक में विशेष रूप से सी . आर .आई के हिन्दी कार्यक्रमों पर प्रतिक्रिया व्यक्त की गई । बैठक में यह बात विशेष रूप से कही गई कि सी .आर .आई द्वारा प्रसारित प्रतिदिन के कार्यक्रमों से हमारे ज्ञान में वृद्धि होती है । साथ ही साप्ताहिक कार्य़क्रमों द्वारा श्रोताओं का उत्साह वधर्न एवं ज्ञान वर्धन होता है ।
6,कलेर बिहार के मोहम्मद आशिफ खान ने हमें लिख कर कहा कि इन दिनों आप के यहां से जो समाचार पेश किए जाते हैं , इस में प्रतिदिन नई दिल्ली स्थित सी. आर .आई पत्रकार हुंग शान द्वारा भारत से संबंधित समाचार विस्तारपूर्वक सुनने को मिल रहे हैं । भारत में घटने वाली घटनाओं पर इन के द्वारा भेजी गई रिपोर्ट पसंद आ रही है । भारत पाक संबंध एवं युद्ध विराम की जो रिपोर्टिंग हुंग शान द्वारा भेजी गई थी , काफी अच्छा लगा । श्री आसिफ खान ने पत्र में यह भी कहा कि चीन के छिन हाई प्रांत के घास मैदान के बारे में जो प्रोग्राम पेश किया गया और इस में 72 लाख पशुओं की चारा अपलब्ध होता है और इस के मांस से अच्छी आय प्राप्त होती है , काफी ज्ञान वर्धक लगा , साथ ही सांस्कृतिक कार्यक3म में पेइचिंग औपेरा के बारे में जो प्रोग्राम पेश किया गया , वह भी बहुत अच्छा लगा ।
7,कांगड़ा हिमाचल प्रदेश के पावन कुमार ने लिखा है कि आप के सांस्कृतिक कार्यक्रम में श्री ल्यू हो के संगीत जीवन की चर्चा हुई । 1993 से 1997 तक उस ने पेइचिंग में ऊर्दु सीखी , फिर तीन साल तक कराची में संगीत सीख कर पेइचिंग के एक रेस्त्रांत में हिन्दी संगीत सिखाने का प्रयास किया , इस के बाद श्री छन यांग मिन के घर पर संगीत कक्षा खोली । कार्यक्रम में ल्यू हो के छात्रों के द्वारा गाया गीत भी सुनवाया गया । उन की बात सुन कर यह नहीं लगा कि हम किसी चीनी व्यक्ति के बात करते सुन रहे हैं , इतनी अच्छी ऊर्दु व हिन्दी बोलते है कि क्या कहें , बहुत बढ़िया बढिया है । पावन कुमार ने चीन का भ्रमण कार्यक्रम पर टिप्पणी करते हुए कहा कि इस में मो ह जो चीन का सब से प्यारा स्थान लगा , मैं ने सुना । परन्तु क्षमा कीजिएगा कि मैं उस का विवरण यहां आप को नहीं लिख रहा हूं । आप का किसी भी स्थान की सुन्दरता का अंदाज बहुत ही सुन्दर और आप की मीठी आवाज से सुन कर लगता है कि मैं खुद जा कर उस स्थान को देखूं , बड़ी इच्छा होती है , परन्तु क्या करें । इस कार्यक्रम के बारे में यह सुझाव है कि आप चीन का भ्रमण कार्यक्रम एक बार सुनाने के बाद तीन चार सप्ताह बाद दोबारा सुनाएं , कारण यह है कि इस से पर्यटकों को आकर्षित करने में बढ़ावा मिलेगा पावन कुमार ने अपने पत्र में सी .आर .आई हिन्दी प्रसारण के सभी कार्यक्रमों की चर्चा की और जीवन समाज पर लिखा है कि बेरोजगारों को पुनः रोजगार विशेष कर महिलाओं को । क्वांग सी ज्वांग स्वायत्त प्रदेश में बेरोजगारों को पहले प्रशिक्षण प्रदान कर उन के मनपसंद कार्य में दक्ष बना कर फिर उन्हें काम दिलाया गया , लगभग 50 हजार महिलाएं प्रशिक्षण प्राप्त कर पुनः रोजगार प्राप्त कर चुकी हैं । आप से मिले में सुश्री शाओ थान दी दी ने साल पहले आए भारतीय अध्यापक श्री राकेश वत्स से बात की , जो पेइचिंग विश्वविद्यालय में पढ़ा रहे हैं । उन्हों ने बताया कि अत तब वह शांगहाई से एक हजार वर्ष पुराना गांव देखने को गया , वहां भी गया जहां चीन की लम्बी दिवार शुरू होती है . पेइचिंग में स्वर्ग मंदिर , धरती मंदिर , लामा मंदिर , समर पेलेस देखे । जीवन सरल है , शाका हारी होने के कारण ज्यादा परेशानी नहीं हुई , चीन के पर्यटन स्थल सुव्यवस्थित है ।
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