याओ चिंग य्वेन चीन के आर्थिक जगत का एक जाना-माना नाम है। लम्बे समय से चीन के आर्थिक क्षेत्र से जुड़े रहे श्री याओ वर्तमान में चीनी राजकीय सांख्यिकी ब्यूरो के सूचना प्रवक्ता हैं। वे महापौर और सांख्यिकी ब्यूरो के निदेशक भी रह चुके हैं। घर में वे एक अच्छे पति हैं और खाना पकाने के शौकीन ही नहीं हैं, फुरसत के वक्त पत्नी के साथ खरीदारी का आनंद भी उठाते हैं। हाल में हमारी उनके साथ हुई बातचीत का विषय स्वाभाविक रूप से आर्थिक रहा। इसमें उन्होंने वर्ष 2003 की आर्थिक स्थिति का नाप-तोल कर वर्णन किया। उन्होंने बताया कि 2003 में चीन का 9.1 प्रतिशत की तीव्र गति से आर्थिक विकास हुआ। विकास का यह आंकड़ा बहुत लोगों के अनुमान से बाहर था, पर हमारे लिए यह गति अनुमान के भीतर रही। बेशक 9.1 प्रतिशत की वृद्धि दर खासी ऊंची है । इसे देखते हुए देशी-विदेशी विशेषज्ञों ने चीन की अर्थव्यवस्था के हद से ज्यादा गर्म होने का सवाल भी उठाया । पर मेरे विचार में चीन की अर्थव्यवस्था पूरी तरह स्वस्थ है। इस का एक महत्वपूर्ण प्रमाण आर्थिक वृद्धि दर व गुणवत्ता के बीच बेहतरीन मेल बना रहना है। इधर निवेश,उपभोग व निर्यात की दृष्टि से भी चीन ने स्वस्थ आर्थिक छवि बरकरार रखी है।
चीन ने पिछले साल बड़ी कठिन स्थितियों का मुकाबला कर 9.1 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि तो हासिल कर ली, लेकिन शहरों और गांवों के बीच प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक उद्योगों की संरचना , निवेश और उपभोग को लेकर अब भी भारी अन्तर बना हुआ है। श्री याओ चिंग य्वेन के अनुसार शहरों व गांवो के इस अन्तर को यदि कम न किया गया तो चीन की वर्तमान तेज आर्थिक गति कायम नहीं रह पायेगी। उनका विचार है कि वर्ष 2004 में चीन को आर्थिक वृद्धि का सर्वतोमुखी अनवरत विकास से तालमेल बिठाना होगा, तभी चीन भविष्य में स्वस्थ व तेज वृद्धि के रास्ते पर चल सकेगा।
चीन के राजकीय सांख्यिकी ब्यूरो के प्रवक्ता होने के नाते , श्री याओ को रोजाना देश के विभिन्न स्थानों से प्राप्त आर्थिक सूचनाओं के अंबार से जरूरी आंकड़े एकत्र कर उनका अध्ययन करना पड़ता है। पर प्रतिदिन उबाऊ गणनाओं से निबटने वाले श्री याओ को अपना यह काम नीरस नहीं लगता।वे कहते हैं, मैं उन्हें संगीत की सरगम- सा रे ग म प ध नि की तरह जैसे सुनता हूं । चीन का खुलेपन व सुधार की अपनी नीति के चलते दुनिया की सांख्यिकी व्यवस्थाओं से मेल बिठाना बहुत जरूरी हो गया है।इधर के सालों में चीनी सांख्यिकी को संयुक्त राष्ट्र संघ, विश्व बैंक व अन्तरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की भी मान्यता मिली। श्री याओ का मानना है कि चीन की नई सांख्यिकी व्यवस्था में अन्तरराष्ट्रीय मापदंडों के साथ तालमेल रखकर समय-समय पर उचित संशोधन किया जाना चाहिए, इससे हम चीन के आर्थिक आंकड़ों को पूरी वास्तविकता के साथ दुनिया के सामने पेश कर सकेंगे।
एक सरकारी सूचना प्रवक्ता के रूप में श्री याओ मानते हैं कि सूचना प्रवक्ता राजनीतिक संस्कृति का महत्वपूर्ण भाग है। इसलिए उसका काम केवल सही भाषा में सटीक सूचनाओं को जारी करना जितना आसान नहीं होता। अपने कार्य से उसे सरकार व जनता के बीच एक मैत्री पुल की भी स्थापना करनी होती है। वे कहते हैं, सूचना प्रवक्ता अपने देश और सरकार के विचारों का प्रतिनिधित्व करता है न कि स्वयं का। इस लिए उसे अपने ज्ञान व व्यक्तिगत गुणवत्ता को निरंतर उन्नत करने के साथ सरकार के विचारों को ठीक वक्त पर सही व सरल रूप में समाचार माध्यमों व जनता तक पहुंचाना चाहिए । यह उसका दायित्व ही नहीं, कर्तव्य भी है।
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