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2004-03-01 09:33:23
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चीन में इलेक्ट्रोनिक गाड़ियों के अनुसंधान व उत्पादन
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इधर कुछ वर्षों से चीन के आम परिवारों में निजी मोटर गाड़ियां रखने का चलन बढा है । लेकिन निजी गाड़ियों के परिवार में प्रविष्ट होने के साथ साथ पर्यावरण संरक्षण , ऊर्जा के अभाव आदि समस्याएं भी उत्पन्न की गयी हैं । इन के समाधान के लिये चीन सरकार इलेक्ट्रोनिक गाड़ियों के विकास की योजना का पूरा समर्थन किया है ।
दुनिया में इलेक्ट्रानिक गाड़ियों का अनुसंधान 1980 में शुरू हुआ । इन गाड़ियों में तेल नहीं , बिजली का प्रयोग किया जाता है । इसलिये ऊर्जा के बचाव तथा पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से इलेक्ट्रनिक गाड़ी का भविष्य उज्जवल माना गया है । लेकिन कोई दो दश्कों के प्रयासों के बाद भी इलेक्ट्रोनिक गाड़ियों की उत्पादन तकनीक अपर्याप्त हो रही है ।
इस समय यूरोप और अमेरिका की अनुसंधानशालाओं में तीन तरह की इलेक्ट्रनिक गाड़ियों पर काम हो रहा है ये हैं नम्बर 1 , उच्च ऊर्जा वाली बैट्री चालित गाड़ी । दो , ईंधन और बैट्री वाली इलेक्ट्रोनिक गाड़ी तथा तीन , बैट्री व गैस मिश्रित ऊर्जा चालित गाड़ी ।
वर्तमान में चीनी परिवारों द्वारा उपयोग में लायी जा रही निजी मोटर गाड़ियों की संख्या 1 करोड़ से अधिक है । देश के आर्थिक विकास के साथ साथ गाड़ियों की संख्या भी बढ़ती जाएगी और इस से ऊर्जा व पर्यावरण की समस्या बिगड़ेगी । इस आशंका के मद्देनजर ही चीन सरकार ने इलेक्ट्रानिक गाड़ियों के विकास पर ध्यान दिया और वह इसे लेकर आशावान भी है । चीनी विज्ञान व तकनीक मंत्रालय के उच्च तकनीक ब्यूरो के प्रधान श्री ली च्यैन ने कहा कि चीन जैसे विशाल देश में मोटर गाड़ियों के भारी विकास से ऊर्जा का अभाव , पर्यावरण संरक्षण आदि समस्याओं का आना अनिवार्य है । पर इलेक्ट्रानिक गाड़ियों के विकास से इन समस्याओं के समाधान की किरण जगी है ।
उन्हों ने आगे कहा कि मोटर गाड़ियों को ऊर्जा तेल से मिलती है , पर चीन में प्राकृतिक तेल का अभाव है । इस समय चीन में 1 करोड़ निजी गाड़ियां हैं , पर देश का तेल आयात दस करोड़ टन तक जा पहुंचा है । दूसरी ओर चीन के बड़े शहरों में वायु प्रदूषण की समस्या बहुत गंभीर हुई है । आंकड़े बताते हैं कि दुनिया के सर्वाधिक प्रदूषित 10 बड़े शहरों में से 7 चीन में हैं । मोटर गाड़ी को वर्यावरण का प्रमुख हत्यारा करार दिया गया है। पर इलेक्ट्रानिक गाड़ियों से न केवल कम ऊर्जा की खपत की अपेक्षा है , बल्कि प्रदूषण पर नियंत्रण पाने की आशा की जा रही है हो ।
पश्चिमी देशों का मोटर गाड़ियों के उत्पादन का सौ से अधिक वर्षों का इतिहास है , जबकि चीन का मोटर गाड़ी उद्योग अब तक बहुत कमजोर है । वर्तमान में चीन प्रति वर्ष 20 लाख मोटर गाड़ियों का उत्पादन करता है , जो अमेरिका व जापान की तुलना में बहुत कम है । मोटर गाड़ियों के उत्पादन की चीनी तकनीक भी पिछड़ी है । एक जानकारी के अनुसार परंपरागत मोटर गाड़ियों के उत्पादन ती चीनी तकनीक, दुनिया के चोटी की तकनीक से 20-30 साल पीछे है । इसलिये चीन इस क्षेत्र में पश्चिम का मुकाबला करने में असमर्थ है और विश्व व्यापार संगठन में शामिल होने के बाद भी चीनी मोटर गाड़ी उद्योग को आयातित विदेशी मोटर गाड़ियों की चुनौती सहनी पड़ेगी ।
चीन ने भी पिछली शताब्दी के 8वें दशक से इलेक्ट्रानिक गाड़ियों का अनुसंधान शुरू किया , दसेक वर्षों के प्रयास से चीन विश्व की चोटी की तकनीक से केवल 3-5 साल पीछे रह गया है । इस साल चीन सरकार ने इलेक्ट्रानिक गाड़ियों के अनुसंधान को राष्टीय तकनीक विकास के प्रमुख मुद्दों में शामिल कर इस क्षेत्र में भारी पूंजीनिवेश की शुरूआत की है ।
चीनी विज्ञान व तकनीक मंत्रालय के प्रेस विभाग के प्रधान श्री ली चैन ने कहा कि इलेक्ट्रनिक गाड़ियों के उत्पादन की कुंजी उच्च ऊर्जा वाली बैट्री है । चीन ने इस मामले में हर्षजनक प्रगति प्राप्त की हैं । पश्चिमी चीन के शिआन की रेडूंग कंपनी तथा दक्षिणी चीन के शेनचेन शहर की लेथिएन कंपनी उच्च ऊर्जा वाली बैट्री के अनुसंधान में सब से आगे हैं ।
चीनी विज्ञान व तकनीक मंत्रालय ने इलेक्ट्रानिक गाड़ियों के आगामी 5 सालों के विकास की रूपरेखा तैयार की है , इस के तहत सब से पहले उच्च ऊर्जा वाली बैट्री के अनुसंधान में सफल पाने का प्रयास किया जाएगा , और फिर इस तकनीक को उत्पादन के लिये प्रचलित किया जाएगा । इस बीच गैस-इलेक्ट्रानिक ऊर्जा वाली गाड़ियों का उत्पादन करने का प्रयास किया जाएगा । विशेषज्ञों का मानना है कि चीन में सब से पहले प्रयोग में लाई जाने वाली इलेक्ट्रनिक गाड़ी बस होगी । इसलिये कि चीनी शहरों में बसों द्वारा उत्पन्न प्रदूषण सब से गंभीर है , और बस को बिजली डालना भी आपेक्षाकृत आसान है । इस समय चीन की राजधानी पेइजिंग की सड़कों पर कुल 7-8 हजार बसें चल रही हैं । बस ट्राइवर श्री च्यांग चेन जूंग ने इलेक्ट्रानिक गाड़ियों की चर्चा में कहा कि इलेक्ट्रनिक गाड़ियां वायु प्रदूषण में कमी लाने के लिये बहुत अच्छी रहेंगी । लेकिन हमें चिन्ता भी है कि हमारी गाड़ी एक दिन में कोई 12 घंटे चलती है । बिजली डालने के जरिये इस की पूरी हो सकेगी कि नहीं , और हमारी पेइजिंग में बहुत से सड़क पुल हैं , इलेक्ट्रनिक बस पुल के नीचे पास करने के लिये नीचे उन्नत चलने में समर्थ है कि नहीं , ये सब हमें चिंतित है ।
इलेक्ट्रनिक गाड़ियों की क्षमता और उन में प्रयुक्त बैट्री का अध्यायन भी विशेषज्ञों का प्रमुख मुद्दा है । पता चला है कि चीन , आगामी पांच सालों में से इस तकनीकी सवाल के समाधान की खोज पर कुल 10 अरब युवान की पूंजी डालेगा ।
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