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2004-02-23 19:41:52
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हान जाति की परंपरागत चिकित्सा पद्धति
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हान जाति की परंपरागत चिकित्सा पद्धति का कोई 5000 साल का इतिहास है । उस का दुनिया के व्यापक दायरे में बड़ा नाम भी है । हान आबादी जाति चीन की जनसंख्या का 90 प्रतिशत है , इसलिये हान जाति की परंपरागत चिकित्सा पद्धति आम तौर पर चीनी परंपरागत चिकित्सा पद्धति कहलाती है । आधुनिक चिकित्सा पद्धति के यूरोप से चीन में प्रवेश से पहले चीनी लोग अपनी परंपरागत चिकित्सा पद्धति की जानकारी के बूर्ते ही विभिन्न रोगों का मुकाबला करते थे ।
वर्ष 1949 में नये चीन की स्थापना के बाद चीन सरकार ने परंपरागत चिकित्सा पद्धति के सिलसिलेवार अनुसंधान और विकास के भारी प्रयास किये । चीनी राजकीय परंपरागत चिकित्सा पद्धति व औषधि प्रबंध ब्यूरो की प्रधान सुश्री श-चींग ने इस बारे में कहा कि चीन सरकार का परंपरागत चिकित्सा पद्धति पर विशेष ध्यान बहुत रहा है । चीन परंपरागत चिकित्सा पद्धति को आधुनिक चिकित्सा पद्धति सा समान महत्व देता है और दोनों को देश में एक सा कानूनी स्थान प्राप्त है । अब चीन में परंपरागत चिकित्सालयों का जाल भी विकसित हो चला है , जो जनता की स्वास्थ्य रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है ।
नये चीन की स्थापना के बाद देश में 90 से अधिक परंपरागत चिकित्सा पद्धति अनुसंधानशाएं स्थापित हुई , जो न सिर्फ परंपरागत चिकित्सा पद्धति का अनुसंधान करती हैं , उस का विभिन्न बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल भी करती हैं ।
चीनी परंपरागत चिकित्सा पद्धति के अनुसार मानव शरीर की अपनी संश्लिस्ट व्यवस्था है । इस के अनुसार शरीर के विभिन्न भाग एक दूसरे पर प्रभाव डाले हैं , मानव स्वास्थ्य शरीर के विभिन्न भागों के संतुलन पर निर्भर है । अगर यह संतुलन बिगड़ा , तो बीमारी ने जन्म लिया । इसलिये चीनी परंपरागत चिकित्सक रोगियों के निदान के समय उन के मिजाज , आवाज , बू और खासकर नाड़ी (pulse) की भोप कर ही किसी नतीजे पर पहुंचते हैं , और तभी रोगियों को दवा देते हैं । चीनी परंपरागत चिकित्सा की दवाएं मुख्य तौर पर प्राकृतिक जड़ी बूटी हैं , यों कुछ पशु और खनिज पदार्थ भी इन दवाओं में शामिल हैं । इसलिये चीनी परंपरागत दवाओं का बहुत कम पार्शव या पश्च प्रभाव (side effect) होता है । यहां यह भी बता दें कि चीनी परंपरागत चिकित्सक अक्सर एक्यूपंक्चर , मालिश और कुछ विशेष खाद्यों का भी उपचार हेतु प्रयोग करते हैं । हजारों वर्षों के अनुभवों से यह साबित हो गया है कि चीनी परंपरागत चिकित्सा विशेष तौर पर कैंसर-नासूर , पीलिया , गठिया और मधुमेह आदि बीमारियों के ईलाज में बड़ी कारगर है ।
इस समय चीन भर में कुल 2500 चीनी परंपरागत चिकित्सालय चल रहे हैं , इन के अलावा देश के 7 हजार आधुनिक अस्पतालों के 95 प्रतिशत के भी अपने अपने चीनी परंपरागत चिकित्सा विभाग हैं । उत्तरी चीन के शानशी प्रांत की वू-चाई कांउटी का चीनी परंपरागत चिकित्सालय बहुत ही लोकप्रिय है , इस के निदेशक श्री ली क्वांग लीन ने हमारे संवाददाता को बताया कि हमारे यहां दिमागी नस के मरीज और योनिरोग के शिकार बहुत आते हैं । इन रोगियों का परंपरागत चिकित्सा के जरिये उपचार बहुत प्रभावी रहा है ।
चीनी लोगों को अपनी परंपरागत चिकित्सा पर काफी विश्वास है । एक रिपोर्ट कहती है कि वर्ष 2001 में कुल 20 करोड़ चीनी लोग अपनी बीमारियों के ईलाज के लिये परंपरागत चिकित्सालय गये । 30 वर्षीया सुश्री ल्यू का पीलिया चीनी परंपरागत चिकित्सा के तरीके से दूर हुआ है । वे अपनी आपबीती बताया कि परंपरागत चिकित्सा चीनी संस्कृति का मोत्ती है । इस की उपयोगिता हजारों वर्षों की परीक्षा में साबित हो चुकी है । मेरा भी यही गहरा अनुभव है कि परंपरागत चिकित्सा बहुत से लाइलाज मर्ज के लिये अच्छी है ।
इधर के वर्षों में विश्व भर में प्राकृतिक चीज़ों के इस्तेमाल का रुझान बढ़ा है । इसलिये दुनिया के बहुत से देशों में चीनी परंपरागत चिकित्सा का स्वागत हो रहा है । बहुत से विदेशी भी चीनी परंपरागत चिकित्सा सीखने के लिये चीन आ रहे हैं । आंकड़े बताते हैं कि वर्तमान में चीन के उच्च स्तरीय परंपरागत चिकित्सा स्कूलों में कुल 3000 विदेशी छात्र पढ़ रहे हैं । पेइचिंग के चीनी परंपरागत चिकित्सा विश्वविद्यालय में अध्ययन कर रहे श्री ब्रीन्कोप जर्मनी से आये हैं , उन्हों ने कहा कि जर्मनी में चीनी परंपरागत चिकित्सा की बहुत प्रतिष्ठा है । मैं पेइचिंग परंपरागत चिकित्सा विश्वविद्यालय में परंपरागत चीनी दवाओं का अनुसंधान कर रहा हूं , और मुझे इस से बहुत सी उपयोगी जानकारियां प्राप्त हुई हैं ।
चीनी परंपरागत चिकित्सा का प्रयोग न केवल चीन में किया जा रहा है , दुनिया के 130 देशों व क्षेत्रों में भी चीनी परंपरागत चिकित्सालय खुले हैं । तंजानिया के उप चिकित्सा मंत्री डाक्टर हुसैन ने हमारे संवाददाता को बताया कि हमारे यहां चीनी परंपरागत चिकित्सा का बहुत स्वागत हुआ है , यहां अनेक चीनी परंपरागत चिकित्सालय स्थापित हैं , जहां लोग अक्सर इलाज के लिये आते हैं । बहुत से स्थानीय रोगी चीनी परंपरागत दवा के जरिये अपने रोगों से छूटपारा पाने में सफल भी हुए हैं । तंजानिया में चीनी परंपरागत चिकित्सा का खूबनाम है ।
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