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2004-02-13 16:17:36
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वेवूर जाति की परंपरागत चिकित्सा पद्धति की कुछ जानकारी
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चीन में हान जाति के अलावा मंगोलिया , ह्वेई , वेवूर , तिब्बती जैसे 55 अल्पसंख्यक जातियां भी हैं । विभिन्न जातियों की अपनी अपनी परंपरा और संस्कृति हैं । यहां प्रस्तुत है पश्चिमी चीन में रहने वाली वेवूर जाति की परंपरागत चिकित्सा पद्धति की कुछ जानकारी । वेवूर जाति की परंपरागत चिकित्सा पद्धति 2500 साल पुरानी है । श्री गमूर ने , जो विशेष तौर पर वेवूर चिकित्सा पद्धति के अनुसंधान में लगे हैं , इस पद्धति के स्रोत की चर्चा करते हुए कहा कि चीन का सिंच्यांग वेवूर स्वायत्त प्रदेश एशिया का केंद्र माना जाता है , और वह इतिहास में मशहूर रेशम मार्ग का महत्वपूर्ण पड़ाव रहा था । 2000 वर्ष पूर्व चीन के हान राजवंश के दौरान रेशम मार्ग के खुलने से यहां हान , मिस्री , तुर्क , अरब और हिन्दूस्तानी आदि विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों के मिश्रण का अवसर उत्पन्न हुआ । वहां रहने वाली वेवूर जाति की अपनी चिकित्सा पद्धति इसी स्थिति में विकसित हो पायी । उन्हों ने कहा कि वेवूर चिकित्सा पद्धति के मुताबिक दुनिया --आग्नि , वायु , जल और मृदा चार तत्वों से गठित है । वेवूर चिकित्सा पद्धति का सिद्धांत इसी विचार पर आधारित है । वेवूर चिकित्सा पद्धति में रोगों के उपचार के लिये दवा , विशेष भोजन व पेयजल , प्राकृतिक उपचार तथा मालिश आदि माध्यमों का इस्तेमाल किया जाता है । उदाहरण के लिये गर्मी के दिनों में वेवूर लोगों को बर्फ , अंडे तथा rock candy से बना एक पेय पीना बहुत पसंद है । इसे पीने से वे वहां की भीषण गर्मी से बचाते हैं । प्राकृतिक उपचार में धूप तथा गर्म चश्मे ( hotspring ) में स्नान करने आदि उपाय शामिल हैं और इन के अलावा वेवूर चिकित्सा पद्धति में जरूरत पर (bloodletting) रक्त स्राव को भी ईलाज का उपाय माना जाता है । अब सिंच्यांग वेवूर स्वायत्त प्रदेश में 39 परंपरागत चिकित्सा संस्थानों तथा एक उच्च स्तरीय चिकित्सालय की स्थापना की गयी है । प्राचीन काल में वेवूर चिकित्सा पद्धति के स्कूल में गुरू जी के आसपास कई शिष्य बैठते सुतते थे । अब नये चिकित्सालयों में छात्र आधुनिक तरीके से पढ़ते रहे हैं । सिंच्यांग वेवूर स्वायत्त प्रदेश में वेवूर चिकित्सा अनुसंधानशाला तथा कई परंपरागत दवा कारखाने भी खड़े हुए हैं । सिंच्यांग की राजधानी वूरूमूची शहर में स्थित सिंच्यांग वेवूर परंपरागत चिकित्सालय के प्रधान श्री ने अपने चिकित्सालय का परिचय देते हुए कहा कि हमारे चिकित्सालय में मुख्य तौर पर परंपरागत उपायों से रोगों का इलाज किया जाता है । हमारे परंपरागत तरीके त्वाचा के दाड, खाज, खुजली और सफेद दाग जैसे पुराने रोगों का इलाज करने में आधुनिक माध्यमों से भी ज्यादा कारगर हैं । उदाहरण के लिये हमारे चिकित्सालय में 90 प्रतिशत सफेद दाग के रोगियों का इलाज सफल रहा है , पर दूसरे अस्पतालों में इस रोग की सफलता दर सिर्फ 70 प्रतिशत है । वूरूमूची शहर के इस चिकित्सालय की ओर देश के दूसरे क्षेत्रों के रोगियों का ध्यान भी आकर्षित है । उत्तर पूर्वी चीन के ल्याओ नींग प्रांत के वांग साहब कई वर्षों से सफेद दाग से ग्रस्त रहे । वूरूमूची के वेवूर परंपरागत चिकित्सालय की खबर सुनने के बाद वे वहां इलाज कराने गये । ईलाज के एक महीने के बाद ही उन की हालत सुधर गयी । उन्हों ने बता दिया कि इस अस्पताल ने मेरे एक दोस्त को सफेद दाग से मुक्ति दिलाई । इसलिये मैं भी यहां आया । यों आने से पहले मैं ने सोचा था कि अगर इलाज सफल हुआ तो अच्छा ही है , पर अगर विफल रहा तो मैं अपनी इस यात्रा को पर्यटन समझूंगा । पर एक महीने के बाद मेरे सिर से सफेद दाग दूर हो गया , और पीठ और छात्ती पर से भी गायब होने लगा । यहां का परंपरागत इलाज सचमुच बहुत अच्छा है । वूरूमूची के वेवूर परंपरागत चिकित्सालय का नाम चीन के बाहर भी फैल रहा है । पाकिस्तान , ईरान , सऊदी अरब तथा किरगिस्तान आदि देशों के रोगी भी यहां इलाज कराने आते हैं । गत वर्ष अस्पताल में कुल सौ से अधिक विदेशी रोगियों का सत्कार किया गया । वेवूर जाति की परंपरागत चिकित्सा पद्धति का विकास करने के लिये सिंच्यांग वेवूर स्वायत्त प्रदेश अगले साल अपने यहां एक वेवूर परंपरागत चिकित्सा पद्धति व दवा संगोष्ठी के आयोजन की तैयारी कर रहा है , इस मौके पर मध्य व दक्षिण एशिया के दसेक देशों के विशेषज्ञ उपस्थित होकर , वेवूर परंपरागत चिकित्सा पद्धति व दवा के अनुसंधान व प्रयोग पर विचार करेंगे ।
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