पश्चिमी चीन के शिनच्यांग उइगुर स्वायत्त प्रदेश का तुरफान पर्यटन संसाधनों से भरा-पूरा है। तुरफान के न केवल रेगिस्तान, झीलों, बर्फीले पहाड़ों वाले प्राकृतिक दृश्य बड़े मनोहर हैं, वह प्राचीन सांस्कृतिक अवशेषों के अलावा उइगुर, कजाख आदि जातियों के अनूठे रीति-रिवाजों के लिए भी मशहूर है। इधर के कुछ सालों में तुरफान ने पर्यटन विकास पर भारी जोर दिया जिससे उसकी आर्थिक प्रगति हुई व जनता के जीवन में सुधार आया।
ये थे तुरफान के एक उइगुर परिवार व पर्यटकों के एक मिलन समारोह से उठे स्वर। ऐसा समारोह स्थानीय पर्यटन विभाग द्वारा तुरफान के किसान परिवारों में आयोजित की जाने वाली उस मनोरंजन गतिविधि का भाग होता है, जिस से क्षेत्र की सैर करने आए यात्री किसानों के घरों में उनके साथ खाना खाने और रात बिताने का अनोखा अनुभव ही नहीं पाते हैं, इस तरह किसानों के अद्भुत जीवन का परिचय हासिल कर भी खुश होते हैं।
इमागुली शिनच्यांग की एक खूबसूरत उइगुर लड़की है। उसने बताया कि गर्मी के मौसम में बहुत से पर्यटक उनके घर के मेहमान होते हैं। अपने इन मेहमानों के लिए वह लोकनृत्य भी करती है। हमारे संवाददाता से बातचीत में इमागुली ने कहा कि उसके माता-पिता , बड़ी और छोटी बहनें तथा बड़े भाई भी घर आए मेहमानों का नाच-गाकर मनोरंजन करते हैं और मेहमान इस सब में उनका साथ देते हैं।
तुरफान चीन का मशहूर अंगूर उत्पादन स्थल भी है। देशी-विदेशी पर्यटक यहां आकर अंगूर, किशमिश व अंगूर से बनी मदिरा का स्वाद चखते हैं। किसान परिवारों के साथ होने वाली मनोरंजन गतिविधि उन्हें तुरफान के आनंद को कई गुना बढ़ाने का अवसर प्रदान करती है। इमागुली ने बताया कि पर्यटकों के उनके घर के मेहमान बनने से हर साल उनके परिवार को 30 से 40 हजार य्वान की आय हासिल होती है।
तुरफान की किसान परिवारों की मनोरंजन गतिविधि ने चीन के पर्यटकों के अतिरिक्त जापान, अमरीका, जर्मनी, फ्रांस, इटली,नीदरलैंड और स्पेन जैसे देशों से आने वाले विदेशी पर्यटकों को भी आकृष्ट किया है। इस मनोरंजन गतिविधि के अलावा, तुरफान पर्यटन विकास के लिए अपने प्राकृतिक व सांस्कृतिक संसाधनों का भी भरसक प्रयोग कर रहा है।
चीन की समुद्रतल से सबसे नीची जगह तुरफान में ही स्थित है। यह है आएतिन नामक एक झील। समुद्र की सतह से 154 मीटर नीचे स्थित यह झील मृत सागर के बाद विश्व का दूसरा सबसे नम स्थल मानी जाती है । पर इस क्षेत्र का तापमान चीन में सबसे ऊंचा रहता है जो गर्मियों में 47 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। इस के अलावा तुरफान में अंगूर घाटी का सुंदर नजारा भी लोगों को बहुत लुभाता है। सात किलोमीटर की लंबाई में फैली पहाड़ी घाटी में जहां-तहां अंगूर की बेलें ही बेलें नजर आती हैं। अंगूर की खुशबू फसल के मौसम में हजारों को अपनी ओर आकृष्ट करती है। तुरफान चीन के मशहूर रेशम मार्ग में भी पड़ता है। लम्बे इतिहासकाल से इस क्षेत्र के चारों ओर अनेक सांस्कृतिक दृश्य निखरे हैं। तुरफान क्षेत्र के पर्यटन ब्यूरो के प्रबंधक श्री वाएली नियाज ने बताया, क्षेत्र की यात्रा पर आने वाले लोगों को हम पहले च्याओ ह नामक प्राचीन शहर का परिचय देते हैं जो विश्व का सबसे अच्छी तरह सुरक्षित मिट्टी से बना प्राचीन शहर है इस शहर का दो हजार साल से भी अधिक लंबा इतिहास है। हम इस शहर को विश्व की विरासतों की सूची में शामिल कराने का आवेदन कर रहे है। संयुक्त राष्ट्र के यूनेस्को ने हाल ही में यहां का निरीक्षण किया और कहा कि इस शहर के विश्व विरासत में शामिल होने की बड़ी उम्मीद है।
तुरफान में प्राचीन सांस्कृतिक अवशेषों की भरमार है। उसकी इस्लाम शैली की अनोखी मीनारें, देश-विदेश में मशहूर हजारों बौद्ध मूर्तियों वाली गुफा तथा विभिन्न अल्पसंख्यक जातियों की अपनी अनूठी रीतियां लोगों का मन मोह लेती हैं ।श्री वाएली नियाज ने यह भी बताया कि वर्ष 1989 में ही तुरफान ने अपनी पर्यटन विकास नीति तय करते समय बहुत सी उदार नीतियां निर्धारित कर ली थीं । पिछले 10 सालों में तुरफान ने अनेक पर्यटन संसाधनों का विकास किया और क्षेत्र के आर्थिक विकास को प्रेरित किया । उन्होंने कहा कि पिछले कई सालों के प्रयासों से तुरफान में पर्यटन का तेजी से विकास हुआ है। पिछले साल हमने देश के 15 लाख पर्यटकों और विदेश से आए 2 लाख पर्यटकों का स्वागत किया और 38 करोड़ य्वेन कमाये । इधर हर साल यहां आने वाले यात्रियों की संख्या 20 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है।
श्री वाएली नियाज का मानना है कि यदि पर्यटकों की संख्या में वृद्धि की यह गति बनी रही तो वर्ष 2010 में तुरफान की आय देश के उत्पादन मूल्य के 8 प्रतिशत तक पहुंच सकती है। उन्होंने कहा कि अगर तुरफान के प्रचुर पर्यटन संसाधन का उचित रूप से विकास व प्रयोग किया जाए तो तुरफान के पर्यटन का भविष्य बहुत उज्ज्वल हो सकता है।
तुरफान क्षेत्र ने अपने अद्भुत पर्यटन संसाधनों व विभिन्न अल्प संख्यक जातियों के रीति-रिवाजों के प्रयोग से पर्यटन में विशेष उपलब्धि हासिल की है। अपने मीठे अंगूर , किशमिश, अंगूर की मदिरा व किस्म- किस्म के फलों से भी तुरफान ने पर्यटन विकास का नया रास्ता खोला है । तुरफान क्षेत्र की जनता को इसका भारी आर्थिक लाभ मिला है और इससे उनके जीवन में भारी परिवर्तन आया है।
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