पिछले 20 सालों में चीन के करीब 6 लाख छात्र पढ़ने के लिए विकसित देश गए । चीन की इधर के वर्षों की तेज आर्थिक वृद्धि ने विदेशों में पढ़ रहे ऐसे अधिकाधिक छात्रों को अपनी ओर खींचा। पूर्वी चीन का ऐतिहासिक शहर सूचओ विदेशों में पढ़ाई पूरी करने के बाद स्वदेश लौटकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने वाले छात्रों का केन्द्रीय स्थल बन गया।
आनबो सूचना कम्पनी समूह की मुख्य प्रबंधक सुश्री उ हुंग ने सूचओ को सिलीकोन घाटी शहर का दर्जा दिलाया। 1980 में अमरीका पढ़ने गई सुश्री उ हुंग ने केलीफोर्निया विश्वविद्यालय से सोफ्ट वेयर इंजीनियरिंग में डाक्टरेट हासिल की और अमरीका की सिलीकोन घाटी में 10 साल काम किया। चार साल पहले उन्होंने सूचओ के बेहतर पर्यावरण से आकृष्ट होकर वहां एक सोफ्टवेयर कम्पनी की स्थापना की।
सूचओ का वातावरण मुझे बहुत ही अच्छा लगा और वहां की सरकार ने भी मुझे बड़ा समर्थन दिया। सूचओ शांगहाए के बहुत नजदीक है। वहां श्रम शक्ति शांगहाए से कहीं ज्यादा सस्ती है। सोफ्टवेयर उद्योग को न केवल सस्ती जगह चाहिए। उसके लिए अपेक्षाकृत शान्त जगह की भी जरूरत होती है। सूचओ सोफ्टवेयर कम्पनी की स्थापना के लिए आकर्षक जगह है।
सुश्री उ हुंग की तरह विदेशों से पढ़ाई पूरी कर सूचओ शहर में अपनी कम्पनी की स्थापना करने वालों की संख्या आज 260 तक जा पहुंची है और विदेशों से पढ़ाई पूरी कर स्वदेश लौटे चीनी छात्रों की कुल संख्या 400 से ऊपर है। अब उनके द्वारा यहां संचालित सोफ्टवेयर, सूचना, पर्यावरण संरक्षण तकनीक व जैव औषधि जैसे उच्च तकनीक से जुड़े उद्योगों में हर वर्ष 20 प्रतिशत की वृद्धि आंकी गई है।
सूचओ पूर्वी चीन के च्यांगसू प्रांत का एक बहुत ही खूबसूरत शहर है। उस का मौसम बड़ा सुहावना है। सूचओ के करीब 8500 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में कोई उंची इमारत नहीं है। शहर में जहां-तहां सुंदर बागान नजर आते हैं। यंहा का जीवन शान्त है और किसी बड़े शहर का सा शोरगुल सुनने को नहीं मिलता। चीनी लोगों की नजर में सूचओ एक प्राचीन सांस्कृतिक शहर है। चीन के इतिहास के बहुत से मशहूर लेखकों , कवियों व विद्वानों का नाम इस शहर से जुड़ा है। सूचओ चीन के सबसे बड़े औद्योगिक शहर शांगहाए से मात्र 90 किलोमीटर दूर है। यही कारण है कि सूचओ को विदेशों में पढ़ाई समाप्त कर स्वदेश लौटने वाली चीनी प्रतिभाओं ने अपना कार्यस्थल चुना।
स्थानीय म्युनिसिपल सरकार का भारी समर्थन भी इन लोगों के इस शहर को अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन स्थल चुनने का एक कारण रहा। म्युनिसिपल सरकार ने इन प्रतिभाशाली लोगों को विशेष नवीन उद्यान नाम की एक जगह दी जिसे दुनिया आज उद्योग पोषक के नाम से पुकारती है। सरकार ने इस उद्योग पोषण केंद्र की स्थापना उदार वित्तीय नीति व अन्य नीतियों के तहत की । सूचओ म्युनिसिपल सरकार की अधिकारी सुश्री छुए फिंग ने इस की चर्चा में बताया हमने एक अन्तरराष्ट्रीय उद्योग पोषण केन्द्र की स्थापना कर विदेशों से स्वदेश लौटी चीनी प्रतिभाओं को निजी कारोबार खोलने के लिए एक विशेष स्थान दिया । इस पर सरकार ने 40 करोड़ य्वेन की धनराशि खर्च की। अब तक इस केन्द्र को 400 से अधिक नए कोरोबार अपना घर बना चुके हैं और इन में से अधिकतर सफल साबित हुए हैं।
सूचओ सरकार ने इन नए कारोबारों को लाइसेन्स देने व उनका आवेदन शुल्क माफ करने की नीति अपनाने के साथ तीन सालों तक उन्हें इस केन्द्र की इमारतों के निःशुल्क इस्तेमाल व कर में छूट की सुविधा भी प्रदान की है। यंहा तक कि कारोबार खोलने वालों की प्रारम्भिक चरण में पूंजी के अभाव जैसी कठिनाई भी दूर करने में मदद की है। सूचओ उद्योग पोषण केन्द्र के प्रबंधक श्री ली छुंग यांग ने इस की जानकारी देते हुए कहा विदेशों से स्वदेश लौटकर निजी कारोबार शुरू करने वाले चीनी छात्रों के पास पर्याप्त पूंजी का होना एक साधारण समस्या है। इसलिए हम सरकारी कोष से उन्हें निःशुल्क मदद दिलाने तथा उनकी बैंकों के साथ बातचीत कराने जैसे उपायों से उनका हाथ बंटाते हैं। बैंकों को उनकी समस्या मालूम होने पर वे आसानी से ऋण प्राप्त कर सकते हैं।
सरकारी विभोगों की विभिन्न सेवाओं ने भी इन लोगों का हौसला बढ़ाया है। उद्योग पोषण केन्द्र शहर के बाहर से प्रतिभाओं के आयात के अलावा निःशुल्क सूचना सेवा व परामर्श तथा बाजार विस्तार सेवा तथा आयात निर्यात सेवा सेवा प्रदान करता है। आंकड़ों में सूचओ के इस उद्योग केन्द्र में खोले गए कारोबारों की सफलता 85 प्रतिशत बतायी गई है और अधिकतर कारोबारों के नवीन व उच्च तकनीकी उत्पादों का बाजारों में प्रदर्शन भी बहुत बढ़िया है।
|