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(GMT+08:00) 2003-12-30 20:17:52    
समानव अंतरिक्षयान के बारे में चीन की तकनीकी प्रगति

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चीन ने दो साल पहले शेनचाओ नम्बर 3 नामक अपने प्रायोगिक मानव सवार अंतरिक्ष यान को कक्षा में स्थापित करने और कई दिन बाद उसे पृथ्वी पर वापस लौटाने में सफल पाई । अंतरिक्ष का अनुसंधान करने और इस से लाभ पाने की कल्पना चीनी जनता की कई पीढ़ियों के मन में रही है । चीन ने वर्ष 1960 से ही अलग अलग तौर पर मिसाइल और उपग्रह अंतरिक्ष में प्रक्षेपण का अभियान शुरू किया । अब चीनी वैज्ञानिक व तकनिशियन अपने निर्मित राकेट श्रंखला तैयार करने में सक्षम हैं । और चीन के भावी अंतरिक्ष कार्यों की नींव भी डाली गयी है । वर्ष 1961 में पूर्व सोवियत संघ के Yury Gagarin ने सफल अंतरिक्ष उड्डयन कर विश्व के प्रथम अंतरिक्ष यात्री बनने का गौरव पाया , उन की अंतरिक्ष यात्रा को मानव के अंतरिक्ष उड़ान का मील का पत्थर कहा जाता है । चीन ने वर्ष 1992 में अपनी मानव अंतरिक्ष उड्डयन योजना शुरू की । और दस सालों के प्रयासों के बाद अब चीन भी समानव अंतरिक्ष उड्डयन के लिये अपना प्रक्षेपण केंद्र बनाने के साथ साथ, अंतरिक्ष उड्डयन नियंत्रण जाल बनाने , अंतरिक्ष यात्री की पृथ्वी पर वापसी के लिये उतार स्थल तैयार करने और सब से पहले उच्च क्षमता वाले राकेट का निर्माण करने में सफल हो गया है । चीनी समानव अंतरिक्ष उड्डयन योजना के उप प्रमुख डिजाइनर श्री वांग च्वांग ने बताया कि हमारी योजना का प्रथम भाग समानव अंतरिक्ष यान को उस की कक्षा में स्थापित करना है । इस का दूसरा भाग है पृथ्वी की कक्षा में अपना अंतरिक्ष प्रयोगशाला और बाद में अंतरिक्ष स्टेशन कायम करना । हमारा समानव अंतरिक्ष यान भविष्य के चीनी अंतरिक्ष स्टेशन के निर्माण में परिवाहक की भूमिका निभाएगा । इस समय चीनी समानव अंतरिक्ष उड्डयन योजना का पहला चरण यानी समानव अंतरिक्ष यान का अनुसंधान का कार्य चल रहा है । वर्ष 1999 की 20 नवम्बर को चीन का प्रथम प्रायोगिक समानव अंतरिक्षयान शेनचाओ नम्बर 1 को उस की कक्षा में स्थापित किया गया था । फिर वर्ष 2001 के जनवरी तथा वर्ष 2002 के मार्च में चीन के शेनचाओ नम्बर 2 और नम्बर 3 को भी अलग अलग तौर पर उन की कक्षाओं में स्थापित किया गया । इस में खास बात यह रही कि इस साल 25 मार्च को प्रक्षेपित शेनचाओ नम्बर 3 अंतरिक्षयान , पृथ्वी का 108 परिक्रमाएं पूरी करने और जैव तकनीक संबंधी समेत अनेक वैज्ञानिक परीक्षण समाप्त करने के बाद 1 अप्रैल को पृथ्वी पर वापस लौटा । शेनचाओ नम्बर 3 अंतरिक्षयान के सफल उड्डयन ने यह साबित किया है कि चीन की समानव अंतरिक्ष उड्डयन तकनीक परिपक्व हो चुकी है । शेनचाओ नम्बर 3 अंतरिक्षयान में कोई अंतरिक्ष यात्री सवार नहीं था , पर इस में संभावित अंतरिक्ष यात्री के लिये सभी उपकरणों से लैस किया गया था । शेनचाओ नम्बर 3 अंतरिक्षयान के उप प्रमुख डिजाइनर ने कहा कि शेनचाओ नम्बर 3 अंतरिक्षयान में हम ने अंतरिक्ष यात्री का जो मोडल रखा , वह स्वरूप आदि हर दृष्टि से सच्चे मानव जैसा ही था । इस मानव मोडल के शरीर पर blood presure जैसे उपकरण भी लगे थे । जब अंतरिक्षयान उड़ रहा था , तब इस मोडल के शरीर पर लगे यंत्रों द्वारा जुटाई गयी सूचनाएं पृथ्वी पर स्थित नियंत्रण केंद्र को वापस भेजी गयी थीं । सात दिनों के अंतरिक्ष उड्डयन में शेनचाओ नम्बर 3 अंतरिक्षयान द्वारा पृथ्वी पर वापस भेजी गयी सूचनाओं से यही साबित हुआ कि शेनचाओ नम्बर 3 अंतरिक्षयान हर तरह समानव उड्डयन की शर्तों को पूरा कर सकता है । चीनी अंतरिक्षयान के उप प्रमुख डिजाइनर श्री वांग च्वांग ने यह बताया कि चीन शेनचाओ नम्बर 3 अंतरिक्षयान को तीन भागों में बांटा गया है , पहले भाग में उस का इंजीन है , दूसरे भाग में परीक्षण की व्यवस्था है , और तीसरे भाग का प्रयोग अंतरिक्ष यात्री के पृथ्वी पर वापसी के लिये किया जाएगा । जब अंतरिक्ष यात्री तीसरे भाग के साथ पृथ्वी पर वापस लौट आएगा तब तो परीक्षण भाग फिर भी अपनी कक्षा में चलना जारी रखेगा । श्री वांग ने आगे कहा कि चीन का यह अंतरिक्षयान 9 मीटर लम्बा और 3 मीटर चौड़ा है , इस में तीन अंतरिक्ष यात्री बैठ सकते हैं । इन में से एक लीडर , एक तकनीशियन और एक payload कर्मचारी शामिल है । तीनों यात्री अंतरिक्षयान के परीक्षण भाग में रहते हुए काम करेंगे । यहां यह भी चर्चित है कि अंतरिक्ष यात्री को विशेष पोशाक पहननी होती है । चीन निर्मित अंतरिक्ष यात्री पोशाक दुनिया में सब से मूल्यवान बताई जा रही है , ऐसी हर पोशाक का खर्च 1 करोड़ युवान यानी 12 लाख अमेरिकी डालर के आसपास है । शेनचाओ नम्बर 5 अंतरिक्ष विमान के सफल उड़ान के बाद चीन दुनिया में ऐसा तीसरा देश बना है , जिसे समानव अंतरिक्षयान की तकनीक हासिल है ।
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