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(GMT+08:00) 2003-12-30 15:04:22    
शनयांग शहर की बेरोजगार मजदूर

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उत्तर-पूर्वी चीन के ल्याओ निंग प्रांत की राजधानी शनयांग चीन का एक पुराना औद्योगिक केंद्र है। आज भी इस शहर में कम से कम 10 बड़े व मझौले चीनी उपक्रम हैं । नये चीन के प्रारम्भिक काल में इन उद्योगों का देश के समग्र औद्योगिक उत्पादन में ही बड़ा योगदान नहीं रहा, केन्द्रीय वित्तीय सहायता में भी भारी भूमिका रही। लेकिन इधर कुछ सालों में इन बड़े राष्ट्रीय उपक्रमों के मजदूर बड़ी संख्या में बेरोजगार होने लगे और उनका उत्पादन भी फिसलने लगा।शनयांग के बेरोजगार मजदूरों की संख्या एक समय 4 लाख 10 हजार तक जा पहुंची थी पर शहर इस गंभीर मसले को सुलझाने में अब अच्छी उपलब्धि प्राप्त कर चुका है। इसकी जानकारी देते हुए शनयांग के श्रम व सामाजिक प्रतिभूति ब्यूरो के उप निदेशक सुंग नाए इ ने कहा, बेरोजगारी के मसले को हल करने के लिए हमने बेरोजगारों को फिर से रोजगार देने की एक खास सरकारी नीति तय की और रोजगार सेवा प्रदान करने के साथ छोटे कर्ज देने ,पूंजी निवेश करने जैसे कारगर कदम भी उठाए, ताकि बेरोजगार इस नीति की सहायता से पुनःरोजगार या नयी नौकरी पाने में सफल हो सकें। हमारे प्रयासों का अच्छा परिणाम निकला, पुनः रोजगार पाने वाले मजदूरों की संख्या में बढ़ोत्तरी होने लगी। बेरोजगारों में अधिकतर मजदूर हैं और वे किसी विशेष तकनीक में भी माहिर नहीं है पर उनका सबसे अच्छा गुण यही है कि वे कभी कठिन परिश्रम करने से नहीं चूकते। शनयांग सरकार ने उन्हें निजी व्यवसाय खोलने और वास्तु निर्माण में शरीक होने देने के अलावा मनोरंजन क्षेत्र में भी रोजगार के अवसर प्रदान करने के प्रयास नहीं छोड़े। सरकार ने इन लोगों की आय को तीन साल तक कर मुक्त रखने समेत पांच उदार नीतियां भी तय कीं और इस के साथ बैंकों से उन्हें छोटे ऋण दिलाने व पूंजी निवेश आदि कई सुविधाएं प्रदान कर उन्हें छोटे-मोटे धन्धे खोलने में भी मदद दी। इस से बेरोजगार मजदूर अपनीपसंद की नौकरी तलाशने में वास्तविक रूप में सफल हो सके। परिणामस्वरूप 30 प्रतिशत मजदूर किस्म-किस्म की नौकरी पाकर या खुद कोई उद्यम शुरू कर अमन-चैन की जिन्दगी बिताने में सक्षम हुए। शहर के एक निजी उपक्रम के प्रबंधक श्री थंग येन पिंग ने बताया, हमारा कारोबार वास्तव में सरकार की जनता को अमीरी की ओर ले जाने की नीति से फल-फूल रहा है। इसलिए हमारा कर्तव्य बनता है कि सरकार की चिन्ता को दूर करने में हाथ बंटाएं। हमारे कारोबार ने अब तक 53 बेरोजगार मजदूरों को नौकरी दी है। ये मजदूर कहना मानते हैं और बहुत मेहनती हैं। इस से हमारे कारोबार को लाभ पहुंचा है। एक तरफ सरकार ने हमारे लिए कुछ उदार नीतियां बनाई हैं तो दूसरी तरफ इन मजदूरों ने हमारे कारोबार के आर्थिक लाभ पाने में अच्छी भूमिका अदा की है। बड़ी उम्र वाले बेरोजगार मजदूर फिर से रोजगार पाने की कठिनाई में फंसे समूह का निर्माण करते हैं। उन्हें खुद अपना धन्धा चलाने में तो मुश्किलें आती ही हैं ,बहुत से कारोबार बड़ी उम्र वाले इन लोगों को काम देने से भी हिचकिचाते हैं। शनयांग सरकार ने इन लोगों की उम्र का लिहाज कर उन्हें गलियों व सड़कों पर गश्त लगाने, यातायात पुलिस की मदद करने, सामुदायिक क्षेत्रों के बगीचों की रखवाली करने , फुटपाथ की मरम्मत करने जैसे काम दिये।इस तरह विशेष पूंजी निवेश के जरिये सरकार ने ऐसे करीब 20 हजार लोगों की बेरोजगारी का हल निकाला। सभी बेरोजगार मजदूरों के लिए सरकार ने कम्प्यूटर और एकाउंटिंग जैसे विभिन्न पेशों की प्रशिक्षण कक्षाएं भी खोलीं , ताकि वे समाज के आधुनिकीकरण से उपजी मांग से ताल मेल बिठा सकें और नये रोजगार के लिए आवश्यक तकनीकी ज्ञान हासिल कर सकें। कई सालों के प्रयासों के बाद शनयांग के 4 लाख, 10 हजार बेरोजगार मजदूरों में से 3 लाख 60 हजार ने नए रोजगार के लिए जरूरी महारत हासिल कर नयी नौकरियां भी प्राप्त कीं । सरकार ने इन लोगों को अपनी नियोक्ता संस्थाओं के साथ रोजगार अनुबंध करने की सलाह देने के साथ उन्हें सामाजिक प्रतिभूति बीमा में शामिल होने में भी मदद दी। इससे इन लोगों को अधिकाधिक व्यक्तिगत अधिकार हासिल करने की गारंटी मिली । शनयांग की एक वास्तु निर्माण कम्पनी में 30 साल काम करने के बाद नौकरी से हाथ धो बैठे एक मजदूर ने सरकार की उदार नीतियों के बूते फिर से नयी नौकरी पाने के बाद कहा,मैं अब एक बिजली मिस्त्री का काम कर रहा हूं। मजदूर की सबसे बड़ी चिन्ता यही होती है कि बुढ़ापे में चिकित्सा व बीमा सुविधा प्राप्त हो सकेगी या नहीं । आज मुझे वृद्धावस्था बीमा और चिकित्सा बीमा हासिल है । मेरा वेतन भी संतोषजनक है। मैं अपनी नयी नौकरी को लेकर बहुत खुश हूं। हालांकि शनयांग शहर ने बेरोजगारों को फिर से रोजगार दिलाने के लिए बहुत सी विशेष नीतियां तैयार करने के अलावा और दूसरी मदद भी दी है, तो भी वहां 60 हजार मजदूर अब तक नया काम पाने में विफल रहे हैं। सरकार भविष्य में भी विभिन्न व्यवसायों में रोजगार के नए अवसरों की तलाश करेगी और सरकारी बजट में रोजगार के अवसरों के लिए आवश्यक पूंजी की आपूर्ति करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ेगी। शनयांग के श्रम व सामाजिक प्रतिभूति ब्यूरो के उपनिदेशक श्री सुन नाए इ ने सरकारी नीति को सार्थक रूप से अमल में लाने के लिए अगले साल और अधिक मेहनत करने का वचन दिया है।