शायद आप को मालूम हुआ होगा कि दक्षिण पश्चिम चीन का क्वांगसी च्वाङ स्वायत्त प्रदेश चीन की प्रमुख अल्पसंख्यक जाति यानी च्वाङ जाति बहुल प्रदेश है , जहां एक करोड़ साठ लाख च्वाङ लोग रहते हैं । च्वाङ जाति की दर्जनों शाखाएं होती हैं , जिन में से काला वस्त्र वाली शाखा अधिक मशहूर है , क्यों कि इस शाखा के लोग काला रंग का वस्त्र पहनना पसंद करते हैं , इसलिए वह काला वस्त्र शाखा कहलाता है । चीन की अन्य अल्पसंख्यक जातियों की ही तरह च्वाङ जाति के लोग भी गाने नाचने के शौकिन हैं।
नापो काँउटी क्वागंसी च्वाङ स्वायत्त प्रदेश के दक्षिण पश्चिमी भाग नें स्थित है , जो चीन वियतनाम सीमा से सिर्फ पच्चास किलोमीटर दूर है । कांउटी में मुख्यतः च्वाङ , हान , म्याओ ,यो , यी और मालो छै जातियों के लोग निवास करते हैं । इन में से च्वाङ जाति की जन संख्या सब से अधिक । केवल काला वस्त्र वाले च्वाङ वासी पचास हजार हैं । काला वस्त्र वाले च्वाङ वासियों में च्वाङ जाति की प्राचीन परम्परा सुरक्षित रही है ।
कांउटी के बुजुर्ग च्वाङ बंधु वांग ख के अनुसार च्वाङ जाति की इस शाखा में काला वस्त्र पहनने की एक सुन्दर एतिहासिक कहानी प्रचलित है । उन का कहना है, प्राचीन समय ,च्वाङ जाति की इस शाखा पर दूसरी जाति का आक्रमण हुआ था , युद्ध के दौरान शाखा के मुखिया जख्म हो गया , उन के हकीम ने मुखिया के घाव पर नील की मरहमपट्टी लगाई , जल्दी ही घाव भर गया और मुखिया भी चंगा हुए । युद्ध जीतने के बाद मुखिया ने अपने प्रजा को नील के पौधे की खेती करने और नील से वस्त्र रंगाने का आदेश जारी किया , तभी से इस शाखा में काला वस्त्र पहनने की प्रथा चली ।
काला वस्त्र वाली च्वाङ जाति के लोग एकल रंग का काला वस्त्र तो पहनते आए हैं , पर वस्त्रों का डिजाइन बड़ा अनूठा और आकर्षक होता है । आम तौर पर पुरूष ऊपर ऐसा कपड़ा पहनते हैं , जिस के बीचोंबीच धागे से बनाए गए बटन लगे हुए है , और वे नीचे चोड़ा पातलून पहनना पसंद करते हैं । कहते हैं कि इस प्रकार के वस्त्रों से वे श्रम करने तथा पहाड़ी पगडंडी पर आने जाने में आसान होते हैं । काला वस्त्र वाली च्वाङ जाति की महिलाएं शृंगार के पसंदादी हैं , वे गालाकार कालर वाली चुस्त चोली और चोड़ा पायों वाला पतलून पर फन होती हैं। कमर में वे काला कपड़े का चुनीदार स्कर्ट और सिर पर काला शाल बांधती हैं ।
आप को जरूर पता नहीं है कि उन के कमर में जो विशाल स्कर्ट बंधता है , वह सजावट के अलावा विशेष काम का भी आता है । इस प्रकार का स्कर्ट लम्बा चौड़ा है , पहनने पर घुटने से नीचे तक लटके रहता है। नापो कांउटी की एक युवा महिला कहती है, इस प्रकार का स्कर्ट मायका लौटने के समय वस्त्रो को बांधने तथा खेती का काम करने के समय दाल शकरकंद भरने का काम आ सकता है , इस के अवाला सुन्दर आभूषण के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है ।
तियों की भांति काला च्वाङ जाति के बंधु भी गाना गाने के शौकिन हैं , उन के गीत पीढियों से श्रृत होते हैं । गाना विविध विषयों में गाये जाते हैं , किसी में युवाओं के प्रेम की अभिव्यक्ति होती है , किसी में मियां-बीवी के गाढा प्यार की पुकार । गीतों में प्राकृतिक सौंदर्य का वर्णन भी है और रिति रिवाजों का व्याख्यान भी । गीतों के धुन भी कर्णप्रिय है । श्री वांग ख ने एक मशहूर धुन की चर्चा करते हुए कहा, क्वांगसी में लोक गीत प्रचूर मात्रा में मिलते हैं , नापो कांउटी में च्वाङ जाति की 12 शाखाएं है , जिन में लोक गीतों के सात धुन प्रचलित हैं । को शान नामक मशहूर धुन बुलंद और जोरदार लगता है ।
लोक गीत गाना भी काला वस्त्रों वाली च्वाङ जाति की परम्परा है । आधुनिक युग में भी उन की पुरानी परम्परा बरकरार रही है । वे परम्परागत फैशन के वस्त्र पहनते हैं और परम्परागत स्वाद के पकवान खाते हैं और उमंग व उत्साह के साथ अपना परम्परागत त्यौहार मनाते हैं ।
काला वस्त्रों वाली च्वाङ जाति के लोग बड़े मेहमाननवाज हैं और अनोखा भी । जब कोई मैहमान उन के गांव में आए ,तो सभी गांव वासी ,चाहे वह बच्चा हो , या वृद्ध, मेहमान के स्वागत में आगे आते हैं और अभिवादन करते हैं । वे मेहमानों को घर में ले जाते हैं और अपना सब से अच्छा खाना परोस कर सेवा करते हैं और रात को मेहमानों के नहाने के लिए पानी तैयार करते हैं ,वे कभी मेहमानों के आगे नहीं चलते हैं , बिदाई के समय वे गांव के बाहर तक जाते हैं और मेहमानों को अपना बढिया उपहार भेंट करते हैं ।
काला वस्त्रों वाली च्वाङ जाति के जीवन के बारे में उक्त आलेख सुनने के बाद आप को जरूर उस के रिति रिवाज में दिलचस्पी हुई होगी , हां , यदि आप को चीन देखने का मौका मिला , तो यहां भी आए और देखे , आप का भी अवश्य जोशीला स्वागत सत्कार किया जाएगा ।
|