चीन की 1.3 अरब आबादी में से 80 करोड़ लोग देहात में रहते हैं । यह तथ्य बताता है कि चीन में ग्रामीण क्षेत्रों के आर्थिक विकास का कैसा विशेष महत्व है । इधर के कुछ सालों में चीन सरकार ने विज्ञान व तकनीक की मदद से देहातों के आर्थिक विकास को उन्नत करने का भारी प्रयास किया है ।
कुछ समय पूर्व हमारे एक संवाददाता को पश्चिमी चीन के शानशी प्रांत की मेइशान कांउटी के माच्यांग गांव के किसान श्री चांग के अतिथि बनने का मौका मिला । श्री चांग ने मिर्च उगाकर अपने परिवार को खासा नाम दिलाया है । हाल ही में उन का नया मकान भी बनकर खड़ा हुआ है , और उन का बेटा भी कालेज में दाखिल हुआ है । उन्हों ने कहा कि मुझे मिर्च उगाते दसेक साल हो गये हैं । नयी किस्मों की मिर्चों का उत्पादन उन्नत हुआ है , और इस से मेरी आय पहले के मुकाबले 50 प्रतिशत बढ़ी है । श्री चांग , इन सब का श्रेय प्रोफेसर च्वांग च्या रैन द्वारा अर्जित तकनीक को देते हैं ।
प्रोफेसर च्वांग शानशी प्रांत के शी-आन शहर के उत्तर-पश्चिमी कृषि विश्वविद्यालय के बीज-संवर्द्धन विशेषज्ञ हैं । वे विश्वविद्यालय में अनुसंधान करने के साथ साथ अक्सर देहातों में स्वविकसित बढ़िया बीज़ों का प्रचार करने भी जाते हैं । प्रोफेसर च्वांग जैसे कृषि विशेषज्ञों के समर्थन के लिये शानशी प्रांत की सरकार ने प्रांत के अनेक गांवों में ऐसे विशेष केंद्र बनाने के लिये पूंची खर्च की हैं , जो ऐसे विशेषज्ञों द्वारा गांवों में कृषि उपयोगी तकनीकों के प्रशिक्षण और प्रचार के स्थल माने जाने लगे हैं । इन केंद्रों में आम अनुसंधान के उपकरण तथा रहन-सहन की चीज़ें उपलब्ध हैं । प्रोफेसर च्वांग ने बताया कि उन का केंद्र मुख्य तौर पर मिर्च के नये बीज़ों व तकनीकों का अनुसंधान व प्रचार करता है । उन्हों ने अपने काम की चर्चा में कहा कि मिर्च शानशी प्रांत की प्रमुख उपज़ों में से एक है । मैं इस की पांच नयी किस्मों का विकास करने में सफल रहा , और इन का देश में ही नहीं , देश के बाहर यानी दक्षिण पूर्वी एशिया के कुछ देशों में भी प्रचार किया जा चुका है ।
बिछले 3 सालों में प्रोफेसर च्वांग ने 80 हजार किसानों को तकनीकी प्रशिक्षण दिया , और वे किसानों के अमीर बनने में मददगार रहे । इन किसानों ने प्रोफेसर च्वांग से सीखी तकनीकों का अपने साथियों में भी प्रचार किया ।
शानशी प्रांत में मिर्च के अनुसंधान के विशेषज्ञ केंद्र के अतिरिक्त सेव , स्ट्रोबेरी जैसे फसलों तथा जंगल और पशुओं आदि के अनुसंधान की विशेषज्ञ शालाएं भी स्थापित हैं । इन सभी में किसान देश विदेश की नवीनतम कृषि उपयोगी तकनीकें सीखते हैं । इस से शानशी प्रांत के पाओची इलाके के 6 लाख किसानों को लाभ हुआ है , उन की प्रति व्यक्ति वार्षिक आय में औसतन 100 यवान की वृद्धि हुई है । अब न सिर्फ शानशी प्रांत , बल्कि चीन के अन्य इराकों में भी इस तकनीक का प्रचार किया जा रहा है ।
1980 के दशक से ही चीन के देहातों में बड़ी संख्या में ग्रामीण कारोबारों की स्थापना हो गयी । अब देश के ऐसे कुल 2 करोड़ कारोबारों में 13 करोड़ लोग कार्यरत हैं । लेकिन ऐसे अधिकांश कारोबारों का तकनीकी स्तर अभी निम्न है और उन की स्पर्द्धा शक्ति भी कमजोर है । इस में बदलाव लाने के लिये बहुत से ग्रामीण कारोबारों ने उच्च तकनीक का आयात शुरू कर दिया है । चीनी कृषि मंत्रालय के पदाधिकारी श्री छी ने कहा कि अब देश के बहुत से ग्रामीण कारोबार विदेशों से उन्नत तकनीकों और साजसामानों के आयात को महत्व दे रहे हैं । नयी तकनीकों के इस्तेमाल से इन कारोबारों का स्तर उन्नत हुआ है और उन के द्वारा उत्पादित वस्तुएं भी सुधरी हैं । इधर चीन के ग्रामीण कारोबारों ने कृषि उत्पादों की प्रोसेसिंग तथा वस्त्र आदि परंपरागत उद्योगों से मुक्त होकर नयी सामग्री तथा उच्च व नयी तकनीकों का विकास शुरू कर दिया है ।
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