चीन में 56 जातियां रहती है । ह्वई जाती उन में से एक है , जो ईस्लाम की अनुयायी हैं । पेइचिंग के शीतान कस्बे की एक मशहूर सड़क का नाम है न्यूच्ये , उस के 20 प्रतिशत निवासी ह्वेई जाति के हैं यानी मुस्लिम हैं । न्यूच्ये के इन निवासियों का एक खास स्कूल भी है , जिस के सभी 700 छात्रों में से अधिकतर ह्वेई जाति के हैं , यों इन में मंगोल और मान जाति के कुछ छात्र भी हैं । न्यूच्ये ह्वेई जातीय प्राइमरी स्कूल 70 साल पुराना है , इस की स्थापना कुछ इमामों ने की थी , नये चीन की स्थापना के बाद सरकार ने इस स्कूल का दो बार विस्तार कर इसे एक आधुनिक प्राइमरी स्कूल का रूप दिया ।
हमारे स्कूल का कुल फर्शीक्षेत्रफल 9800 वर्ग मिटर है , स्कूल में कुल 14 कमरे हैं , और सभी आधुनिक शिक्षा उपकरणों से लैस हैं । स्कूल की इमारत की दीवारों पर चीनी , अरबी और मंगोल आदि भाषाओं में जो इबारतें लिखी दिखती हैं , वे सब इस स्कूल के छात्रों की रचनाएं हैं । ह्वेई प्राइमरी स्कूल में दूसरे स्कूलों की तरह सामान्य शिक्षा के अतिरिक्त , मुस्लिम संगीत-नृत्य , ह्वेई जातीय खेल व संगीत वाद्यों का भी प्रशिक्षण दिखा जाता है ।
13 वर्षीय लड़का मायांग इस स्कूल की छठी कक्षा का छात्र है । मायांग को अपनी सभी कक्षाएं पसंद हैं । यहां पढ़ाई के अतिरिक्त उस ने शिल्प-कौशल भी हासिल किया है । मायांग ने कहा कि मुझे चित्रकला की कक्षा बहुत पसंद है । मेरे एक चित्र को हमारे कस्बे की प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार भी मिला । इस स्कूल की पढ़ाई से मेरी रचनात्मकता उन्नत हो रही है । फिर इस की खेल की कक्षा भी हमारी तंदुरूस्ती के लिये भी फायदेमंद है ।
मायांग की मां अपने बेटे की स्कूली पढ़ाई में भारी दिल्चस्पी लगी हैं । उन्हों ने कहा कि अपने लड़के को इस ह्वेई जातीय प्राइमरी स्कूल में दाखिल कराने का उद्देश्य , न सिर्फ उसे जातीय परंपरा और संस्कृति की जानकारी दिलवाना है , बल्कि उस में दूसरी जातीयों के बच्चों के साथ मिलजुलकर रहने की आदत भी डलवाना है ।
न्यूच्ये क्षेत्र में ह्वेई प्राइमरी स्कूल के अलावा एक ह्वेई मिडिल स्कूल भी है । इस स्कूल के मिडिल और हाई दो भाग हैं । स्कूल के सभी 2000 छात्रों का अधिकांश ह्वेई , मंगोल , मान , कज़ाख और उइगुर जातियों से आता है । स्कूल के अध्यक्ष श्री यू ने बताया कि इन दस सालों में पेइचिंग मुनिसिपैलटी ने इस स्कूल को इंटरनेट जुड़ने , उसे विभिन्न साजसामानों से लैस करने और उस के परिदा के निर्माण पर कुल 5 करोड़ यवान खर्च किये । उन्हों ने कहा कि अब हमारे स्कूल में इंटरनेट के साथ जुड़ा क्षेत्रीय नेट भी स्थापित है । सभी अध्यापकों और छात्रों को सब अध्ययन की इलेक्ट्रोनिक सुविधा हासिल है । और सभी क्लासरूम इलेक्ट्रोनिक क्लासरूम बन चुके हैं ।
इस के अलावा ऐसे कुछ छात्र , जिन के घर दूर हैं , स्कूल के छात्रावास में रहते हैं । छात्रावास में वातानुकूलन , टेलिविजन , टेलिफोन आदि की सारी सुविधाएं प्राप्त हैं । छात्रावास में रहने वाली कज़ाख लड़की साईला बहुत जल्द ही स्कूल से उत्तीर्ण हो जाएगी । अपने स्कूली जीवन की चर्चा करते हुए साईला ने कहा कि मैं ने यहां 6 साल पढ़ाई की है । अध्यापकों और सहपाठियों ने पढ़ाई और जीवन आदि सभी क्षेत्रों में मुझे बड़ी मदद दी है । मेरे अंक हमेशा कक्षा की अग्रिम पंक्ति में रहे हैं ।
पता चला है कि अब तक कुल 40 हजार छात्र ह्वेई जातीय मिडिल स्कूल से निकल चुके हैं , और उन का अधिकांश देश के शिक्षा , विज्ञान और तकनीक के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है , और उन में कुछ धार्मिक जगत के जाने माने व्यक्ति भी बने हैं ।
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